अल्मोड़ा।
विकास भवन से बेस चिकित्सालय तक सड़क के जीर्णोद्धार और डामरीकरण को लेकर गठित संघर्ष समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में घरगर, गूठ, भनार, रैलापाली, तलाड़, सैनार, रैखौली, सरकार की आली, पाली, पांडेखोला, तलाड़ भनार, सनार आदि गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। इस अवसर पर संघर्ष समिति के अध्यक्ष और पूर्व विधायक प्रत्याशी विनय किरौला को सड़क के सुधार हेतु किए गए उल्लेखनीय संघर्ष और नेतृत्व के लिए सम्मानित किया गया।
विनय किरौला के नेतृत्व में गठित संघर्ष समिति ने 2012 से लेकर अब तक शांति पूर्ण आंदोलनों के माध्यम से सड़क सुधार की मांग को जीवंत बनाए रखा। सड़क की जर्जर हालत के कारण हल्की बारिश में भी यह दलदल में बदल जाती थी, जिससे क्षेत्र नगर से कट जाता था। संघर्ष समिति के प्रयासों के परिणामस्वरूप सरकार ने सड़क के जीर्णोद्धार और डामरीकरण के लिए बजट स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ कर दिया है। इस आंदोलन की प्रेरणा महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर आधारित रही, जिसमें लोकतांत्रिक तरीकों से आवाज उठाई गई।
ग्रामीणों ने कई बार लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों, जिला प्रशासन और राज्य सरकार तक अपनी मांगों को ज्ञापनों के माध्यम से पहुँचाया। अंततः संघर्ष समिति को सफलता मिली और आज सड़क का नवीनीकरण कार्य तेजी से चल रहा है। बैठक में निर्णय लिया गया कि विनय किरौला को उनके नेतृत्व, संघर्ष और सामाजिक कार्यों के लिए सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर ग्रामीणों ने शॉल उड़ाकर और पुष्पगुच्छ भेंट कर उन्हें सम्मानित किया तथा उनके कृतित्व व व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।
बैठक में भविष्य की समस्याओं पर भी गहन चर्चा हुई, जिसमें क्षेत्र में पेयजल, बिजली, चिकित्सालय, स्कूल और गृह उद्योग जैसी मूलभूत आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित किया गया। ग्रामीणों ने सड़क निर्माण के दौरान आ रही भूमि संबंधी समस्याओं पर भी चर्चा की, विशेषकर उन व्यक्तियों को उचित मुआवजा न मिलने की चिंता व्यक्त की गई जिनकी भूमि सड़क निर्माण में चली गई है।
विनय किरौला ने स्पष्ट किया कि सड़क निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर संघर्ष समिति पूरी नजर रखेगी और अगली बरसात के बाद कार्य की वास्तविक स्थिति का मूल्यांकन किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जनसेवा के कार्यों में आने वाली कानूनी चुनौतियों के बावजूद उनका जीवन समाजसेवा के लिए समर्पित रहेगा।
बैठक में यह भी उजागर किया गया कि अनार निवासी शीला उप्रेती के मार्ग निर्माण का बोर्ड लगाया गया था, परंतु वास्तविक निर्माण कार्य नहीं हुआ। संघर्ष समिति ने इस विषय को भी गंभीरता से उठाने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर एसडी शर्मा, रूप सिंह चंद्र बिष्ट, प्रकाश बिष्ट, आशीष बिष्ट, सुजीत टम्टा, भुवनेश बिष्ट, पूरन सिंह नंदी बिष्ट, मंजू बिष्ट, शीला उप्रेती समेत लगभग 60 ग्रामीण उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर संघर्ष समिति के नेतृत्व और सामाजिक कार्यों को सराहते हुए भविष्य के लिए संकल्पबद्ध होकर आगे बढ़ने का संकल्प लिया।