चौखुटिया (अल्मोड़ा)। विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा चौखुटिया ब्लॉक के दिगौत गांव में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें महिला किसानों की प्रमुख चुनौतियों को समझा गया तथा उन्नत खेती की जानकारी साझा की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक डॉ. लक्ष्मीकांत ने की। उन्होंने किसानों से सीधा संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं और शोध के माध्यम से समाधान का आश्वासन दिया।
किसानों ने बताया कि सिंचाई की उचित व्यवस्था, जंगली जानवरों से फसल की सुरक्षा, उन्नत बीजों की अनुपलब्धता और समय पर खाद व रसायनों की कमी उनकी प्रमुख समस्याएं हैं। अभियान की नोडल अधिकारी डॉ. कुशाग्रा जोशी ने कहा कि महिला किसानों को सशक्त बनाकर ही राज्य की कृषि व्यवस्था को बदला जा सकता है।
कार्यक्रम में किसानों को पर्वतीय क्षेत्रों के लिए उपयुक्त फसलों जैसे मंडुआ, मादिरा और लाल धान की उन्नत किस्मों की जानकारी दी गई। मृदा स्वास्थ्य कार्ड, मृदा नमूना विश्लेषण, तथा कुरमुला नियंत्रण के लिए लाइट ट्रैप तकनीक पर भी प्रकाश डाला गया। वैज्ञानिक डॉ. दिनेश चंद्र जोशी ने मंडुआ उत्पादन व ‘वीएल मंडुआ 400’ नामक नई किस्म के बीज किसानों को वितरित किए और पारंपरिक छिंटकवा विधि के बजाय रोपाई विधि अपनाने की सलाह दी।
अभियान के तहत वैज्ञानिकों ने अल्मोड़ा और चमोली जिलों के 36 गांवों का भ्रमण कर 558 किसानों से संवाद किया। सल्ट ब्लॉक में मंडुआ, मिर्च, अदरक, हल्दी, कुल्थी आदि फसलों की उन्नत किस्मों व रोग-कीट प्रबंधन पर चर्चा की गई। स्थानीय पीली मिर्च ‘डाडा’ की समस्याओं पर तकनीकी सुझाव भी प्रस्तुत किए गए।
जोशीमठ के पांच गांवों में 146 किसानों से संवाद कर ड्रोन तकनीक, युवा प्रवासन, और फसल बीमा योजना पर जानकारी दी गई। साथ ही, चप्पन कद्दू, मटर, प्याज आदि की उन्नत रोपण सामग्री और खरीफ फसलों का तकनीकी साहित्य वितरित किया गया।
संस्थान किसानों के साथ मिलकर कृषक सहभागी मंडुआ बीज उत्पादन योजना पर भी कार्य कर रहा है, ताकि बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।