गांधी पार्क, अल्मोड़ा बना जनआंदोलन का साक्षी, शासन ने मानी ग्रामीणों की मांगे
अल्मोड़ा – आखिरकार ग्रामीणों की लंबी जद्दोजहद रंग लाई। राष्ट्र नीति संगठन के तत्वावधान में और वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद चंद्र तिवारी के नेतृत्व में गांधी पार्क, अल्मोड़ा में पिछले 44 दिनों से जारी आंदोलन को बड़ी सफलता मिली है। सरकार ने ग्रामीणों की तीन मुख्य मांगों पर सकारात्मक रुख दिखाते हुए समाधान का भरोसा दिलाया है।
मुख्य मांगों में ग्राम पंचायत खूंट, धामस, सेनार, चाण, रौन, डाल को जोड़ने के लिए कोसी नदी पर पुल निर्माण, सड़क का डामरीकरण, जीआईसी खूंट में बच्चों के लिए पेयजल की व्यवस्था और पहाड़ी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग शामिल थी। सरकार ने इन मांगों को लेकर गंभीरता दिखाई है और कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
गांधी पार्क में आयोजित सभा में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों की उपस्थिति रही। सभा में पहुंचे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने विभागीय अधिकारियों के साथ आंदोलनकारियों की वार्ता करवाई। शासन स्तर पर दो माह के भीतर सड़क और पुल का टेंडर जारी करने की घोषणा की गई। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि पुल निर्माण के लिए 5.50 करोड़ रुपये और सड़क के डामरीकरण के लिए 3 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की जा चुकी है।
पेयजल समस्या को लेकर अधिकारियों ने एक माह के भीतर समाधान का भरोसा दिया है। साथ ही पानी की टंकी और पाइपलाइन को सुधारने का कार्य भी शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा। अनुसूचित जनजाति दर्जे के विषय पर भी शासन द्वारा विचार करने का आश्वासन दिया गया। श्री चौहान ने स्पष्ट किया कि यदि तय समयावधि में कार्य प्रारंभ नहीं होता है, तो वे स्वयं ग्रामीणों के साथ आंदोलन में शामिल होंगे।
इस आंदोलन के दौरान ग्रामीणों ने गांव-गांव जाकर शिक्षा और जनजागरूकता अभियान चलाया, जिसमें 2000 लोगों से प्रतीकात्मक रूप से ₹1 की भिक्षा एकत्र कर प्रशासन को सौंपी गई, जिसे राजकीय कोष में जमा करने की मांग की गई।
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और रघुनाथ सिंह चौहान के प्रति आभार जताया। साथ ही अधिवक्ता विनोद चंद्र तिवारी को विशेष धन्यवाद दिया, जिन्होंने अपने न्यायिक कार्यों को छोड़कर 44 दिनों तक इस आंदोलन को नेतृत्व प्रदान किया। ग्रामीणों ने उन्हें “विकास पुरुष” की संज्ञा दी और कहा कि वे इतिहास में इस आंदोलन के प्रतीक के रूप में याद किए जाएंगे।
आंदोलन समिति ने मदन सिंह बिष्ट, नन्दन सिंह बिष्ट, अजय जोशी, गोविंद प्रसाद, पूरन सिंह बोरा, सुरेश तिवारी, नीमा आर्य, सुशील शाह, मीडिया कर्मी, जिला प्रशासन सहित सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।
आज की सभा में प्रमुख रूप से रवि रौतेला, कुंदन लटवाल, बिट्टू कर्नाटक, हर्ष कनवाल, पूरन सिंह, अर्जुन सिंह, विनीत बिष्ट, धर्मेंद्र बिष्ट, भावना पांडे, पूनम पालीवाल, निशा, नवीन बिष्ट, मनोज तिवारी, लक्ष्मण सिंह, दीपक आर्य, देवेंद्र मेहता आदि ग्रामीण उपस्थित रहे।
यह आंदोलन अब केवल एक स्थानीय मुद्दा नहीं रहा, बल्कि जनसंकल्प और लोकतांत्रिक संघर्ष का प्रतीक बन गया है।