अल्मोड़ा :
राष्ट्र नीति संगठन के तत्वावधान में अधिवक्ता विनोद चंद्र तिवारी के नेतृत्व में ग्राम पंचायत खूंट, धामस, सेनार, रौन, डाल और चाण क्षेत्र की जनसमस्याओं को लेकर चल रहा आंदोलन मंगलवार को 23वें दिन में प्रवेश कर गया। साथ ही ‘भीख मांगो अभियान’ का तीसरा दिन रौन, डाल, जुड़ काफून और रीगल क्षेत्र में आयोजित किया गया, जिसे ग्रामीणों का जबरदस्त समर्थन मिला।
ग्रामीणों ने सरकार की उपेक्षा के खिलाफ नाराजगी जताते हुए आर्थिक सहयोग के साथ आंदोलन में सक्रिय भागीदारी की। क्षेत्र की प्रमुख मांगों में कोसी नदी पर पुल का निर्माण, सड़क डामरीकरण, जीआईसी खूंट में पेयजल व्यवस्था तथा उत्तराखंड के पहाड़ी समुदायों को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग शामिल हैं।
नुक्कड़ सभाओं में वक्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द समाधान नहीं निकाला, तो ग्रामीण आगामी चुनावों में वोट के माध्यम से जवाब देंगे। सत्ताधारी दल के प्रतिनिधियों के गांवों में विरोध का भी ऐलान किया गया।
महिलाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही। ‘भीख कार्यक्रम’ के जरिए सरकार की उदासीनता पर व्यंग्य किया गया और आमजन को जोड़ने का प्रयास किया गया।
इस अवसर पर नीमा आर्या, धनीराम, प्रेमा देवी (ग्राम प्रधान रौन), साहिल आर्य, ज्योति, संगीता, ललिता देवी, मदन सिंह, कुंती देवी, भाव राय, गौवली देवी, हिरूली देवी, भगवती देवी, पार्वती देवी, उम्मीद सिंह व पुष्पा चौहान सहित अनेक ग्रामीण उपस्थित रहे।