अल्मोड़ा –
उत्तराखंड टी बोर्ड के उपाध्यक्ष महेश्वर सिंह मेहरा ने कहा कि प्रदेश में चाय उत्पादन को बढ़ावा देकर अधिक से अधिक लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा। इसके लिए बोर्ड की ओर से हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष जागरूकता शिविर आयोजित कर लोगों को चाय उत्पादन की तकनीकी जानकारी दें, जिससे अधिक से अधिक लोग इस व्यवसाय से जुड़ सकें।
ये बातें उन्होंने अल्मोड़ा स्थित टी बोर्ड निदेशालय में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान कही। मेहरा ने कहा कि चाय विकास बोर्ड का दायित्व मिलने के बाद उनका यह निदेशालय का पहला दौरा है। उन्होंने बताया कि टी बोर्ड के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि चाय उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जाए।
उपाध्यक्ष मेहरा ने कहा कि उत्तराखंड के चाय बागानों में उत्पादित चाय की देश-विदेश में अच्छी मांग है, और इसकी गुणवत्ता इसे वैश्विक बाजार में एक अलग पहचान दिला सकती है। ऐसे में यह आवश्यक है कि सरकार व बोर्ड मिलकर इस क्षेत्र में योजनाएं बनाएं और स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण व संसाधन उपलब्ध कराएं। इससे न केवल राज्य की आर्थिकी को बल मिलेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
उन्होंने कहा कि वह शीघ्र ही उत्तराखंड के विभिन्न चाय बागानों का निरीक्षण करेंगे तथा उत्पादकों की समस्याओं को सुनकर उन्हें दूर करने का हरसंभव प्रयास करेंगे। निदेशालय के दौरे के दौरान उपाध्यक्ष ने कर्मचारियों की समस्याएं भी सुनी और उन्हें शीघ्र समाधान का भरोसा दिलाया।
कार्यक्रम में उन्होंने विशेष रूप से टी बोर्ड के अधिकारियों को अल्मोड़ा जनपद के स्याल्दे और सल्ट ब्लॉकों में शीघ्र शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए, ताकि इन क्षेत्रों में चाय उत्पादन को लेकर जागरूकता फैलाई जा सके।
इस अवसर पर टी बोर्ड के वित्त अधिकारी अनिल खोलिया ने उपाध्यक्ष मेहरा का स्वागत किया और बोर्ड की कार्यप्रणाली, योजनाओं व आगामी लक्ष्यों की जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार बोर्ड स्थानीय उत्पादकों को तकनीकी सहायता, बीज, खाद और विपणन की सुविधा उपलब्ध करा रहा है।
इस कार्यक्रम में रोहित मेहरा, मनीष जोशी, अर्जुन स्यूनरी, मंगल सिंह, दीपक पांडे, डॉ. भूपेंद्र डेका, नंदन कुमार, ललित अधिकारी समेत कई अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
उपाध्यक्ष मेहरा के दौरे से कर्मचारियों और चाय उत्पादकों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है और उम्मीद की जा रही है कि बोर्ड की सक्रियता से उत्तराखंड के चाय उद्योग को नई ऊँचाइयाँ मिलेंगी।