गुप्त नवरात्रि के पावन अवसर पर नौ दिवसीय कथा यज्ञ में भक्ति और मुक्ति का संदेश
अलमोड़ा । भव्य कलश यात्रा और धार्मिक अनुष्ठान के साथ कालिका मंदिर फलसीमा में श्रीमद् देवी भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। गुप्त नवरात्रि के पावन अवसर पर आयोजित इस नौ दिवसीय कथा यज्ञ में देवी भागवत पुराण की महिमा का भावपूर्ण वाचन किया जाएगा।
कथा व्यास आचार्य संजय कृष्ण जोशी ने अपने प्रवचन में कहा कि पुराणों में सम्पूर्ण भूलोक को मातृरूप में वर्णित किया गया है, जिससे स्पष्ट होता है कि सनातन धर्म में महिलाओं का विशेष स्थान है। उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में तकनीक आवश्यक है, लेकिन यदि मनुष्य में संस्कार नहीं हैं तो वह तकनीकी ज्ञान होते हुए भी पशु के समान होता है।
आचार्य जोशी ने बताया कि गुप्त नवरात्रि में देवी भागवत कथा का श्रवण अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। अठारह पुराणों में देवी भागवत पुराण को शाश्वत और मोक्षदायिनी बताया गया है। उन्होंने कहा, “जहां नारियों की पूजा होती है, वहां देवताओं का वास होता है।” समाज के विकास के लिए महिलाओं को सम्मान देना अनिवार्य है। भागवत कथा में मां भगवती के पराक्रम, त्याग, स्नेह, वात्सल्य और प्रेम का अद्भुत चित्रण मिलता है। सभी पुराणों का सार यही है कि प्राणी मात्र की निस्वार्थ सेवा ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है।
कथा से पूर्व मां कालिका सेवा मंडल एवं फलसीमा ग्रामवासियों के सहयोग से विशाल कलश यात्रा निकाली गई। बड़ी संख्या में महिलाएं फलसीमा नौले पर एकत्र हुईं और मंत्रोच्चार के साथ अपने-अपने कलशों में पवित्र जल भरा। यात्रा ने लगभग तीन किलोमीटर की दूरी तय करते हुए कालिका मंदिर तक पहुंच बनाई। मार्ग भर में माता के जयकारों से वातावरण भक्तिमय बना रहा।
कथा यजमान त्रिलोक सिंह बिष्ट ने श्रीमद् भागवत महापुराण को सिर पर धारण कर यात्रा में सहभागिता की। कार्यक्रम में पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा, पूर्व जिला अध्यक्ष रमेश बहुगुणा, रविंद्र पांडे, पूर्व पालिका अध्यक्ष शोभा जोशी, धन सिंह बिष्ट सहित कई श्रद्धालु उपस्थित रहे।
भव्य कलश यात्रा के साथ कालिका मंदिर फलसीमा में श्रीमद् देवी भागवत कथा का शुभारंभ

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