अल्मोड़ा, सर्वदलीय समिति अल्मोड़ा की ओर से एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया जिसमें देश में वर्तमान हालात, सीमाओं पर तनाव और पाकिस्तान द्वारा की गई हालिया कार्रवाइयों पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में सभी दलों के प्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नागरिकों ने भाग लेकर एक स्वर में पाकिस्तान की निंदा की और राष्ट्रीय एकता, शांति और सामाजिक समरसता की अपील की।
बैठक की अध्यक्षता पूर्व पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने की और संचालन मनोज सनवाल द्वारा किया गया। बैठक की शुरुआत करते हुए प्रकाश चंद्र जोशी ने कहा कि “अल्मोड़ा की धरती हमेशा से सांप्रदायिक सौहार्द और एकता की मिसाल रही है। आज जब पाकिस्तान ने देश के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की है, हमें एकजुट होकर इसका विरोध करना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि सीमाओं पर युद्ध जैसे हालात सभी के लिए घातक हैं और इस समय पूरे समाज को मिलकर देश के हित में सोचने की आवश्यकता है।
बैठक में वक्ताओं ने विभिन्न पहलुओं पर अपनी राय रखते हुए सामाजिक सहयोग और देशभक्ति की भावना का आह्वान किया। गीता मेहरा ने सीमावर्ती इलाकों की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि “इस समय महिलाओं को भी आगे बढ़कर रक्तदान जैसे कार्यों में भागीदारी निभानी चाहिए।” नूर खान ने भावुक शब्दों में कहा, “जब भी हम तिरंगे को देखते हैं, गर्व से हमारे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। भारतीय मुसलमानों के खून में भारतीयता है। हम हमेशा देश के साथ खड़े रहेंगे।”
बीना नयाल ने आश्वासन दिया कि “देश को जब भी हमारी जरूरत पड़ेगी, हम निसंकोच आगे आएंगे।” दीप जोशी ने कहा कि आज का समय केवल आलोचना नहीं, बल्कि राष्ट्रीयता का परिचय देने का है। “युद्ध की स्थिति उत्पन्न होती है तो हमें यह सोचना होगा कि हम क्या कर सकते हैं और किस प्रकार से सहयोग दे सकते हैं।”
भूपेंद्र वाल्दिया ने राष्ट्रीय एकता पर बल देते हुए कहा, “आज का समय एकता का है। हमें जाति, धर्म और भाषा से ऊपर उठकर केवल भारतीय बनकर खड़ा होना होगा।” शंकर दत्त भट्ट ने सुझाव दिया कि “रक्तदान हेतु लोगों की सूची तैयार की जानी चाहिए और अफवाहों से बचना चाहिए।” उन्होंने कहा कि समाज की पहचान जाति से नहीं, बल्कि देशभक्ति से होती है।
दयाकृष्ण कांडपाल और त्रिलोचन जोशी ने भी अफवाहों से बचने और केवल प्रमाणिक सूचनाओं पर विश्वास करने की अपील की। त्रिलोचन जोशी ने कहा, “हमें अपने आस-पास के हालात को समझकर सेना के जवानों के परिवारों के साथ खड़ा रहना चाहिए। इस समय हमें शादियों में आतिश बाजी करने से बच्चन चाहिए”
प्रकाश जोशी ने विशेष रूप से अपील की कि “देश के माहौल को देखते हुए शादियों में आतिशबाज़ी जैसी गैरज़रूरी गतिविधियों से बचना चाहिए।” मनोहर सिंह नेगी ने पाकिस्तान को आतंकवाद का पोषक बताया और कहा कि भारत की एकता उसकी सबसे बड़ी ताकत है।
बैठक में यह प्रस्ताव लिया गया कि अल्मोड़ा के आसपास के क्षेत्रों में जो सैनिक वर्तमान में सीमा पर तैनात हैं, उनके परिवारों की जानकारी एकत्र कर हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही रक्तदान को सुनिश्चित करने के लिए एक समर्पित अभियान चलाया जाएगा, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति से उनके रक्त समूह की जानकारी लेकर सूचीबद्ध किया जाएगा ताकि आवश्यकता पड़ने पर उसे समय पर जरूरतमंदों तक पहुंचाया जा सके।
सभी वक्ताओं ने एक स्वर में अपील की कि “राष्ट्रीय हित में केवल सरकार द्वारा जारी अधिकृत सूचनाओं को ही सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से प्रसारित किया जाए और भ्रामक अफवाहों से बचा जाए।”
इस बैठक में बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक और समाजसेवी उपस्थित रहे, जिनमें रेडक्रॉस के अध्यक्ष आशीष वर्मा, डॉ. जी.सी. दुर्गापाल, दीप जोशी, भूपेंद्र वाल्दिया, सुनील कर्नाटक, कपिल मल्होत्रा, पार्षद अमित साह ‘मोनू’, शंकर दत्त भट्ट, पार्षद हेम तिवारी, दयाकृष्ण कांडपाल, अशोक पांडेय, नूर खान, लीला बोरा, गीता मेहरा, त्रिलोचन जोशी, एन. अली, अफसर अली, अनीता रावत, अंजू अग्रवाल, दिनेश चंद्र तिवारी, ममता चौहान, अनुराधा अग्रवाल, दीपा अधिकारी, नेहा उप्रेती, शाहनवाज अंसारी, मनोज तिवारी, आनंद वर्मा और मनोहर सिंह नेगी प्रमुख रूप से शामिल रहे।
बैठक का मुख्य संदेश यही रहा कि आज देश को एकजुटता, संयम और सहयोग की आवश्यकता है। और अल्मोड़ा जैसे शहरों से यह संदेश जाए कि भारत हर परिस्थिति में एक है, अडिग है और अजेय है।