Almora – द्वितीय दिवस की रामलीला में प्रमुख आकर्षण रहे दशरथ-विश्वामित्र संवाद, ताडिका द्वारा नरसंहार, मुनियों का यज्ञ विध्वंस, ताडिका वध, मारीच-सुबाहु का राम-लक्ष्मण से युद्ध, सुबाहु वध, अहिल्या उद्धार, और गौरी पूजन।
इस दिन की लीला का शुभारंभ मुख्य अतिथि पियूष जोशी, शिक्षाविद्, द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। देर रात तक चले इस आयोजन में ताडिका और सुबाहु-मारीच के अभिनय ने सभी को रोमांचित किया। राम और लक्ष्मण का मारीच-सुबाहु से युद्ध और अहिल्या उद्धार ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस दिन के मंचन में राम का पात्र निभाने वाले राम-रशि काण्डपाल, लक्ष्मण-वैभवी कर्नाटक, सीता-कोमल जोशी, दशरथ-अखिलेश थापा, विश्वामित्र-एस.एस.कपकोटी, ताडिका-कमल जोशी, मारीच-ममता कपूर, सुबाहु-भावना मल्होत्रा, अहिल्या-गितांजलि पाण्डे, और गौरी-प्रत्यक्षा मल्होत्रा के अभिनय ने सभी को प्रभावित किया।
रामलीला समिति के संस्थापक/संयोजक बिट्टू कर्नाटक की उत्कृष्टता को सराहा गया। कार्यक्रम के दौरान देश-विदेश में ऑनलाइन देखने वाले दर्शकों ने भी रामलीला मंचन की भूरी भूरी प्रशंसा की।
इस अवसर पर दीपक पोखरिया, लीलाधर कांडपाल, पूरन चंद तिवारी, रमेश चंद्र जोशी सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन गीतांजलि पांडे द्वारा किया गया।