श्री लक्ष्मी भंडार (हुक्का क्लब) द्वारा आयोजित रामलीला महोत्सव 2024 का पंचम दिवस बेहद खास रहा। इस अवसर पर राम सीता लक्ष्मण का वन गमन, केवट प्रसंग, भिल्ल प्रसंग, वनवासिन प्रसंग, वाल्मीकि प्रसंग, सुमन्त विलाप, श्रवण कुमार प्रसंग, दशरथ मरण, भारत कैकई संवाद, और चित्रकूट में भरत मिलाप जैसे महत्वपूर्ण प्रसंगों का मंचन किया गया। इस महोत्सव ने सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत करते हुए दर्शकों को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान किया।
लीला का मंचन
कल रात आयोजित रामलीला में दर्शकों की भरपूर संख्या ने भाग लिया। देर रात तक चले इस कार्यक्रम ने सभी को अपनी ओर आकर्षित किया। केवट प्रसंग और श्रवण भक्ति के साथ-साथ राम लक्ष्मण के अभिनय ने दर्शकों का विशेष ध्यान खींचा। विशेष रूप से, चित्रकूट में भरत मिलाप का दृश्य ऐसा था जिसने दर्शकों की आंखों को नम कर दिया। राम विलाप की मार्मिकता ने सभी के दिलों को छू लिया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि इस मंचन का प्रभाव गहरा था।
कार्यक्रम का शुभारंभ
इस लीला का शुभारंभ होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण वर्मा, जगदीश वर्मा, हेम साह, हिमांशु साह, मनोज बिष्ट, और अनिल वर्मा द्वारा दीप जलाकर किया गया। मुख्य अतिथि अरुण वर्मा ने अपने उद्घाटन भाषण में सभी कार्यकर्ताओं को बधाई दी और राम जी के आदर्शों पर चलने का आह्वाहन किया। उन्होंने बताया कि रामलीला केवल एक नाटक नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की प्रेरणा देने वाला एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम है।
मनोज बिष्ट ने रामलीला की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्री लक्ष्मी भंडार की रामलीला विश्व प्रसिद्ध है। यह कार्यक्रम सांस्कृतिक एकता और सामाजिक समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने सभी कलाकारों और सहयोगियों की मेहनत की सराहना की।
संचालन और उपस्थिति
कार्यक्रम का संचालन धीरज साह ने किया, जिन्होंने अपने कुशल संचालन से सभी को कार्यक्रम में बांधे रखा। इस दौरान संस्था के अध्यक्ष धरणीधर पांडे, श्री मनोज साह, विनीत बिष्ट, हरेन्द्र वर्मा, चंद्रशेखर काण्डपाल, नारायण बिष्ट, रोहित साह, भारत गोस्वामी, अभय उप्रेती, ललित मोहन साह, सुबोध नयाल, अर्जुन नयाल, राजेश साह, मनिकरण गुप्ता, विजय चौहान, विनोद थापा, ललित प्रकाश, पूजा थापा, कंचन बिष्ट, अभय साह, दीपक वर्मा, भाष्कर साह, विवेक वर्मा, अजय साह, यश साह, दीक्षा साह, प्रियांशु साह, दीवान कनवाल, दीवान बिष्ट, कैलाश साह, जगत मोहन जोशी, अमित साह, चहक त्रिपाठी, रवीना, संजय साह, सुंदर जनोटी, कमल वर्मा, संजय वर्मा टैनी, अजय चौहान, मीनाक्षी साह, मीनाक्षी जोशी, चम्पा जोशी, डॉ. ललित चंद्र जोशी, मानस वाणी, विनोद गिरी गोस्वामी, हेम गिरि गोस्वामी सहित अनेक प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
सांस्कृतिक महत्व
इस रामलीला महोत्सव ने यह प्रदर्शित किया कि सांस्कृतिक कार्यक्रम समाज में एकता, सौहार्द और धरोहर को जीवित रखने का कार्य करते हैं। रामलीला केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और मूल्यों की गहराई को दर्शाता है। दर्शकों ने अपनी भागीदारी से इस कार्यक्रम को और भी विशेष बना दिया, और सभी ने मिलकर इस अद्भुत आयोजन का आनंद लिया।
इस प्रकार, श्री लक्ष्मी भंडार द्वारा आयोजित रामलीला महोत्सव 2024 ने न केवल धार्मिक आस्था को बल दिया, बल्कि यह भी दर्शाया कि भारतीय संस्कृति आज भी जीवंत और प्रासंगिक है। इस महोत्सव ने दर्शकों को एक नया दृष्टिकोण दिया और उन्हें अपने सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति सजग किया। सभी ने इस लीला का आनंद लिया और इसकी सकारात्मकता से भरे वातावरण में एक अद्वितीय अनुभव साझा किया।