चुनावी व्यस्तता के बीच 24 जुलाई की डेडलाइन बनी व्यापारियों की परेशानी, सरकार से समय सीमा बढ़ाकर 24 अगस्त करने की मांग
अल्मोड़ा। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की प्रक्रिया इस समय जोरों पर है। दो चरणों में होने वाले इन चुनावों का पहला चरण 24 जुलाई, और दूसरा चरण 28 जुलाई को संपन्न होना है। इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया में व्यापारी, ठेकेदार एवं उद्यमी वर्ग बड़ी संख्या में भाग ले रहे हैं। कई कारोबारी स्वयं प्रत्याशी हैं, तो कई प्रचार-प्रसार और चुनावी गतिविधियों में सक्रिय रूप से जुटे हैं।
ऐसे में वर्तमान जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 24 जुलाई 2025, इन व्यापारियों के लिए गंभीर परेशानी का कारण बन गई है। चुनावी कार्यों में व्यस्त होने के चलते अधिकांश व्यापारी तय समय पर रिटर्न दाखिल नहीं कर पा रहे हैं, जिससे उन्हें जुर्माना, ब्याज और अन्य आर्थिक दंडों का सामना करना पड़ सकता है।
इस समस्या को देखते हुए एडवोकेट वैभव पांडे ने प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से जीएसटी रिटर्न की तिथि को कम से कम एक माह बढ़ाकर 24 अगस्त 2025 करने की मांग की है। उनका कहना है कि यह कदम व्यापारियों को न केवल राहत देगा, बल्कि उन्हें चुनावी प्रक्रिया में बिना दबाव के सक्रिय भागीदारी का अवसर भी प्रदान करेगा।
एडवोकेट वैभव पांडे ने कहा,
“छोटे व्यापारी, ठेकेदार और उद्यमी प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। पंचायत चुनावों के समय उनकी चुनावी व्यस्तताओं को नज़रअंदाज़ करना उचित नहीं है। सरकार को चाहिए कि वह त्वरित संज्ञान लेते हुए जीएसटी रिटर्न की समयसीमा बढ़ाए, ताकि इन पर अनावश्यक आर्थिक बोझ न पड़े।”
यह मांग अब राज्यभर के व्यापारी संगठनों, ठेकेदार संघों, और लघु एवं मध्यम उद्यमियों द्वारा भी उठाई जा रही है। इन संगठनों का कहना है कि चुनावों में व्यापारी वर्ग की भागीदारी लोकतंत्र के लिए अहम है, और ऐसे में सरकारी दायित्वों के लिए थोड़ी लचीलापन दिखाना जरूरी है।
व्यापारी संगठनों को उम्मीद है कि वित्त मंत्रालय और जीएसटी काउंसिल इस व्यवहारिक समस्या पर शीघ्र विचार करेंगे और जीएसटी रिटर्न की तिथि बढ़ाकर एक सार्थक और राहतपूर्ण निर्णय लेंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में व्यापारी आर्थिक दंड के शिकार हो सकते हैं, जो न्यायोचित नहीं होगा।
पंचायत चुनावों के चलते व्यापारियों पर जीएसटी रिटर्न का दबाव, एडवोकेट वैभव पांडे ने तिथि बढ़ाने की मांग की

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