उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अल्मोड़ा के अध्यक्ष श्रीकांत पाण्डेय जी के मार्गदर्शन में सुश्री शचि शर्मा, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अल्मोड़ा द्वारा “सुरक्षित दवा, सुरक्षित जीवन” अभियान के तहत जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया गया। इस अभियान के तहत विभिन्न स्थानों पर जागरूकता शिविर आयोजित किए गए, जिनमें इंस्प्रेशन पब्लिक स्कूल शैल गाँव, जिला कारागार, राजकीय किशोरी गृह बख, शिशु सदन और नारी निकेतन अल्मोड़ा शामिल थे।
शिविरों का प्रारंभ नालसा के थीम गीत “एक मुठ्ठी आसमान” के साथ किया गया। इन शिविरों में एन एस एस के विद्यार्थियों, बंदियों, किशोरियों और अन्य व्यक्तियों को स्वस्थ्य सेवा और दवाओं से संबंधित उनके अधिकारों की जानकारी दी गई। इसके साथ ही एक्सपायर्ड दवाइयों और खाद्य पदार्थों के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया। नालसा हेल्पलाइन नंबर 15100, नालसा और सालसा के कार्यों, अधिकार मित्र की भूमिका, निशुल्क विधिक सहायता की प्रक्रिया, साइबर सुरक्षा, साइबर क्राइम्स इत्यादि के विषय में भी जानकारी दी गई।
शिविरों का समापन पुनः नालसा के थीम गीत के साथ हुआ। इस दौरान अधिकार मित्र भी उपस्थित रहे और उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया।
इसके अतिरिक्त, जिला कारागार में एक निशुल्क मानसिक स्वास्थ्य शिविर भी आयोजित किया गया, जिसमें डॉ. वीना तेजन और उनकी टीम ने कारागार में निरूद्ध बंदियों का मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण किया। इस शिविर में तुलसी जौहरी, रिटेनर अधिवक्ता और अधिकार मित्र नीता नेगी भी उपस्थित थीं।
यह अभियान दवाओं और स्वास्थ्य संबंधी अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने का महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ और इससे संबंधित लोगों को उनके अधिकारों और सेवाओं की जानकारी मिली।