सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के विधि संकाय में आयोजित विचार गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में हुए शामिल, विद्यार्थियों में भरा नया उत्साह
अल्मोड़ा,
उत्तराखंड सरकार के जलागम राज्य मंत्री एवं “एक देश, एक चुनाव” अभियान के प्रदेश संयोजक रमेश गढ़िया ने सोमवार को सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के विधि संकाय द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। विधि संकाय के मूट कोर्ट सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में गढ़िया का भव्य स्वागत किया गया। विचार गोष्ठी का उद्देश्य “एक देश, एक चुनाव” जैसे महत्वपूर्ण विषय पर जनजागरूकता बढ़ाना एवं लोकतंत्र को सशक्त बनाने की दिशा में सार्थक संवाद स्थापित करना रहा।
मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए रमेश गढ़िया ने कहा कि “एक देश, एक चुनाव” न केवल चुनावी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगा, बल्कि इससे प्रशासनिक कार्यों में गति, आर्थिक संसाधनों की बचत और राजनीतिक स्थिरता भी सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने विस्तार से बताया कि बार-बार चुनावों से देश में विकास की गति प्रभावित होती है और सरकारों का ध्यान जनहित से हटकर राजनीतिक संतुलन साधने में लग जाता है। इस विचार को अमल में लाकर हम लोकतंत्र को एक नई दिशा दे सकते हैं।
गढ़िया ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार इस विचार को लेकर गंभीर है और देशभर में इस पर संवाद व विमर्श की प्रक्रिया चल रही है। उत्तराखंड भी इस ऐतिहासिक सुधार को साकार करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
कार्यक्रम में भाजपा जिला अध्यक्ष महेश नयाल, पूर्व कुलपति प्रो. जगत सिंह बिष्ट, गोविंद पिलख्वाल, पूर्व जिला अध्यक्ष रवि रौतेला, मेयर अजय वर्मा, पूर्व प्रदेश मंत्री अभाविप लोकेश कालाकोटी, नगर अध्यक्ष विनीत बिष्ट, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष सुनील बिष्ट व राजन जोशी, युवा नेता आशीष जोशी, मंडल महामंत्री मनीष बिष्ट, सुंदर मटियानी, दीपा अधिकारी, पूनम पालीवाल, ग्राम प्रधान दीपक अधिकारी व पूर्व सभासद सौरभ वर्मा सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन कैलाश गुरुरानी ने किया। सभागार में विधि संकाय के शिक्षकगण, छात्र-छात्राएं, एनसीसी कैडेट्स, विभिन्न विभागों के विद्यार्थी व मीडिया प्रतिनिधि बड़ी संख्या में मौजूद रहे। गोष्ठी के पश्चात श्री गढ़िया ने PWD गेस्ट हाउस में भाजपा के नवनियुक्त मंडल पदाधिकारियों से भेंट की, उन्हें माला पहनाकर सम्मानित किया तथा संगठन की मजबूती पर चर्चा की।
कार्यक्रम को स्थानीय और क्षेत्रीय मीडिया द्वारा व्यापक कवरेज दी गई और इसे लोकतंत्र सशक्तिकरण की दिशा में एक सराहनीय पहल बताया गया।