रेफर हो रहीं प्रसव वाली महिलाएं, जनता परेशान – 25 जुलाई तक सुधार का आश्वासन
अल्मोड़ा। संवाददाता।
राजकीय मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा का प्रसूति विभाग अब आम जनता के लिए परेशानी का सबब बन गया है। लगातार प्रसव के लिए आई महिलाओं को हायर सेंटर रेफर किए जाने की शिकायतों के बाद रेडक्रॉस सोसायटी और नगर निगम के दो दर्जन से अधिक पार्षदों ने आज डीएम कार्यालय पहुंचकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा और मेडिकल कॉलेज की लापरवाही पर नाराजगी जताई।
जन प्रतिनिधियों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज का प्रसव विभाग एक ‘रेफरल सेंटर’ बनकर रह गया है, जहां से अधिकतर महिलाओं को बिना उचित इलाज के उच्च संस्थानों को भेजा जा रहा है। इससे न केवल गर्भवती महिलाओं की जान को खतरा होता है, बल्कि गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों पर अत्यधिक आर्थिक बोझ भी पड़ रहा है।
रेडक्रॉस के प्रांतीय सदस्य मनोज सनवाल और नगर पार्षद अमित साह मोनू के नेतृत्व में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि यदि 25 जुलाई तक व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ, तो यह मुद्दा मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया जाएगा।
पार्षद अमित साह मोनू ने कहा कि “राज्य सरकार जनता को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन मेडिकल कॉलेज प्रशासन की लापरवाही से जनता निजी अस्पतालों की शरण में जाने को मजबूर है। यह स्थिति अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
मनोज सनवाल ने कहा कि “यह मसला गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों से जुड़ा है। प्रसव के समय रेफर किए जाने से इन्हें मानसिक और आर्थिक दोनों तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।”
डीएम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी से वार्ता कर 25 जुलाई तक सुधार का आश्वासन दिया है।
ज्ञापन देने वालों में रेडक्रॉस अध्यक्ष आशीष वर्मा, पार्षदगण दीप जोशी, अर्जुन बिष्ट, वंदना वर्मा, अंजू बिष्ट, आशा बिष्ट, राहुल जोशी, मीरा मिश्रा, ज्योति साह, पूनम त्रिपाठी, नेहा टम्टा, संजय जोशी, अभिषेक जोशी, श्याम पांडे, विजय भट्ट, कपिल मल्होत्रा, मनोज भंडारी सहित कई लोग मौजूद रहे।
मेडिकल कॉलेज बना रेफरल सेंटर, नाराज पार्षदों और रेडक्रॉस पदाधिकारियों ने डीएम से की शिकायत

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