केंद्रीय बजट 2025-26: मुख्य विशेषताएँ
भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया है, जिसमें अर्थव्यवस्था को गति देने, कर राहत प्रदान करने, कृषि सुधारों को प्रोत्साहित करने, उद्यमिता को बढ़ावा देने और नवाचार में निवेश बढ़ाने पर जोर दिया गया है। इस बजट में गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं (युवा, अन्नदाता, नारी) को सशक्त बनाने के लिए कई नई योजनाएँ शुरू की गई हैं।
1. भारत की अर्थव्यवस्था और विकास के लक्ष्य
भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन चुका है। पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार के नेतृत्व में विभिन्न संरचनात्मक सुधार किए गए, जिससे भारत को वैश्विक स्तर पर अधिक निवेश और मान्यता प्राप्त हुई।
> सरकार ने मध्यम वर्ग, किसानों, महिला सशक्तिकरण और युवाओं पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है।
> सुदृढ़ लोकतंत्र, अनुकूल जनसांख्यिकी और बढ़ती मांग ये तीन स्तंभ भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में सहायक होंगे।
2. आयकर में राहत और कर संरचना में बदलाव
मध्यम वर्ग भारत के आर्थिक विकास की रीढ़ है। इसे ध्यान में रखते हुए, आयकर में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं।
शून्य कर सीमा में बढ़ोतरी
> 2014 में ₹2.5 लाख,
> 2019 में ₹5 लाख,
> 2023 में ₹7 लाख,
> अब ₹12 लाख तक की आय पर कोई कर नहीं।
वेतनभोगी वर्ग के लिए कर राहत
> ₹12.75 लाख तक की आय पर कोई कर नहीं (₹75,000 की मानक कटौती शामिल)
> ₹12 लाख आय वाले करदाता को ₹80,000 की छूट (100% कर छूट)
> ₹16 लाख आय पर ₹50,000 की कर राहत (सिर्फ 7.5% प्रभावी कर)
> ₹18 लाख आय पर ₹70,000 की कर राहत (8.8% प्रभावी कर)
> ₹20 लाख आय पर ₹90,000 की छूट (10% प्रभावी कर)
> ₹25 लाख आय पर ₹1.1 लाख की छूट (13.2% प्रभावी कर)
> ₹50 लाख आय पर ₹1.1 लाख की छूट (21.6% प्रभावी कर)
3. कृषि और ग्रामीण विकास सुधार
प्रधानमंत्री धन-धन्य कृषि योजना
> 100 जिलों में कम उत्पादकता, मध्यम फसल सघनता और औसत से कम ऋण मानकों वाले किसानों के लिए नई योजना।
> 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा।
दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन (6 साल की योजना)
> तुअर, उड़द, और मसूर की पैदावार बढ़ाने पर ध्यान।
> किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना और जलवायु अनुकूल बीजों का विकास।
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) सुधार
> 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को लाभ।
> KCC ऋण सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख ।
ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन कार्यक्रम
> कृषि में अल्प-रोजगार की समस्या का समाधान।
> 100 विकासशील कृषि जिलों में शुरू किया जाएगा।
4. रोजगार और सामाजिक सुरक्षा सुधार
शहरी श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना
> गिग वर्कर्स के लिए पहचान पत्र और ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण ।
> प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत गिग वर्करों को स्वास्थ्य सुविधा।
> 1 करोड़ गिग वर्करों को लाभ।
रोजगार को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सुधार
> MSME के लिए ऋण गारंटी कवर बढ़ाया गया।
> उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमों को “कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड” की सुविधा।
> 5 लाख रुपये की सीमा वाले 10 लाख कार्ड पहले वर्ष में जारी किए जाएंगे।
पर्यटन उद्योग में सुधार और रोजगार के अवसर
> भारत के शीर्ष 50 पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाएगा।
> होमस्टे के लिए मुद्रा लोन और पर्यटन क्षेत्र में कौशल विकास कार्यक्रम ।
> ई-वीजा सुविधाओं का विस्तार।
5. नवाचार और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सुधार
5 राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (COE) स्थापित होंगे
> कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन और नवीकरणीय ऊर्जा अनुसंधान को बढ़ावा।
PM रिसर्च फेलोशिप योजना
> अगले 5 वर्षों में IITs और IISc में 10,000 नई फेलोशिप ।
स्टार्टअप्स और इनोवेशन को बढ़ावा
> डीप टेक स्टार्टअप्स के लिए “फंड ऑफ फंड्स” ।
> निजी क्षेत्र संचालित अनुसंधान, नवाचार के लिए ₹20,000 करोड़ का निवेश।
6. स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में सुधार
मेडिकल शिक्षा में बड़ा सुधार
> अगले वर्ष मेडिकल कॉलेजों में 10,000 अतिरिक्त सीटें।
> अगले 5 वर्षों में 75,000 नई मेडिकल सीटें।
कैंसर उपचार और दुर्लभ बीमारियों के लिए विशेष योजना
> 36 जीवनरक्षक दवाओं को कस्टम ड्यूटी से छूट।
> 200 नए डे-केयर कैंसर सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल क्रांति
> 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स की स्थापना।
> भारतीय भाषा पुस्तक योजना के तहत डिजिटल पुस्तकों की सुविधा।
7. बुनियादी ढांचे और ऊर्जा क्षेत्र में निवेश
₹1.5 लाख करोड़ का राज्यों को ब्याज मुक्त ऋण
> राज्यों द्वारा बिजली सुधारों को लागू करने के लिए अतिरिक्त उधारी की अनुमति ।
परमाणु ऊर्जा मिशन
> 2033 तक 5 स्वदेशी रूप से विकसित छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) तैयार किए जाएंगे।
ईवी और बैटरी उत्पादन को बढ़ावा
> ईवी बैटरी निर्माण के लिए 35 नए पूंजीगत उपकरणों को छूट।
> लिथियम-आयन बैटरी स्क्रैप और आवश्यक खनिजों पर टैक्स छूट।
नौवहन और समुद्री विकास कोष
> 25,000 करोड़ रुपये की पूंजी से समुद्री क्षेत्र में दीर्घकालिक वित्तपोषण ।
निष्कर्ष
भारत का 2025-26 बजट आर्थिक विकास को बढ़ाने, रोजगार सृजन, नवाचार को प्रोत्साहित
करने और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कर राहत, कृषि सुधार, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश, और बुनियादी ढांचे के विस्तार से यह बजट “विकसित भारत” के दृष्टिकोण को साकार करने में मदद करेगा।
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