श्री भुवनेश्वर महादेव मंदिर एवं रामलीला समिति कर्नाटक खोला अल्मोडा में पंचम दिवस की लीला
श्री भुवनेश्वर महादेव मंदिर एवं रामलीला समिति, कर्नाटक खोला, अल्मोडा में पंचम दिवस की लीला का आयोजन किया गया, जिसमें राम का वन गमन, सुमन्त विलाप, केवट प्रसंग, वनवासिन प्रसंग, श्रवण भक्ति, दशरथ मरण और भरत मिलाप आदि का सुंदर मंचन हुआ। इस कार्यक्रम ने दर्शकों के दिलों को छू लिया और कई कलाकारों ने अपने अभिनय से इसे यादगार बना दिया।
पात्रों की भूमिका और अभिनय
राम के पात्र रश्मि काण्डपाल ने राम के चरित्र को जीवंत किया, वहीं लक्ष्मण का किरदार निभाने वाली वैभवी कर्नाटक ने अपने अभिनय से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। सीता का रोल कोमल जोशी ने निभाया, जबकि सुमन्त के पात्र दीपक पाण्डे ने अपने विलाप के माध्यम से दर्शकों को भावुक कर दिया। भरत का किरदार पायल काण्डपाल ने निभाया और शत्रुघ्न के पात्र निशा काण्डपाल ने भी प्रशंसा बटोरी।
दशरथ का रोल अखिलेश थापा ने निभाया, जो युवा दशरथ के रूप में मंच पर उपस्थित हुए। श्रवण कुमार का किरदार कमल जोशी ने निभाया, और उनके अभिनय ने दर्शकों के दिलों में गहराई तक असर डाला। केवट प्रसंग में संतोष जोशी, कमल जोशी द्वितीय, अमर बोरा, और अनिल जोशी जैसे कलाकारों ने अपना योगदान दिया, जिससे दृश्य और भी प्रभावी हो गया।
भावुकता का पल
विशेष रूप से सुमन्त के पात्र दीपक पाण्डे ने अपने विलाप और संवादों के माध्यम से दर्शकों को भावुक कर दिया। उनके संवादों में एक गहरी संवेदनशीलता थी, जिसने उपस्थित लोगों को एकाकार कर दिया। इस दृश्य को देखकर दर्शकों ने जोरदार तालियों से उनका मनोबल बढ़ाया।
कार्यक्रम का शुभारंभ
पंचम दिवस की लीला का शुभारंभ मुख्य अतिथि दीपक पोखरिया, जो कि एक प्रतिष्ठित व्यवसायी और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इसके साथ ही आनंद सिंह भोज, उपाध्यक्ष देवभूमि व्यापार मंडल, रवि रौतेला, पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा, और रेखा रौतेला, सदस्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।
अतिथियों ने अपने सम्बोधन में कलाकारों के किरदारों और संवादों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि समिति भविष्य में भी रामलीला मंचन के प्रयासों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध रहेगी। इस मौके पर समिति के संरक्षक और संयोजक बिट्टू कर्नाटक की भी सराहना की गई, जिन्होंने रामलीला के सफल नेतृत्व के लिए बधाई प्राप्त की।
उपस्थित दर्शक
कार्यक्रम में उपस्थित दर्शकों में कमला तिवारी, माला तिवारी, दीपा कर्नाटक, बन्दना जोशी, सुनीता पालीवाल, रीता पाण्डे, कविता पाण्डे, शीला कर्नाटक, सुनीता बगडवाल, आशा रौतेला, पूरन चन्द्र जोशी, नवीन बिष्ट, लीलाधर शर्मा, दीपक पाण्डे, मनीष जोशी, दीपक काण्डपाल, धर्मसिंह, गोकुलानंद जोशी, लीलाधर काण्डपाल, जगदीश चन्द्र तिवारी, पूरन चन्द्र तिवारी, मथुरा दत्त काण्डपाल, अनिल रावत, कमल पालीवाल, मनीष तिवारी, नरेश जोशी, एस.एस. कपकोटी, कमलेश पाण्डे, गौरव काण्डपाल, देवेन्द्र जनौटी, और आशु रौतेला शामिल रहे।
समापन और भविष्य की योजनाएं
कार्यक्रम के अंत में, आयोजकों ने दर्शकों का धन्यवाद किया और बताया कि इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम आगे भी आयोजित किए जाएंगे। रामलीला समिति ने यह सुनिश्चित किया कि आने वाले समय में और भी नई प्रस्तुतियों के माध्यम से रामायण के संदेश को फैलाया जाएगा।
इस प्रकार, पंचम दिवस की लीला ने एक बार फिर यह साबित किया कि सांस्कृतिक कार्यक्रम न केवल मनोरंजन का साधन होते हैं, बल्कि वे समाज को जोड़ने और नैतिक मूल्यों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी हैं। रामलीला समिति की मेहनत और कलाकारों की अद्भुत प्रतिभा ने इस कार्यक्रम को एक अविस्मरणीय अनुभव बना दिया।