स्वाति कपूर का संकल्प: कोई भूखा न सोए
हल्द्वानी।
उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर में समाजसेवी स्वाति कपूर द्वारा संचालित ‘थाल सेवा’ आज सैकड़ों ज़रूरतमंदों के लिए आशा की नई किरण बनकर उभरी है। स्वाति का मानना है कि सेवा का सर्वोच्च रूप भूख मिटाना है, और उनका यह संकल्प – “कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए” – अब एक जनआंदोलन का रूप ले चुका है।
स्वाति ‘लिटिल मिरेकल्स फाउंडेशन’ की सह-संस्थापक हैं। इस फाउंडेशन के अंतर्गत उन्होंने ‘थाल सेवा’ की शुरुआत की, जिसमें मात्र 5 रुपये में भरपेट भोजन दिया जाता है। इस सेवा का उद्देश्य उन लोगों को मदद पहुंचाना है, जो जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं।

‘थाल सेवा’ के अंतर्गत मिलने वाले उच्च गुणवत्ता वाले भोजन में दाल – चावल सब्जी और ताजगी से भरा सलाद शामिल होता है। यह सेवा सप्ताह के प्रत्येक कार्यदिवस में चलाई जाती है और रोज़ाना लगभग 1200 लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है।
स्वाति कपूर का मानना है कि समाज में वास्तविक बदलाव लाने के लिए केवल भाषण नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर कार्य करना आवश्यक है। उनका कहना है, “भूख सबसे बड़ी पीड़ा है। जब तक हम एक-दूसरे के लिए खड़े नहीं होंगे, तब तक कोई बदलाव संभव नहीं। हमारी कोशिश है कि हल्द्वानी में कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए।”
स्वाति कपूर मूल रूप से अल्मोड़ा की रहने वाली हैं और समाजसेवी एवं वरिष्ठ पत्रकार कमल कपूर की सुपुत्री हैं। उन्हें लखनऊ में एक प्रतिष्ठित संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोकगायिका व पद्मश्री सम्मानित डा. मालिनी अवस्थी के हाथों सामाजिक सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया, जो कि उनके अथक प्रयासों की सार्वजनिक मान्यता है।
उनके पति हरित कपूर हल्द्वानी के प्रतिष्ठित व्यवसायी हैं और सामाजिक कार्यों में स्वाति को हर स्तर पर सहयोग देते हैं। कपूर दंपती वैशाली कॉलोनी में निवास करते हैं और आज पूरा परिवार सेवा और संवेदना का प्रतीक बन चुका है।
स्थानीय लोग ‘थाल सेवा’ से गहराई से जुड़े हुए हैं। बड़ी संख्या में युवा और स्वयंसेवक इस सेवा में भागीदारी कर रहे हैं, जो भोजन वितरण के साथ-साथ मानवता की भावना को भी जीवंत रखते हैं। कई वरिष्ठ नागरिकों और सामाजिक संस्थाओं ने भी इस पहल और सम्मान की सराहना की है।
अल्मोड़ा के पंजाबी समाज ने भी स्वाति कपूर की इस उपलब्धि पर हर्ष जताया है और गर्व महसूस किया है कि समाज की एक बेटी ने सेवा की मिसाल कायम की है।
वरिष्ठ पत्रकार दिनेश मानसेरा नें इस अवसर पर कहा कि ‘थाल सेवा’ यह साबित करती है कि छोटे प्रयास भी बड़ा बदलाव ला सकते हैं, अगर उनके पीछे ईमानदारी और सेवा की भावना हो। स्वाति कपूर की यह पहल आज न सिर्फ हल्द्वानी बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है, और आने वाले समय में यह मॉडल अन्य ज़िलों में भी अपनाया जा सकता है।
यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि स्वाति कपूर की एक थाली से शुरू हुई सेवा आज हजारों दिलों तक पहुंच रही है।