महाशिवरात्रि में अल्मोड़ा के शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का सुबह से ही पूजा अर्चना करने का सिलसिला बना रहा। सभी मंदिरों में भीड़ भी नजर आई। अल्मोड़ा, जो उत्तराखंड राज्य का एक प्रमुख शहर है, अपनी सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहां के मंदिरों में विशेष रूप से आज के दिन भक्तों की अपार भीड़ देखने को मिली। इनमें सबसे प्रमुख और ऐतिहासिक मंदिर चितई मंदिर ग्वालज्यू धाम है, जहां पर भगवान ग्वालज्यू के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे। ग्वालज्यू मंदिर, जो न्याय के देवता के रूप में प्रतिष्ठित है, अपनी विशेष महिमा और धार्मिक महत्व के कारण एक महत्वपूर्ण स्थल बन चुका है।
यह मंदिर अल्मोड़ा शहर से लगभग 8 किलोमीटर दूर, एक पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है और यह अपनी वास्तुकला, शांति और धार्मिक माहौल के लिए जाना जाता है। ग्वालज्यू का मंदिर मुख्य रूप से न्याय, सत्य और धर्म की स्थापना का प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि ग्वालज्यू के दर्शन से हर मनुष्य की समस्याओं का समाधान होता है और वह अपने जीवन में न्याय प्राप्त करता है। इसी कारण, इस मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ हमेशा बनी रहती है, विशेष रूप से उन दिनों में जब यहां विशेष अनुष्ठान या धार्मिक कार्यक्रम होते हैं।
आज के दिन, मंदिर में भगवान ग्वालज्यू के दर्शन करने के लिए लोगों का ताता लगा रहा। भक्तगण लंबी-लंबी कतारों में खड़े होकर भगवान के दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। उनके चेहरों पर श्रद्धा और आस्था की एक अद्भुत चमक थी। मंदिर के अंदर प्रवेश करने के लिए श्रद्धालुओं ने पूरी श्रद्धा के साथ लाइन में खड़े होकर भगवान ग्वालज्यू से अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना की। कई लोग भगवान से व्यक्तिगत समस्याओं का समाधान, स्वास्थ्य की कामना, सुख-समृद्धि और परिवार की भलाई की कामना कर रहे थे।
मंदिर के द्वार पर श्रद्धालुओं का उत्साह और श्रद्धा का एक अद्वितीय दृश्य था। वहां के वातावरण में एक विशेष प्रकार की दिव्यता और शांति छाई हुई थी। लोग न केवल मंदिर में दर्शन करने आए थे, बल्कि वे वहां की पूजा-अर्चना में भी पूरी भागीदारी कर रहे थे। ग्वालज्यू मंदिर में आस्था रखने वाले भक्तों का मानना है कि यहां उनकी सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं और उन्हें जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
इस दिन के विशेष अवसर पर मंदिर के आसपास का माहौल बहुत ही श्रद्धायुक्त और भव्य था। श्रद्धालुओं की भक्ति, विश्वास और उम्मीदों का यह अद्वितीय संगम अल्मोड़ा के धार्मिक माहौल को और भी समृद्ध करता है।