अल्मोड़ा। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के अंतर्गत विवाह पंजीकरण को प्राथमिकता देते हुए जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय की अध्यक्षता में जिला कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं उपजिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि यूसीसी पंजीकरण कार्य शासन की प्राथमिकता में है और इसके सफल क्रियान्वयन हेतु सभी संबंधित अधिकारियों को तत्परता से कार्य करना होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि जिले में यूसीसी पंजीकरण को अभियान रूप में चलाया जाए और ग्राम स्तर पर विशेष शिविरों का आयोजन कर शीघ्रता से पंजीकरण प्रक्रिया पूर्ण कराई जाए।
बैठक में जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि जिन कार्मिकों का विवाह 26 मार्च 2010 के बाद हुआ है, उनका 100 प्रतिशत पंजीकरण अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, जिन लोगों ने पहले ही अनिवार्य विवाह पंजीकरण कराया है, वे यूसीसी के तहत अपनी पंजीकरण स्थिति को एक्नॉलेज कराना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने-अपने विभाग में कार्यरत कार्मिकों की सूची अपडेट कर पंजीकरण की स्थिति की निगरानी करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उत्कृष्ट कार्य करने वाले रजिस्ट्रारों को सम्मानित किया जाएगा, जबकि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में यह भी बताया गया कि जनपद अल्मोड़ा में कुल 12,533 कार्मिक कार्यरत हैं, जिनमें से 4,092 कार्मिकों का विवाह 26 मार्च 2010 के पश्चात हुआ है। इनमें से 3,362 कार्मिकों का पंजीकरण/आवेदन किया जा चुका है, जो कि कुल योग का 82.16 प्रतिशत है। जिलाधिकारी ने शेष बचे हुए कार्मिकों का पंजीकरण भी शीघ्र कराने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ आरसी पंत, जिला कमांडेंट होमगार्ड नितिन काकेरवाल, जिला पंचायतीराज अधिकारी राजेन्द्र सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी पीतांबर प्रसाद समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी ने अंत में यह भी कहा कि यूसीसी पंजीकरण अभियान का उद्देश्य नागरिकों को एक समान अधिकार देने के साथ-साथ प्रशासनिक पारदर्शिता व उत्तरदायित्व को सुदृढ़ करना है। इसके लिए सभी विभागों को समन्वित प्रयास करने होंगे, ताकि जिले को राज्य में एक मॉडल जनपद के रूप में स्थापित किया जा सके।