माननीय उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार, जिला न्यायालय अल्मोड़ा में रिकार्ड रूम के डिजिटाईजेशन का कार्य 11 फरवरी 2025 को जनपद न्यायाधीश श्रीकान्त पाण्डेय जी द्वारा उद्घाटन किए जाने के पश्चात प्रारम्भ हो गया है। इस कार्य का उद्देश्य न्यायिक रिकार्ड की पूरी प्रक्रिया को डिजिटलीकरण की दिशा में ले जाना है, जिससे न्यायिक कार्यों में तेजी और पारदर्शिता लाई जा सके।
डिजिटाईजेशन के अंतर्गत, न्यायिक रिकार्ड की पूरी स्कैनिंग की जाएगी और उन्हें डिजिटल रूप में संरक्षित किया जाएगा। इससे न केवल रिकॉर्ड को सुरक्षित रखा जाएगा, बल्कि इसे अपीलीय न्यायालयों तक त्वरित और सटीक रूप से पहुँचाया जा सकेगा। अब अपीलीय न्यायालय में तलब किए जाने वाले न्यायिक रिकार्ड एक क्लिक पर उपलब्ध हो सकेंगे, जिससे वादकारीयों को त्वरित न्याय की प्रक्रिया में सहायता मिलेगी। यह कदम अदालतों में लंबित मामलों के समाधान में गति प्रदान करेगा और न्यायिक कार्यप्रणाली को अधिक पारदर्शी तथा प्रभावी बना सकेगा।
इस उद्घाटन समारोह में प्रमुख रूप से सुश्री शचि शर्मा, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अल्मोड़ा, रविंद्र देव मिश्र, सिविल जज (सी0डि0) अल्मोड़ा, एवं जिला न्यायालय अल्मोड़ा के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजेन्द्र सिंह तड़ागी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजेन्द्र पाल सिंह, सिस्टम सहायक आनंद जोशी, सहायक केंद्रीय साघ्यपाल शुभम सैनी एवं अन्य कर्मचारीगण उपस्थित थे। इसके अलावा डाटा सॉफ़्ट कंपनी के प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर राजकुमार यादव और आईटी इंजीनियर कुलदीप कुमार ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया और डिजिटाईजेशन प्रक्रिया की जानकारी दी।
इस पहल से न केवल न्यायिक रिकार्ड की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि यह न्यायालयों की कार्यप्रणाली को आधुनिक बनाने और वादकारीयों के लिए सरल बनाने में भी सहायक होगा। डिजिटाईजेशन से न्याय की प्रक्रिया में तेजी आएगी, जिससे लोगों को उनके मामलों के समाधान के लिए अधिक समय नहीं इंतजार करना होगा। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो न्यायपालिका को और भी प्रभावी और सुलभ बनाने की दिशा में एक अहम पहल साबित होगा।