अल्मोड़ा: रेड क्रॉस की प्रदेश कार्यकारिणी द्वारा अल्मोड़ा इकाई की उपेक्षा और कार्यप्रणाली में हो रही अनियमितताओं को लेकर शनिवार को नगर निगम सभागार में एक आकस्मिक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में अल्मोड़ा रेड क्रॉस की कार्यकारी समिति के सदस्यों ने गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि प्रदेश स्तर पर नई कार्यकारिणी के गठन के बाद से अल्मोड़ा इकाई को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।
सदस्यों का कहना था कि उन्हें प्रदेश की किसी भी महत्वपूर्ण बैठक या कार्यक्रम की जानकारी नहीं दी जा रही है। यहां तक कि राज्य स्तर पर लिए जा रहे निर्णयों में भी उनकी सहभागिता नहीं है। इससे न केवल स्थानीय इकाई की कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर रेड क्रॉस द्वारा तय किए गए उद्देश्यों और योजनाओं को भी स्थानीय स्तर पर लागू कर पाना मुश्किल होता जा रहा है।
बैठक में यह बात स्पष्ट रूप से सामने आई कि अल्मोड़ा की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी के साथ हो रहा यह भेदभावपूर्ण रवैया न केवल संस्था की गरिमा को ठेस पहुंचा रहा है, बल्कि विश्व की सबसे बड़ी सहायक संस्था के कार्यों में भी बाधा बन रहा है।
कार्यकारिणी के सदस्यों ने सर्वसम्मति से प्रदेश कार्यकारिणी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया और यह निर्णय लिया कि इस पूरे मामले को राज्यपाल और रेड क्रॉस की प्रदेश अध्यक्ष को पत्र के माध्यम से अवगत कराया जाएगा। सदस्यों ने इसे अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मामले के शीघ्र समाधान की मांग की।
बैठक में प्रदेश प्रतिनिधि मनोज सनवाल, चेयरमैन आशीष वर्मा, मेयर अजय वर्मा, सचिव विनीत बिष्ट, यूथ चेयरमैन अमित साह ‘मोनू’, कोषाध्यक्ष दीप जोशी, डॉ. जेसी दुर्गापाल, जगदीश कांडपाल, अर्जुन बिष्ट, गिरीश मल्होत्रा, मनोज भंडारी सहित अन्य कार्यकारी सदस्य उपस्थित रहे।
सभी सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि यदि प्रदेश कार्यकारिणी द्वारा अल्मोड़ा इकाई की उपेक्षा और अनदेखी का यह सिलसिला जारी रहा, तो स्थानीय स्तर पर संस्था के कार्यों में गंभीर बाधा उत्पन्न होगी। साथ ही, यह भी स्पष्ट किया गया कि अल्मोड़ा इकाई अपनी सक्रियता और प्रतिबद्धता के लिए जानी जाती है और भविष्य में भी समाजहित में अपने कार्यों को मजबूती से आगे बढ़ाती रहेगी।
अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि राज्यपाल इस मामले में क्या संज्ञान लेते हैं और क्या प्रदेश कार्यकारिणी इस निंदा प्रस्ताव के बाद कोई सकारात्मक रुख अपनाती है या नहीं।