देश | Satya Path News https://satyapathnews.com Satya Ke Saath Mon, 07 Aug 2023 00:51:55 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.2.5 एक समाज के रूप में हमें ऐसे वातावरण का सृजन करना होगा जो हमारे छात्रों के सर्वांगीण विकास और कल्याण के लिए कार्य करे : राष्ट्रपति मुर्मु https://satyapathnews.com/as-a-society-we-have-to-create-an-environment-that-works-for-the-all-round-development-and-welfare-of-our-students-president-murmu/ https://satyapathnews.com/as-a-society-we-have-to-create-an-environment-that-works-for-the-all-round-development-and-welfare-of-our-students-president-murmu/#respond Mon, 07 Aug 2023 00:50:22 +0000 https://satyapathnews.com/?p=127735 राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मद्रास विश्वविद्यालय के 165वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज मद्रास विश्वविद्यालय के 165वें दीक्षांत समारोह की शोभा बढ़ाई और इस अवसर पर संबोधन किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 1857 में स्थापित, मद्रास विश्वविद्यालय को भारत के सबसे पुराने आधुनिक […]

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मद्रास विश्वविद्यालय के 165वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया



राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज मद्रास विश्वविद्यालय के 165वें दीक्षांत समारोह की शोभा बढ़ाई और इस अवसर पर संबोधन किया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 1857 में स्थापित, मद्रास विश्वविद्यालय को भारत के सबसे पुराने आधुनिक विश्वविद्यालयों में से एक होने का गौरव प्राप्त है। इस विश्वविद्यालय ने ज्ञान के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 165 से अधिक वर्षों की अपनी यात्रा के दौरान, मद्रास विश्वविद्यालय ने शिक्षण के उच्च मानकों का पालन किया है, एक ऐसा वातावरण प्रदान किया है जो बौद्धिक जिज्ञासा और महत्वपूर्ण सोच का पोषण करता है। यह अनगिनत विद्वानों, नेताओं और दूरदर्शी व्‍यक्‍तिव के सृजन का एक उद्गम स्थल रहा है, इसने एक प्रकाश स्‍तम्‍भ के रूप में भी कार्य किया है, जो भारत के दक्षिणी क्षेत्र में कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों की स्थापना और विकास में निर्णायक भूमिका निभा रहा है।

मद्रास विश्वविद्यालय के समृद्ध इतिहास और गौरवशाली विरासत का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इस संस्थान के पूर्व छात्र उत्कृष्टता के वैश्विक केंद्र के रूप में इसके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। वे युवा छात्रों का मार्गदर्शन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को संस्थान की बेहतरी के लिए पूर्व छात्रों से भी संपर्क रखना चाहिए और उनका सहयोग लेना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि मद्रास विश्वविद्यालय ने अनुसंधान और शिक्षण की संस्कृति को बढ़ावा दिया है। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से अत्याधुनिक अनुसंधान में अधिक निवेश करने, अंतर-शास्त्र अध्ययन को प्रोत्साहित करने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का आहृवान किया। मद्रास विश्वविद्यालय को देश और दुनिया के समक्ष आ रही समस्याओं का समाधान करने के लिए सीखने पर धारित समाधान खोजने में अग्रणी होना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज के अत्यधिक प्रतिस्पर्धा के समय में, शिक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त करने का दबाव, अच्छे संस्थानों में प्रवेश न पाने का डर, प्रतिष्ठित नौकरी न मिलने की चिंता और माता-पिता एवं समाज की अपेक्षाओं का दबाव हमारे युवाओं में तीव्र मानसिक तनाव पैदा कर रहा है। यह महत्वपूर्ण है कि हम इस विषय को संबोधित करने के लिए एक समाज के रूप में एक साथ आएं और एक ऐसा वातावरण बनाएं जो हमारे छात्रों के समग्र विकास और कल्याण को बढ़ावा दे। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे कभी भी किसी भी चिंता को अपने ऊपर हावी न होने दें। उन्होंने उन्हें अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखने और आगे बढ़ते रहने की सलाह दी।

राष्ट्रपति ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को ऐसे वातावरण का सृजन करना चाहिए जो पारस्परिक संचार को प्रोत्साहन दे, जहां छात्र निर्णय से डरे बिना अपने डर, चिंताओं और संघर्षों पर चर्चा करने में सहज महसूस करें। हमें ऐसा वातावरण बनाने के लिए सामूहिक रूप से कार्य करने का प्रयास करना चाहिए जहां हमारे युवा आत्मविश्वास और साहस के साथ चुनौतियों का सामना करने के लिए मूल्यवान और सशक्त महसूस करें।

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डीआईआर-वी इकोसिस्टम अब केवल कार्यक्षमता को लेकर नहीं, बल्कि अब यह नये कीर्तिमान स्थापित करने के बारे में हैः राजीव चंद्रशेखर https://satyapathnews.com/the-dir-v-ecosystem-is-no-longer-about-efficiency-it-is-now-about-setting-new-benchmarks-rajeev-chandrasekhar/ https://satyapathnews.com/the-dir-v-ecosystem-is-no-longer-about-efficiency-it-is-now-about-setting-new-benchmarks-rajeev-chandrasekhar/#respond Mon, 07 Aug 2023 00:47:51 +0000 https://satyapathnews.com/?p=127729 भविष्य उज्ज्वल है, भारत के लिये भविष्य डीआईआर-वी हैः राजीव चंद्रशेखर नवाचार, कार्यक्षमता, प्रदर्शन–यही मंत्र हैं डीआईआर-वी कार्यक्रम के भविष्य के लिये: राजीव चंद्रशेखर राजीव चंद्रशेखर ने आईआईटी मद्रास द्वारा आयोजित डिजिटल इंडिया रिस्क-वी (डीआईआर-वी) संगोष्ठी को संबोधित किया केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता और इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने आईआईटी मद्रास […]

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भविष्य उज्ज्वल है, भारत के लिये भविष्य डीआईआर-वी हैः राजीव चंद्रशेखर

नवाचार, कार्यक्षमता, प्रदर्शन–यही मंत्र हैं डीआईआर-वी कार्यक्रम के भविष्य के लिये: राजीव चंद्रशेखर



राजीव चंद्रशेखर ने आईआईटी मद्रास द्वारा आयोजित डिजिटल इंडिया रिस्क-वी (डीआईआर-वी) संगोष्ठी को संबोधित किया

केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता और इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने आईआईटी मद्रास द्वारा चेन्नई में आयोजित डिजिटल इंडिया रिस्क-वी (डीआईआर-वी) संगोष्ठी को वर्चुअल माध्‍यम से संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने डीआईआर-वी को लेकर सरकार के विजन पर जोर देते हुये कहा कि वर्तमान में इसका उद्देश्य प्रभावी सार्वजनिक-निजी भागीदारी और आईआईटी मद्रास जैसे उच्च शैक्षिक संस्थानों के सहयोग से रिस्क-वी के लिये एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है।

डीआईआर-वी कार्यक्रम की शुरुआत पिछले साल की गई थी, जिसका उद्देश्य अत्याधुनिक माइक्रोप्रोसेसर्स का सृजन कर भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को बढ़ावा देना था। उन्‍होंने बताया कि किस प्रकार से डीआईआर-वी उद्योग के प्रत्येक उद्यमी के लिये टेक-अवसरों को पैदा करेगा जिससे कि यह भारत के टैकेड लक्ष्य को हासिल करने में बड़ी भूमिका निभायेगा।

राजीव चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘आज, भारत के लिये भविष्य उज्ज्वल है, भविष्य डीआईआर-वी है। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पहले ही इसकी घोषणा की है कि यह पहल भारत के टैकेड को परिभाषित करेंगी और यह विविध प्रौद्योगिकी अवसरों को प्रस्तुत करेंगी। यह हमारे इंजीनियरों और स्टार्टअप्स की सृजनशीलता एवं नवाचार से संचालित होगा। आने वाले वर्षों में डीआईआर-वी कार्यक्रम की सफलता के लिये — नवाचार, कार्यक्षमता और प्रदर्शन–यही मंत्र होंगे। भारत सरकार डीआईआर-वी को भारतीय आईएसए (इंस्ट्रक्शन सेट आर्किटेक्चर) बनाने के लिये प्रतिबद्ध है।’’

उन्‍होंने इस प्रकार के स्वदेशी कार्यक्रम के महत्व पर जोर देते हुये कहा कि तेजी से बढ़ रहे डिजिटलीकरण और ऐसे नये एप्पलीकेशंस जिनकी अभी खोज होनी है उनके लिये सिलिकॉन चिप्स की मांग बढ़ती जा रही है।

राजीव चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘5जी और 6जी के उभरने के साथ इंटरनेट और ज्यादा जटिल होता जा रहा है ऐसे में नये एप्पलीकेशंस की खोज होगी। ऐसे में सिलिकॉन चिप्स, सेमीकंडक्‍टर्स और अन्य प्रणालियों के लिये अपना स्थान बनाने के लिये अधिक अवसर सामने होंगे। जब हम प्रदर्शन और एप्पलीकेशन के बारे में बात करते हैं तो मैं ऐसे भविष्य को देखता हूं जहां ऐसे कई डिजिटल उत्पाद हैं जिन्हें हम आज उपभोग कर रहे हैं, चाहे यह क्लाउड हो, डेटा सेंटर हो, मोबाइल उपकरण हों, टेबलेट्स हों, क्लाउड सविर्सिज के लिये सर्वर, आटोमोटिव टेक्नालजी, सेंसर्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, 5जी और 6जी नेटवर्क, हम डीआईआर-वी आधारित चिप्स भी देखेंगे, इन सभी के उपकरण और प्रणालियों को भी देखेंगे।’’

राजीव चन्‍द्रशेखर ने स्पष्ट किया कि डीआईआर-वी को उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग के अखिल भारतीय लक्ष्य के केन्द्र में रखना कैसे आवश्यक है। उन्होंने कहा, ‘‘जहां हम एक्स-86 और एआरएम स्पेश में गतिविधियों और कार्यक्रमों को जारी रख सकते हैं, हमारा मुख्य ध्यान डीआईआर- वी कार्यक्रम पर ही है। मैं इस संबंध में प्रतिबद्धता व्यक्त करता हूं कि सी-डैक के नेतृत्‍व में तथा विभिन्न सार्वजनिक-निजी भागीदारी वाले कार्यक्रमों द्वारा समर्थित हमारा उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग लक्ष्य के केन्द्र में डीआईआर- वी ही होगा।’’

राजीव चंद्रशेखर ने इस अवसर पर बुनियादी कार्यक्षमता से भी आगे जाने के महत्व को रेखांकित किया और अत्याधुनिक प्रणाली विकसित करने में अधिक प्रयास करने पर जोर दिया जो कि नये वैश्विक मानक स्थापित कर सकें।

उन्‍होंने कहा, ‘‘भारत के टैकेड का लक्ष्य इन तीन क्षे़त्रों में फैला है – इंटरनेट ऑफ थिंग्स के साथ आटोमोटिव इंडस्ट्रियल स्पेस, मोबिलिटी और कंप्यूटिंग, जिसमें उच्च- प्रदर्शन कंप्युटिंग क्षमता भी शामिल है। हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि इन सभी तीनों क्षेत्रों में डीआईआर-वी की पूरी गंभीरता के साथ उपस्थिति हो। इस कार्यक्रम को हम पूरा समर्थन देंगे यह कहने के अलावा जो वास्तविक संदेश हम देना चाहते हैं वह यह है कि डीआईआर-वी समुदाय और इससे जुड़े समूचे परिवेश से हमारी उम्मीदें अब केवल कार्यक्षमता को लेकर नहीं हैं। आज हमें केवल क्रियाशील प्रणाली की आवश्यकता नहीं है, हमें ऐसी क्रियाशील प्रणाली चाहिये जो कि दूसरी तुलनात्मक प्रणालियों और आईएसए के मुकाबले नये कीर्तिमान स्थापित करने के मामले में अत्याधुनिक हो।’’

राजीव चंद्रशेखर ने विशेष रूप से डीआईआर- वी कार्यक्रम को लेकर आईआईटी चेन्नई और सी-डैक के बीच भागीदारी की सराहना की और यह उल्लेख किया कि किस प्रकार ऐसे सहयोग से सृजनशीलता एवं नवोन्मेष के बड़े केन्द्र बनाये जा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आईआईटी चेन्नई और सी-डैक के बीच सहयोग ने यह दिखा दिया है कि किस प्रकार से आईआईटी-चेन्नई दुनियाभर के अन्य शैक्षिक संस्थानों के लिये और उनके लिये भी जो कि सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रानिक्स नवोन्मेष के इस तेजी से बढ़ने वाले इकोसिस्टम के लिये एक प्रकाश स्तंभ के तौर पर बनकर उभरा है। आईआईटी चेन्नई तेजी से नवोन्मेष और सृजनशीलता तथा डीआईआर-वी के ईद-गिर्द केन्द्रित भविष्य की प्रणालियों के लिये एक बड़ा केन्द्र बनता जा रहा है।’’

एक दिन की इस संगोष्ठी में विभिन्न तकनीकी नवाचार को प्रदर्शित किया गया और उद्योग जगत से स्टार्टअप, छात्रों एवं शिक्षाविदों की भागीदारी देखी गई।

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हमारे पुस्तकालयों के बुनियादी ढांचे में सुधार पर जोर देने से पढ़ने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ेगी: प्रधानमंत्री https://satyapathnews.com/emphasis-on-improving-the-infrastructure-of-our-libraries-will-increase-awareness-about-the-importance-of-reading-pm/ https://satyapathnews.com/emphasis-on-improving-the-infrastructure-of-our-libraries-will-increase-awareness-about-the-importance-of-reading-pm/#respond Mon, 07 Aug 2023 00:43:23 +0000 https://satyapathnews.com/?p=127725 प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि हमारे पुस्तकालयों के बुनियादी ढांचे में सुधार और रचनात्मक लेखन को बढ़ावा देने पर जोर देने से विशेष रूप से युवाओं के बीच पढ़ने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ेगी।मोदी ने नई दिल्ली में माननीय राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मु द्वारा पुस्तकालय महोत्सव 2023 के उद्घाटन पर भी प्रसन्नता व्यक्त […]

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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि हमारे पुस्तकालयों के बुनियादी ढांचे में सुधार और रचनात्मक लेखन को बढ़ावा देने पर जोर देने से विशेष रूप से युवाओं के बीच पढ़ने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ेगी।
मोदी ने नई दिल्ली में माननीय राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मु द्वारा पुस्तकालय महोत्सव 2023 के उद्घाटन पर भी प्रसन्नता व्यक्त की।

राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन के ट्वीट का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया;

“इस तरह के प्रयासों से विशेषकर युवाओं में पढ़ने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ेगी। हमारे पुस्तकालयों के बुनियादी ढांचे में सुधार और रचनात्मक लेखन को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए देखना अच्छा लगता है।”

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मत्स्य पालन क्षेत्र प्राथमिक स्तर पर 2.8 करोड़ से अधिक मछुआरों और मत्स्य किसानों को आजीविका, रोजगार और उद्यमिता प्रदान करता है: रूपाला https://satyapathnews.com/fisheries-sector-provides-livelihood-employment-and-entrepreneurship-to-more-than-2-8-crore-fishermen-and-fish-farmers-at-the-primary-level-rupala/ https://satyapathnews.com/fisheries-sector-provides-livelihood-employment-and-entrepreneurship-to-more-than-2-8-crore-fishermen-and-fish-farmers-at-the-primary-level-rupala/#respond Wed, 28 Jun 2023 14:43:21 +0000 http://satyapathnews.com/?p=127392 केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मंत्री परषोत्तम रूपाला ने मत्स्य पालन विभाग की 9 साल की प्रमुख उपलब्धियों के बारे में मीडिया को जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने मत्स्य पालन क्षेत्र पर फोकस करते हुए कहा कि भारत में, यह आशाजनक क्षेत्र प्राथमिक स्तर पर 2.8 करोड़ से अधिक मछुआरों और मत्स्य […]

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केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मंत्री परषोत्तम रूपाला ने मत्स्य पालन विभाग की 9 साल की प्रमुख उपलब्धियों के बारे में मीडिया को जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने मत्स्य पालन क्षेत्र पर फोकस करते हुए कहा कि भारत में, यह आशाजनक क्षेत्र प्राथमिक स्तर पर 2.8 करोड़ से अधिक मछुआरों और मत्स्य किसानों और मूल्य श्रृंखला में लगे कई लाख मछुआरों और मत्स्य किसानों को आजीविका, रोजगार और उद्यमिता प्रदान करता है। यह क्षेत्र उच्च रिटर्न भी प्रदान करता है । वैश्विक मत्स्य उत्पादन में लगभग 8% हिस्सेदारी के साथ भारत तीसरा सबसे बड़ा मत्स्य उत्पादक देश है । विश्व स्तर पर जलीय कृषि उत्पादन में भारत का दूसरा स्थान है और भारत शीर्ष झींगा उत्पादक और निर्यातक देशों में से एक है । रूपाला कहा कि पिछले नौ वर्षों के दौरान भारत सरकार ने मात्स्यिकी और जलीय कृषि क्षेत्र के समग्र विकास और मछुआरों और मत्स्य किसानों की आय बढ़ाने के लिए परिवर्तनकारी पहल की है। केंद्रीय मंत्री ने कुछ प्रमुख पहलों और परिणामों पर प्रकाश डाला :
1. मात्स्यिकी क्षेत्र में अब तक का सबसे अधिक निवेश: रूपाला ने सूचित किया की पिछले 9 वर्षों के दौरान, भारत सरकार ने मात्स्यिकी और जलीय कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाया है। 2015 से केंद्र सरकार ने 38,572 करोड़ रुपये के कुल निवेश को मंजूरी दी है या घोषणा की है। इसमे शामिल है:
• नीली क्रांति योजना के तहत 5,000 करोड़ रु/- का निवेश;
• मात्स्यिकी और जलकृषि अवसंरचना विकास निधि (एफ़आईडीएफ़) के लिए 7,522 करोड़ रु/- ;
• प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 20,050 करोड़ रु/- का निवेश ;
• केंद्रीय बजट 2023-24 में पीएमएमएसवाई के अंतर्गत 6,000 करोड़ रुपये की उप-योजना की
घोषणा की गई ;
केंद्रीय मंत्री ने सूचित किया की प्रमुख मात्स्यिकी योजना अर्थात प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) 2020-21 से कार्यान्वयन के अधीन है और यह देश में मात्स्यिकी और जलीय कृषि क्षेत्र में अब तक का सबसे अधिक निवेश है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और अन्य कार्यान्वयन एजेंसियों के लिए 2020-21 से 2022-23 तक पिछले तीन वर्षों के दौरान पीएमएमएसवाई के तहत 14,656 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, इस प्रकार परिकल्पित निवेश का ~73% हासिल कर लिया गया है।
2. रिकॉर्ड राष्ट्रीय मत्स्य उत्पादन : केंद्रीय मंत्री ने सूचित किया की भारत की आजादी के समय मात्स्यिकी क्षेत्र पूरी तरह से एक पारंपरिक गतिविधि के रूप में थी । पिछले पचहत्तर वर्षों में, यह क्षेत्र अपने पारंपरिक और छोटे पैमाने की प्रकृति को बरकरार रखते हुए धीरे – धीरे एक वाणिज्यिक उद्यम में परिवर्तित हो गया है । 1950 से लेकर 2021-22 के अंत तक राष्ट्रीय मत्स्य उत्पादन में 22 गुना वृद्धि हुई है । पिछले 9 वर्षों के दौरान, भारत का वार्षिक मत्स्य उत्पादन 95.79 लाख टन (2013-14 के अंत में) से बढ़कर 162.48 लाख टन (2021-22 के अंत में) के सर्वकालिक रिकॉर्ड तक पहुंच गया है यानी 66. 69 लाख टन की वृद्धि हुई है । इसके अलावा, वर्ष 2022-23 के लिए राष्ट्रीय मत्स्य उत्पादन भी 174 लाख टन (अनंतिम आंकड़े) तक पहुँचने या उससे अधिक होने की उम्मीद है, जो 2013-14 की तुलना में 81% की वृद्धि है ।

3.अंतर्देशीय और जलीय कृषि उत्पादन में दोगुना वृद्धि : रूपाला ने सूचित किया की अंतर्देशीय मात्स्यिकी और जलीय कृषि द्वारा मत्स्य उत्पादन 1950-51 में मात्र 2.18 लाख टन से बढ़कर 2021-22 में 121.12 लाख टन हो गया। अंतर्देशीय मात्स्यिकी और जलीय कृषि उत्पादन दोगुना हो गया है क्योंकि यह 2013-14 के अंत में 61.36 लाख टन से बढ़कर 2021-22 के अंत में 121.12 लाख टन हो गया है। 2022-23 के लिए संकलित अनंतिम डेटा से यह भी संकेत मिलता है कि इस उप-क्षेत्र द्वारा वर्ष 2022-23 के दौरान कम से कम 10 लाख टन मत्स्य उपलब्ध हुई है। हालांकि अंतर्देशीय मात्स्यिकी और जलीय कृषि उत्पादन को 61.36 लाख टन तक पहुंचने में 63 साल लग गए, उतनी ही मात्रा पिछले 9 नौ वर्षों में हासिल कर ली गई है जिसमें जल कृषि का एक अहम योगदान है । ये उत्पादन आंकड़े जलीय कृषि किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास में एक शानदार उपलब्धि है। यह रोजगार, आय और उद्यमिता के स्रोत के रूप में मात्स्यिकी और जलीय कृषि क्षेत्र में युवाओं की बढ़ती रुचि को भी इंगित करता है। वास्तव में, एफएओ-स्टेट ऑफ वर्ल्ड फिशरीज एंड एक्वाकल्चर 2022 (एसओएफआईए, 2022) के अनुसार,भारत दुनिया में सबसे बड़ा अंतर्देशीय मत्स्य उत्पादन करने वाला देश है।
4.समुद्री खाद्य निर्यात दोगुना: केंद्रीय मंत्री ने सूचित किया की 2013-14 के बाद से भारत का समुद्री खाद्य निर्यात दोगुना हो गया है। 2013-14 में जहां समुद्री खाद्य का निर्यात 30,213 करोड़ रुपये था, वहीं यह वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान बढ़कर 63,969.14 करोड़ रुपये हो गया है, वैश्विक बाजारों में महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद 111.73% की वृद्धि । आज, भारतीय समुद्री खाद्य 129 देशों में निर्यात किया जाता है, जिसमें सबसे बड़ा आयातक यूएसए है । दरअसल, 2014-15 से पहले के 9 वर्षों यानी 2005-06 से 2013-14 की अवधि में 1.20 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 2014-15 से 2022-23 के 9 वर्षों की अवधि के लिए संचयी निर्यात का मूल्य 3.41 लाख करोड़ रुपये रु/- है ।
5.दोगुना खारा जल कृषि उत्पादन : रूपाला ने कहा कि खारा जल कृषि जिसमें झींगा (शृंप) की खेती अग्रणी है, सरकारी नीतिगत हस्तक्षेपों द्वारा हजारों विविध छोटे जलीय कृषि किसानों की एक सफलता की कहानी है। पिछले 9 वर्षों में झींगा की खेती और निर्यात में तेजी आई है, विशेष रूप से आंध्र प्रदेश, गुजरात, ओडिशा और तमिलनाडु राज्यों से । देश का झींगा उत्पादन 2013-14 के अंत में 3.22 लाख टन से 267% बढ़कर 2022-23 के अंत में रिकॉर्ड 11.84 लाख टन (अनंतिम आंकड़े) हो गया है । इसी प्रकार, झींगा निर्यात 2013-14 के अंत में 19,368 करोड़ रुपये था और यह 2022-23 के अंत में 123% की वृद्धि के साथ दोगुना से अधिक बढ़कर 43,135 करोड़ रुपये हो गया है ।
6.सतत विकास दर और राष्ट्रीय सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) और कृषि जीवीए में मात्स्यिकी क्षेत्र का बढ़ा हुआ योगदान: केंद्रीय मंत्री ने सूचित किया की भारत का मात्स्यिकी क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों में धीरे-धीरे विकसित होकर देश के सामाजिक-आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन गया है। भारत में मात्स्यिकी क्षेत्र ने 2014-15 से 2021-22 तक 8 साल की अवधि के लिए 8.61% (स्थिर मूल्यों पर) की निरंतर वार्षिक औसत वृद्धि दर दिखाई है। 2014-15 से 2021-22 तक आठ साल की अवधि के दौरान, मात्स्यिकी क्षेत्र का जीवीए 2013-14 में 76,487 करोड़ रु/- से बढ़कर 1,47,518.87 करोड़ रुपये (स्थिर मूल्यों पर) हो गया है और 2013-14 में 98,189.64 करोड़ रु/- से बढ़कर 2021-22 में 2,88,526.19 करोड़ रु/- हो गया है (वर्तमान मूल्यों पर)। यह क्षेत्र राष्ट्रीय जीवीए में 1.069% और कृषि जीवीए में 6.86% का योगदान देता है। वास्तव में, राष्ट्रीय जीवीए में मात्स्यिकी क्षेत्र का योगदान 2013-14 के अंत में 0.844% से बढ़कर 2021-22 के अंत में 1.069% हो गया है (स्थिर मूल्यों पर) और कृषि जीवीए में, मात्स्यिकी क्षेत्र का योगदान 44.42% बढ़ गया है; 2013-14 के अंत में यह 4.75% था और इसकी तुलना में 2021-22 के अंत में यह बढ़कर 6.86% हो गया है (स्थिर मूल्यों पर)।
7.मछुआ बंधुओं और मत्स्य किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से संस्थागत ऋण: रूपाला ने सूचित किया की भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में मछुआरों और मत्स्य किसानों को उनकी कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने में सहयोग देने के लिए केसीसी सुविधा प्रदान की है । अब तक, मछुआरों और मत्स्य किसानों को 1,42,458 केसीसी कार्ड जारी किए गए हैं।
8.मत्स्यन बन्दरगाह (एफएच) और मत्स्य उतराई केंद्र (एफएलसी) में इनफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान : रूपाला ने कहा कि मत्स्यन बन्दरगाह (एफएच) और मत्स्य उतराई केंद्र (एफएलसी) मत्स्यन जहाजों के लिए सुरक्षित लैंडिंग, बर्थिंग, लोडिंग और अनलोडिंग सुविधाएं प्रदान करते हैं। आधुनिक मत्स्यन बंदरगाहों और मत्स्य उतराई केन्द्रों का विकास मात्स्यिकी संसाधनों की पोस्ट हार्वेस्ट गतिविधि के लिए महत्वपूर्ण है। पिछले 9 वर्षों के दौरान, भारत सरकार ने नीली क्रांति योजना के तहत 1423.28 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत पर 13 मत्स्यन बंदरगाहों और मत्स्य उतराई केन्द्रों के निर्माण/आधुनिकीकरण के परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी दी है; फिशेरीस एंड एक्वाकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (एफआईडीएफ) के तहत 5087.97 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत पर 46 मत्स्यन बन्दरगाहों और मत्स्य उतराई केंद्रों का निर्माण/विस्तार के लिए मंजूरी; और 2517.04 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत पर प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत 48 मत्स्यन बंदरगाहों और मत्स्य उतराई केंद्रों का निर्माण/आधुनिकीकरण/रखरखाव के लिए मंजूरी दी गई है ।
9.सागर परिक्रमा यात्रा: सागर परिक्रमा यात्रा के दौरान अपने अनुभव साझा करते हुए रूपाला ने कहा कि
सागर परिक्रमा यात्रा आउटरीच कार्यक्रम मार्च 2022 से गुजरात से पश्चिम बंगाल तक एक पूर्व-निर्धारित समुद्री मार्ग पर शुरू किया गया है, जिसका लक्ष्य भारत के लगभग 8000 किमी तटरेखा को कवर करना है । रूपाला ने कहा कि यात्रा का मुख्य उद्देश्य मछुआरों से उनके दरवाजे पर मिलना और उनके मुद्दों और शिकायतों को समझना, स्थायी मत्स्यन को बढ़ावा देना और सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों का प्रचार करना है। अब तक, 7 चरणों में 39 स्थानों पर लगभग 3600 किलोमीटर की तटरेखा को पश्चिमी तटीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, दमन और दीव, केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव तथा पुडुचेरी में माही में कवर किया गया और यह गुजरात के मांडवी से शुरू होकर केरल के विरिनजाम पर समाप्त हुआ । 1.21 लाख मछुआरों ने व्यक्तिगत रूप से बैठकों में भाग लिया और यात्रा का व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया, जिससे लाखों लोग लाभान्वित हुए। कार्यक्रम में मात्स्यिकी क्षेत्र, विशेष रूप से मछुआरों के कल्याण की बेहतरी के लिए सहयोग को बढ़ावा देने और जागरूक निर्णय लेने की परिकल्पना की गई है।
10. प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत समूह दुर्घटना बीमा योजना (जीएआईएस): केंद्रीय मंत्री ने सूचित किया की पीएमएमएसवाई के तहत, मछुआ बंधुओं, मत्स्य किसानों, मत्स्य श्रमिकों और मत्स्य पालन से संबंधित गतिविधियों में सीधे तौर पर शामिल व्यक्तियों को दुर्घटना बीमा कवर प्रदान किया जाता है, जिसका पूरा प्रीमियम वहन केंद्र और राज्य सरकार द्वारा साझा किया जाता है। आकस्मिक मृत्यु या स्थायी विकलांगता के लिए 5 लाख रुपये, आकस्मिक स्थायी आंशिक विकलांगता के लिए 2.5 लाख रुपये और अस्पताल में भर्ती होने पर 25,000 रुपये प्रदान किए जाते हैं। इस योजना के तहत 2021-22 के दौरान कुल 29.11 लाख और 2022-23 के दौरान 33.21 लाख लोगों का नामांकन हुआ है। पूर्व में नीली क्रांति योजना के तहत, मृत्यु या स्थायी पूर्ण विकलांगता के लिए 2 लाख रुपये, आंशिक स्थायी विकलांगता के लिए 1 लाख रुपये और अस्पताल में भर्ती होने के खर्च के लिए 10,000 रु/- दुर्घटना बीमा प्रदान किया गया था।
11.सहकारी समितियां और मत्स्य किसान उत्पादक संगठन (एफएफपीओ): रूपाला ने कहा कि सामूहिकता को बढ़ावा देने और मात्स्यिकी सहकारी समितियों और मत्स्य किसान उत्पादक संगठनों (एफएफपीओ) की बारगेनिंग पावर को बढ़ाने के उद्देश्य से, उनके सशक्तिकरण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं । एसएफएसी, एनएएफईडी, एनसीडीसी और एनएफडीबी जैसी कार्यान्वयन एजेंसियों ने कुल 2192 एफएफपीओ के गठन और विकास की परिकल्पना की है। इस पहल में सहयोग देने के लिए, पीएमएमएसवाई के तहत 541.35 करोड़ रुपये का परिव्यय आवंटित किया गया है।
12. समुद्र में मछुआरों की सुरक्षा के लिए समुद्री मछली पकड़ने वाले जहाजों पर पोत संचार और सहायता प्रणाली का राष्ट्रीय रोल आउट: रूपाला ने सूचित किया की भारत सरकार ने प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत एक लाख मत्स्यन जहाजों पर उपग्रह-आधारित पोत संचार और सहायता प्रणाली स्थापित करने के लिए 364 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है जिसका कार्यान्वयन भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के तहत एक केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम, न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड के माध्यम से किया जाएगा । इस तकनीक को अंतरिक्ष विभाग, इसरो द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। ये उपकरण समुद्र में मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे, जिससे वे अपने परिवारों से जुड़े रहेंगे और तूफान एवं चक्रवात के दौरान और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पास मछली पकड़ने के दौरान सहायता प्राप्त कर सकेंगे। पारंपरिक मछुआरों के कल्याण के लिए यह परिवर्तनकारी परियोजना एक आत्मनिर्भर भारत पहल है जो अगले 18 महीनों में पूरी हो जाएगी


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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ईद-उल-जुहा की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को दी शुभकामनाएं https://satyapathnews.com/vice-president-jagdeep-dhankhar-greets-the-nation-on-the-eve-of-eid-ul-zuha/ https://satyapathnews.com/vice-president-jagdeep-dhankhar-greets-the-nation-on-the-eve-of-eid-ul-zuha/#respond Wed, 28 Jun 2023 12:25:24 +0000 http://satyapathnews.com/?p=127378 उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ईद-उल-जुहा की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को शुभकामनाएं दीं हैं। उनके संदेश का पूरा पाठ इस प्रकार है: “ईद-उल-जुहा के शुभ त्यौहार पर, मैं सभी साथी भारतीयों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। ईद-उल-जुहा त्याग और निस्वार्थ सेवा का प्रतीक है तथा हमारी कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर है। यह परिवारों और […]

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ईद-उल-जुहा की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को शुभकामनाएं दीं हैं।

उनके संदेश का पूरा पाठ इस प्रकार है:

“ईद-उल-जुहा के शुभ त्यौहार पर, मैं सभी साथी भारतीयों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।

ईद-उल-जुहा त्याग और निस्वार्थ सेवा का प्रतीक है तथा हमारी कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर है। यह परिवारों और समुदायों के लिए एक साथ आकर खुशियाँ और आशीर्वाद साझा करने का भी अवसर है।

मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि यह ईद हम सभी के लिए शांति, समृद्धि और खुशियाँ लाए।”

उपराष्ट्रपति के संदेश का हिंदी अनुवाद इस प्रकार है:

“ईद-उल-जुहा के शुभ अवसर पर, मैं सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।

ईद-उल-जुहा त्याग व निस्वार्थ सेवा का प्रतीक है और कृतज्ञता व्यक्त करने का एक अवसर है। यह सभी परिवारों और समुदायों द्वारा आपस में खुशियाँ और शुभकामनाएं साझा करने का भी अवसर है।

यह ईद हम सभी के लिए शांति, समृद्धि और खुशियाँ लेकर आए, यही मंगल कामना है।”

उपराष्ट्रपति के संदेश का उर्दू में अनुवाद इस प्रकार है:

عید الاضحیٰ کے پرمسرت تہوار پر میں تمام ہندوستانیوں کو دل کی گہرائیوں سے مبارکباد پیش کرتا ہوں۔

عید الاضحیٰ قربانی بے لوثی کی علامت اور اظہار تشکر کا موقع ہے۔ یہ خاندانوں اور برادریوں کے لیے خوشی اور برکتیں بانٹنے کے لیے اکٹھے ہونے کا موقع بھی ہے۔ یہ عید ہم سب کے لیے امن، خوشحالی اور خوشیاں لائے۔

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केंद्र ने विद्युत क्षेत्र के सुधारों में तेजी लाने के लिए राज्यों को वित्तीय प्रोत्साहन दिया, 12 राज्यों को विद्युत क्षेत्र में सुधार के लिए 66,413 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन मिला https://satyapathnews.com/center-gives-financial-incentives-to-states-to-accelerate-power-sector-reforms-12-states-get-rs-66413-cr-incentive-for-power-sector-reforms/ https://satyapathnews.com/center-gives-financial-incentives-to-states-to-accelerate-power-sector-reforms-12-states-get-rs-66413-cr-incentive-for-power-sector-reforms/#respond Wed, 28 Jun 2023 11:14:44 +0000 http://satyapathnews.com/?p=127349 विद्युत क्षेत्र में सुधारों के लिए 2023-24 में 1,43,332 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन मिला वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने अतिरिक्त उधार लेने की अनुमति के रूप में वित्तीय प्रोत्साहन देकर विद्युत क्षेत्र में राज्यों द्वारा सुधारों को बढ़ावा दिया है। इस कदम का उद्देश्य विद्युत क्षेत्र की दक्षता और कार्य प्रदर्शन को ब ढ़ाने […]

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विद्युत क्षेत्र में सुधारों के लिए 2023-24 में 1,43,332 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन मिला

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने अतिरिक्त उधार लेने की अनुमति के रूप में वित्तीय प्रोत्साहन देकर विद्युत क्षेत्र में राज्यों द्वारा सुधारों को बढ़ावा दिया है। इस कदम का उद्देश्य विद्युत क्षेत्र की दक्षता और कार्य प्रदर्शन को ब

ढ़ाने के लिए सुधारों को प्रारंभ करने में राज्यों को प्रोत्साहित करना और समर्थन देना है।

केंद्रीय बजट 2021-22 में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा इस पहल की घोषणा की गई थी। इस पहल के अंतर्गत 2021-22 से 2024-25 तक चार वर्ष की अवधि के लिए राज्यों को सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.5 प्रतिशत का अतिरिक्त उधार लेने की सुविधा उपलब्ध है। यह अतिरिक्त वित्तीय सुविधा राज्यों द्वारा विद्युत क्षेत्र में विशिष्ट सुधारों को लागू करने पर निर्भर है।

इस पहल ने राज्य सरकारों को सुधार प्रक्रिया प्रारंभ करने के लिए प्रोत्साहित किया है और अनेक राज्यों ने आगे आकर किए गए सुधारों और विभिन्न मानकों की उपलब्धियों का ब्यौरा विद्युत मंत्रालय को प्रस्तुत किया है।

विद्युत मंत्रालय की सिफारिशों के आधार पर वित्त मंत्रालय ने 12 राज्यों को 2021-22 और 2022-23 में किए गए सुधारों के लिए अनुमति दी है। पिछले दो वित्तीय वर्षों में उन्हें अतिरिक्त उधारी अनुमतियों के माध्यम से 66,413 करोड़ रुपये के वित्तीय संसाधन जुटाने की अनुमति दी गई है।

वित्त वर्ष 2023-24 में राज्य विद्युत क्षेत्र के सुधारों से जुड़ी अतिरिक्त उधार लेने की सुविधा का लाभ उठाना जारी रख सकते हैं। 2023-24 में इन सुधारों को प्रारंभ करने के लिए राज्यों को प्रोत्साहन के रूप में 1,43,332 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध होगी। 2021-22 और 2022-23 में सुधार प्रक्रिया को पूरा करने में असमर्थ रहे। राज्यों को भी 2023-24 के लिए निर्धारित अतिरिक्त उधार से लाभ हो सकता है, यदि वे चालू वित्त वर्ष में सुधार करते हैं।

विद्युत क्षेत्र में सुधार के लिए वित्तीय प्रोत्साहन देने का प्राथमिक उद्देश्य इस क्षेत्र के भीतर परिचालन और आर्थिक दक्षता में सुधार करना तथा भुगतान किए गए विद्युत की खपत में निरंतर वृद्धि को बढ़ावा देना है।

प्रोत्साहन के पात्र होने के लिए राज्य सरकारों को अनिवार्य सुधारों का एक सेट तैयार करना चाहिए और निर्धारत प्रदर्शन मानकों को पूरा करना चाहिए। आवश्यक सुधारों में निम्नलिखित शामिल हैः

• राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र की विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) की हानियों के लिए उत्तरोत्तर दायित्व ग्रहण।

• सब्सिडी के भुगतान तथा डिस्कॉम के प्रति सरकारों और डिस्कॉम की देनदारियों को दर्ज करने सहित विद्युत क्षेत्र के वित्तीय मामलों की रिपोर्टिंग में पारदर्शिता।

• वित्तीय ऊर्जा खातों को समय पर प्रस्तुत करना और समय पर लेखा परीक्षण।

• कानूनी और नियामक आवश्यकताओं का अनुपालन।

इन सुधारों के पूरा होने पर प्रोत्साहन राशि के लिए अपनी पात्रता निर्धारित करने के लिए विशिष्ट मानकों के आधार पर किसी राज्य के प्रदर्शन का मूल्यांकन जो प्रदर्शन के आधार पर सकल घरेलू उत्पाद का 0.25 प्रतिशत से 0.5 प्रतिशत तक हो सकता है। मूल्यांकन मानकों में शामिल हैं-
• कृषि कनेक्शन सहित कुल ऊर्जा खपत की तुलना में मीटर बिजली की खपत का प्रतिशत।

• उपभोक्ताओं को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) द्वारा सब्सिडी का भुगतान।

• कुल तकनीकी और वाणिज्यिक (एटी और सी) हानि में कमी के लिए लक्ष्यों की प्राप्ति।

• आपूर्ति की औसत लागत और औसत वसूली योग्य राजस्व (एसीएस-एआरआर) अंतर में कमी के लक्ष्यों को पूरा करना।

• क्रॉस सब्सिडी में कमी।

• सरकारी विभागों तथा स्थानीय निकायों द्वारा विद्युत बिलों का भुगतान।

• सरकारी कार्यालय में प्रीपेड मीटर लगाना।

• नवचारों और नवीन प्रौद्योगिकियों का उपयोग।

इसके अतिरिक्त राज्य विद्युत वितरण कंपनियों के निजीकरण के लिए बोनस अंक के लिए पात्र हैं।

विद्युत मंत्रालय राज्यों के निष्पादन का आकलन करने और अतिरिक्त उधार की अनुमति प्रदान करने के लिए उनकी पात्रता निर्धारित करने में नोडल मंत्रालय के रूप में कार्य करता है।

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दिव्य ज्ञान अकैडमी एसएसबी के जवानों के साथ सम्मिलित हुआ “हर घर तिरंगा” अभियान में। https://satyapathnews.com/divya-gyan-academy-joins-ssb-jawans-in-har-ghar-tiranga-campaign/ https://satyapathnews.com/divya-gyan-academy-joins-ssb-jawans-in-har-ghar-tiranga-campaign/#respond Sun, 14 Aug 2022 02:11:53 +0000 http://satyapathnews.com/?p=91493 स्वतंत्रता दिवस के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में जहां पूरा देश धूमधाम से स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है हर तरफ आजादी की धूम नजर आ रही है। वही नन्हे मुन्ने बच्चे भी तिरंगे के साथ उत्साहित नजर आ रहे हैं अल्मोड़ा में एसएसबी के द्वारा वितरित किए गए तिरंगे को लेकर बच्चों में खासा […]

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स्वतंत्रता दिवस के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में जहां पूरा देश धूमधाम से स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है हर तरफ आजादी की धूम नजर आ रही है। वही नन्हे मुन्ने बच्चे भी तिरंगे के साथ उत्साहित नजर आ रहे हैं अल्मोड़ा में एसएसबी के द्वारा वितरित किए गए तिरंगे को लेकर बच्चों में खासा उत्साह नजर आया। दिव्य ज्ञान अकैडमी के प्रबंधक कपिल मल्होत्रा, प्रधानाचार्या भावना मल्होत्रा एवं शिक्षक शिक्षिकाओं ने एसएसबी के जवानों के साथ मिलकरमिलकर, तिरंगे को लेकर छात्र छात्राओं को जानकारी देते हुए हर घर तिरंगा अभियान में जुड़कर देश को तिरंगा मय करने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या भावना मल्होत्रा ने बच्चों को कहा कि इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर सभी बच्चे अपने घर में तिरंगा अवश्य लगाएं तथा “हर घर तिरंगा”अभियान को सफल बनाने का भरपूर प्रयास करें।

इस कार्यक्रम में एसएसबी के अधिकारी एवम जवानों के साथ विद्यालय की शिक्षिका बबीता, निशा, सपना, किरन, नेहा, दिव्या, सरिता समेत विद्यालय के अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।

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अल्मोड़ा कारागार परिसर में धूम धाम से मनाया गया अगस्त क्रांति दिवस https://satyapathnews.com/august-kranti-diwas-celebrated-with-pomp-in-almora-prison-complex/ https://satyapathnews.com/august-kranti-diwas-celebrated-with-pomp-in-almora-prison-complex/#respond Wed, 10 Aug 2022 02:13:54 +0000 http://satyapathnews.com/?p=91021 अल्मोड़ा, अगस्त क्रांति दिवस ऐतिहासिक अल्मोड़ा कारागार परिसर में बड़ी धूम धाम से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ नेहरू वार्ड में पंडित जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर का अनावरण तथा द्वीप प्रज्वलित कर मंगल दीप विद्यालय की प्रबंधक सुश्री मनोरमा जोशी तथा नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान, उपजिलाधिकारी सदर […]

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अल्मोड़ा,
अगस्त क्रांति दिवस ऐतिहासिक अल्मोड़ा कारागार परिसर में बड़ी धूम धाम से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ नेहरू वार्ड में पंडित जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर का अनावरण तथा द्वीप प्रज्वलित कर मंगल दीप विद्यालय की प्रबंधक सुश्री मनोरमा जोशी तथा नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान, उपजिलाधिकारी सदर गोपाल सिंह चौहान तथा अन्य द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन गिरीश मल्होत्रा द्वारा किया गया। इस दौरान जेल परिसर में सभी के द्वारा नेहरू जी समेत सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी गई। ऐतिहासिक अल्मोड़ा जेल में जवाहर लाल नेहरू, बद्रीदत्त पांडे, हरगोविंद पंत, सैयद अली जहीर, खान अब्दुल गफ्फार खान, दुर्गा सिंह रावत समेत अन्य क्रांतिकारी नेता निरुद्ध रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन की याद में यह अगस्त क्रांति दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानी के सम्मान को बनाए रखने हेतु सभी नागरिकों को अपने अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए,उनके आदर्शों का सम्मान करना चाहिए। पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता के लिए बहुत से स्वतंत्रता सेनानियों ने बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मानने जा रहा है। बीते 75 वर्षों से लेकर आज तक भारत ने बहुत से कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि 9 अगस्त का दिन भारत छोड़ो आंदोलन की अगस्त क्रांति में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सैनानियों को याद करने का दिन है। मुख्य अतिथि मंगल दीप विद्यालय की प्रबंधक सुश्री मनोरमा जोशी ने कहा कि सभी को अपने ह्रदय में संकल्प लेकर देश हित के लिए कार्य करने चाहिए। कार्यक्रम में एडम्स कॉलेज, मंगल दीप स्कूल,मानस पब्लिक स्कूल, कुर्मांचल पब्लिक स्कूल के बच्चों द्वारा सुंदर प्रस्तुतियां देकर सभी का मन मोहित किया गया। इस दौरान बच्चों ने देशभक्ति गीत, नृत्य तथा भाषण के माध्यम से समा बांधा। मंगल दीप स्कूल के मूक बधिर बच्चों ने भी देश भक्ति गीत एवं नृत्य किए। सभी वक्ताओं ने भारत छोड़ो आंदोलन के इतिहास, तत्कालीन परिस्थितियों आदि के बारे में अपने अपने विचार रखे तथा कहा कि अल्मोड़ा की जेल एक ऐतिहासिक जेल है। इस जेल से बहुत से वीर स्वतंत्रता सेनानियों का इतिहास जुड़ा हुआ है। उपजिलाधिकारी गोपाल सिंह चौहान ने कहा कि प्रत्येक नागरिक अपने अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करते हुए देश भक्ति तथा देश के विकास में योगदान दे सकता है। उन्होंने अगस्त क्रांति के नायकों तथा देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले सैनानियों को श्रद्धांजलि दी।
इस दौरान कारागार प्रशासन द्वारा जेल रेडियो का आयोजन कर जेल परिसर की दिनचर्याओं के बारे में विस्तार से बताया गया। जेल अधीक्षक जयंत पांगती ने कहा कि आज परिस्थितियां पूर्व की अपेक्षा काफी बदल गई हैं। उन्होंने जेल के बारे में कहा कि यह बंदी गृह न होकर सुधार गृह है। यहां अपराधियों को स्वसुधार हेतु प्रेरित किया जाता है।
इस दौरान जिला विकास अधिकारी, केएन तिवारी, जिला अस्पताल की सीएमएस कुसुमलता, तहसीलदार कुलदीप पांडे, रेड क्रॉस के चेयरमैन मनोज सनवाल, डॉ दुर्गापाल, हयात सिंह रावत, पीसी तिवारी, एडवोकेट गबन सिंह बिष्ट समेत अन्य पदाधिकारी तथा गणमान्य लोग मौजूद रहे।
जिला सूचना अधिकारी अल्मोड़ा

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अगस्त क्रांति दिवस पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सम्मान यात्रा निकाली गई अल्मोड़ा नगर में https://satyapathnews.com/freedom-fighter-samman-yatra-was-taken-out-in-almora-city-on-august-kranti-day/ https://satyapathnews.com/freedom-fighter-samman-yatra-was-taken-out-in-almora-city-on-august-kranti-day/#respond Wed, 10 Aug 2022 02:02:45 +0000 http://satyapathnews.com/?p=91016 अल्मोड़ा: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सम्मान यात्रा आज नंदा देवी प्रांगण से प्रारंभ होकर लाला बाजार, कारखान बाजार, चौक बाजार होते हुए थाना बाजार , गांधी पार्क चौघान पाटा में यात्रा का समापन किया गया। स्वतंत्रता सेनानी सम्मान यात्रा का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अल्मोड़ा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार राय, जिलाधिकारी की ओर […]

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अल्मोड़ा: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सम्मान यात्रा आज नंदा देवी प्रांगण से प्रारंभ होकर लाला बाजार, कारखान बाजार, चौक बाजार होते हुए थाना बाजार , गांधी पार्क चौघान पाटा में यात्रा का समापन किया गया। स्वतंत्रता सेनानी सम्मान यात्रा का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अल्मोड़ा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार राय, जिलाधिकारी की ओर से जिला विकास अधिकारी के एन तिवारी प्रतिनिधि के तौर पर उपस्थित थे।जिन्होंने राष्ट्रीय ध्वज दिखाकर यात्रा का शुभारंभ किया। साथ में स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मयंक शर्मा और अल्मोड़ा की पूर्व विधायक रघुनाथ सिंह चौहान और अल्मोड़ा उत्तराखंड संगठन के जनपद अध्यक्ष कमलेश पांडे साथ में थे। सम्मान यात्रा नंदा देवी प्रांगण से प्रारंभ होकर, मुख्य बाजार से होते हुए थाना बाजार, होकर गांधी पार्क अल्मोड़ा में गांधी की प्रतिमा में पुष्पांजलि अर्पित कर समाप्त हुई ।सम्मान यात्रा में नैनीताल जनपद के संरक्षक सुरेश पांडे, सचिव नरेंद्र ,अल्मोड़ा संगठन के सचिव भरत पांडे, संरक्षक ताराचंद साह, गोविंद लाल वर्मा, शिवेंद्र गोस्वामी, महिला उपाध्यक्ष राधा तिवारी, उपाध्यक्ष पुष्कर प्रसाद पांडे, शिव शंकर बोरा प्रसाद पांडे, किशोर भंडारी, किशन जोशी, विपिन चंद्र जोशी, यशवंत सिंह परिहार, विनोद शर्मा, गिरीश शर्मा, कैलाश वर्मा, विनय पांडे, बरखा पांडे और विनीता पांडे सम्मिलित हुए इसके अतिरिक्त अल्मोड़ा के रीता दुर्गापाल, विमला बोरा, मीना भोसोडा, पुष्पा सती, रेड क्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष मनोज संनवाल, जगदीश चंद्र दुर्गापाल और आशीष वर्मा। कार्यक्रम में जलपान की व्यवस्था अल्मोड़ा व्यापार मंडल अध्यक्ष सुशील शाह द्वारा की गई थी और फल वितरण विक्टोरिया क्लब के अध्यक्ष मनोज पवार द्वारा किया गया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण जोहरी बाजार स्थित गिरीश शर्मा के आवास से सम्मान यात्रा का पुष्प वर्षा की गई। शिशु मंदिर जीवन धाम के बच्चों द्वारा महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस आदि महापुरुषों की झांकी वह घोष कार्यक्रम और बैंड रहा। संस्कृति विभाग द्वारा दिया गया चंदन बोरा एंड पार्टी द्वारा छोलिया नृत्य भी आकर्षण का केंद्र रहा। स्कूली बच्चों में जीजीआईसी की बालिकाएं, ऐडम्स इंटर कॉलेज के बालिकाएं, आर्य कन्या इंटर कॉलेज की बालिकाएं और राजकीय इंटर कॉलेज के छात्र और अल्मोड़ा इंटर कॉलेज के छात्र रहे व जीवन धाम शिशु मंदिर की प्रधानाचार्य पूनम जोशी शिक्षक शिक्षिकाएं आदि मौजूद थे।

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विक्टोरिया क्लब अल्मोड़ा करने जा रहा है पहली बार अल्मोड़ा में 13 अगस्त से टैस्ट मैच का आयोजन https://satyapathnews.com/victoria-club-is-going-to-almora-for-the-first-time-to-organize-a-test-match-in-almora-from-august-13/ https://satyapathnews.com/victoria-club-is-going-to-almora-for-the-first-time-to-organize-a-test-match-in-almora-from-august-13/#respond Thu, 04 Aug 2022 01:29:47 +0000 http://satyapathnews.com/?p=90911 विक्टोरिया क्लब के अध्यक्ष मनोज सिंह पवार ने बतलाया कि आगामी 05 अगस्त से हेमवंती नंदन बहुगुणा स्टेडियम में ओपन विक्टोरिया चैंपियन लीग क्रिकेट प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। प्रत्येक मैच 30-30 ओवर के लाल रंग की गेंद से सफेद ड्रेस में खेले जाएंगे।मनोज सिंह पवार ने बतलाया प्रतियोगता का मुख्य उद्वेश्य हेमवंति नंदन बहुगुणा स्टेडियम […]

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विक्टोरिया क्लब के अध्यक्ष मनोज सिंह पवार ने बतलाया कि आगामी 05 अगस्त से हेमवंती नंदन बहुगुणा स्टेडियम में ओपन विक्टोरिया चैंपियन लीग क्रिकेट प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। प्रत्येक मैच 30-30 ओवर के लाल रंग की गेंद से सफेद ड्रेस में खेले जाएंगे।
मनोज सिंह पवार ने बतलाया प्रतियोगता का मुख्य उद्वेश्य हेमवंति नंदन बहुगुणा स्टेडियम अल्मोड़ा में आगामी 13 अगस्त से होने वाले टेस्ट मैच से सम्बन्धित है। प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाली टीमों के खिलाड़ियों में से ही एक 20 सदस्यीय खिलाड़ियों की टेस्ट टीम का चयन किया जाएगा जो जिले के बाहर से आने वाली टेस्ट टीम के साथ एक 5 दिवसीय टेस्ट मैच खेलेगी।
मनोज सिंह पवार ने बतलाया कुमाऊं के इतिहास में आज तक कोई भी 5 दिवसीय टेस्ट मैच किसी भी खेल मैदान में नहीं खेला गया है। प्रथम बार विक्टोरिया क्लब अल्मोड़ा इसका आयोजन करने जा रहा हैं।
आयोजन समिति के अरविन्द जोशी, अरुण वर्मा, सूरज वाणी, दीप चंद्र जोशी, आशीष कुमार, नीतीश गोस्वामी आदि मौजूद रहे।

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