अल्मोड़ा। नगर के एक होटल सभागार में कुमाऊं के आराध्य देव और न्याय के देवता गोलज्यू पर आधारित फिल्म ‘बाला गोरिया’ के लिए ऑडिशन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर 40 से अधिक कलाकारों ने विभिन्न वर्गों से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। हिमाद्री प्रोडक्शंस द्वारा बनाई जा रही इस फिल्म के लिए कुमाऊनी भाषा में ऑडिशन लिया गया, जिससे फिल्म की स्थानीय रंगत और संस्कृति को सही तरीके से दर्शाया जा सके।
फिल्म के निर्माता मनोज चंदोला ने बताया कि इससे पहले दिल्ली और हल्द्वानी में भी ऑडिशन आयोजित किए गए थे। उनका उद्देश्य उत्तराखंड के कलाकारों और नई प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना है, ताकि वे अपनी कला का बेहतर प्रदर्शन कर सकें। इसके साथ ही, यह फिल्म उत्तराखंड के लोक देवताओं को अंतरराष्ट्रीय फिल्म मंच पर प्रस्तुत करने का एक प्रयास है। चंदोला ने बताया कि गोलज्यू देवता पर आधारित इस फिल्म के माध्यम से न केवल उत्तराखंड के लोक देवताओं का दर्शन कराया जाएगा, बल्कि यह देश और विदेश में उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को पहुंचाने का भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा। फिल्म की तकनीकी दृष्टि से भी यह उत्तराखंड सिनेमा के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी।
फिल्म की निर्माण यात्रा को लेकर चंदोला ने कहा कि हिमाद्री प्रोडक्शंस इससे पहले उत्तराखंड की लोकगाथा पर आधारित फिल्म ‘राजुला’ का निर्माण कर चुकी है। यह फिल्म उत्तराखंड की पहली फिल्म थी, जिसे देश के विभिन्न पीवीआर सिनेमाघरों में एक साथ प्रदर्शित किया गया। इसके अलावा, उनकी सहयोगी संस्था अभिव्यक्ति कार्यशाला के माध्यम से विभिन्न नाटकों के जरिए लोक थातियों पर काम किया जा रहा है।
इस अवसर पर फिल्म के निर्देशक और लेखक नितिन तिवारी, सामाजिक कार्यकर्ता और वरिष्ठ पत्रकार चारू तिवारी, कार्यकारी निर्माता महर हक, मुकेश कुगसाल, एसोसिएट डायरेक्टर अतीत रावत, प्रोडक्शन मैनेजर कमल मठपाल आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। इन सभी ने फिल्म के निर्माण को लेकर अपनी योजनाओं और विचारों को साझा किया।
यह फिल्म उत्तराखंड के सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने के साथ-साथ राज्य के कला क्षेत्र को नई दिशा देने का काम करेगी। ‘बाला गोरिया’ जैसी फिल्मों के माध्यम से न केवल कुमाऊं की लोक कला को नया जीवन मिलेगा, बल्कि यह फिल्म क्षेत्रीय सिनेमा के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी।