थाना सल्ट के जवान ने प्राथमिक उपचार कर चोटिल युवक को तात्कालिक राहत प्रदान की
अल्मोड़ा – अल्मोड़ा जिले के सल्ट क्षेत्र में स्थित क्रोकोडाइल पॉइंट के पास एक बाइक सवार युवक, अमित रावत, जो कि कसार धुमाकोट का निवासी है, अपनी बाइक से गिरकर घायल हो गया। दुर्घटना के दौरान युवक के सिर और चेहरे पर गंभीर चोटें आईं, जिससे रक्तस्राव हो रहा था। इस हादसे के बाद युवक की मदद के लिए तैनात पुलिस जवान मौके पर पहुंचे और उन्होंने घायल युवक को तत्काल प्राथमिक उपचार देकर उसे राहत प्रदान की।
घटना का विवरण
घटना की सूचना मिलने के बाद थाना सल्ट के कानि0 अमरेन्द्र सिंह तुरंत अपनी ड्यूटी पर से घटनास्थल पर पहुंचे। घायल युवक अमित रावत की स्थिति देखकर उन्होंने तुरंत कार्रवाई की और युवक के सिर व चेहरे पर हो रहे रक्तस्राव को नियंत्रित करने के लिए मरहम पट्टी की। कानि0 अमरेन्द्र सिंह ने घायल युवक से पूछताछ की और उसने बताया कि वह रामनगर की ओर जा रहा था, तभी बाइक रपटने से यह हादसा हुआ।
कानि0 अमरेन्द्र सिंह ने उसकी तात्कालिक राहत के लिए अपने स्तर पर सभी कदम उठाए और घायल युवक की स्थिति में सुधार आने तक उसकी मदद की। इसके बाद, घायल युवक को उसके मित्र के साथ सुरक्षित रूप से उसके गंतव्य की ओर रवाना किया गया।
मानवता की मिसाल
घायल युवक और उसके मित्र ने पुलिस जवान द्वारा दी गई त्वरित मदद और मरहम पट्टी की कड़ी प्रशंसा की। युवक ने इस पूरी घटना के बारे में पुलिस की तत्परता और मदद को लेकर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पुलिस जवान ने सिर्फ उनका इलाज किया बल्कि उनकी मानसिक स्थिति को भी समझते हुए उन्हें सहारा दिया। यह पुलिस जवान की मानवता का एक शानदार उदाहरण था, जिसने न केवल अपना कर्तव्य निभाया बल्कि संकट की घड़ी में एक घायल व्यक्ति की मदद की।
पुलिस की तत्परता और जिम्मेदारी
यह घटना यह साबित करती है कि पुलिस सिर्फ कानून और व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित नहीं होती, बल्कि संकट की घड़ी में जनता के लिए एक सहारा बनकर उनकी मदद भी करती है। थाना सल्ट के कानि0 अमरेन्द्र सिंह ने मौके पर पहुंचकर न केवल घायल युवक को प्राथमिक उपचार दिया बल्कि पुलिस द्वारा दिखाई गई संवेदनशीलता और तत्परता की भी मिसाल पेश की।
इस घटना से यह भी सिद्ध होता है कि पुलिसकर्मी न केवल कानून के रखवाले होते हैं, बल्कि वे समाज में मानवता का एक मजबूत उदाहरण भी प्रस्तुत करते हैं। थाने के जवानों का यह काम सिर्फ उनका कर्तव्य नहीं, बल्कि उनके प्रति समाज की उम्मीदों और विश्वास का प्रतीक भी है।
पुलिस जवानों का यह कर्तव्य और संवेदनशीलता का उदाहरण हमें यह सिखाता है कि संकट के समय में एक दूसरा इंसान कितना महत्वपूर्ण हो सकता है। कभी-कभी सिर्फ एक छोटी सी मदद, जैसे प्राथमिक उपचार, किसी की जान बचाने या मानसिक स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इस घटना ने एक बार फिर से साबित किया कि हमारी पुलिस बल सिर्फ एक सुरक्षा बल नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज की एक सशक्त और सहायक कड़ी भी है।