सड़क की दुर्दशा से ग्रामीण परेशान, मरम्मत न होने पर चक्का जाम की चेतावनी
नाटाडोल (अल्मोड़ा), :
नाटाडोल क्षेत्र की मुख्य सड़क के नवीनीकरण और रखरखाव में हो रही अनदेखी के विरोध में शनिवार से ग्राम प्रशासक पुष्पा आर्या ने ग्रामीणों के साथ धरना शुरू कर दिया। वर्ष 2021 से अब तक सड़क पर डामरीकरण या किसी प्रकार का मरम्मत कार्य नहीं हुआ है, जिससे ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बार-बार विभाग से जानकारी लेने के बावजूद कोई संतोषजनक उत्तर न मिलने से आक्रोशित ग्रामीणों ने अब आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है।
धरने को समर्थन देने पहुंचे जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि नवीन कोहली ने कहा कि यह सड़क ग्रामीणों की आजीविका और किसानों के परिवहन से जुड़ी है। यदि समय रहते इसे ठीक नहीं किया गया तो बरसात में यह पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाएगी और गाड़ियों की आवाजाही बंद हो जाएगी, जिससे किसानों को भारी नुकसान होगा।
पूर्व जिला पंचायत प्रतिनिधि शिवराम आर्या ने आश्वासन दिया कि इस मुद्दे को सड़क से लेकर सदन तक उठाया जाएगा और शीघ्र ही रोड के लिए बजट स्वीकृत कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि सड़क की मरम्मत नहीं होने से क्षेत्र का विकास ठप पड़ा है, जिसे अब और नहीं सहा जाएगा।
गिरीश भट्ट ने भी ग्रामीणों को मार्गदर्शन देते हुए सड़क के सीमांकन और जल्द नवीनीकरण की आवश्यकता को पूरे जोश के साथ रखा। रमेश मलकानी ने भी कहा कि जब तक सड़क के लिए धनराशि स्वीकृत नहीं होती, तब तक धरना जारी रहेगा। यदि शासन-प्रशासन ने स्थिति का संज्ञान नहीं लिया, तो अगले चरण में चक्का जाम जैसे कदम भी उठाए जा सकते हैं।
धरने में ग्राम प्रधान संगठन अध्यक्ष राजेंद्र बिलवाल, प्रधान प्रतिनिधि जीवन चंद्र, सरपंच नाटाडोल भागुली देवी, सरपंच भांगादेवली राजेंद्र देवलिया, न्याय पंचायत अध्यक्ष त्रिलोक सिंह, पूर्व प्रधान पूरन राम, धन सिंह ठठोला, रमेश भट्ट, बची राम, जगदीश राम, हरीश चंद्र, सुनील नैलवाल, वैभव आर्या, मोहन मेलकानी, निर्मल फर्त्याल, विनोद भट्ट, कमल मेर, कमलेश आर्या, सुंदर लाल आर्य, त्रिलोचन आर्य, प्रेम प्रकाश भट्ट, रेखा देवी प्रशासक भांगादेवली, धरम पाल, किशन फर्त्याल, देवी दत्त भट्ट सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
सभी ने एक सुर में कहा कि यह लड़ाई केवल सड़क की नहीं, बल्कि क्षेत्र के विकास और जनहित की है, जिसे अंतिम दम तक लड़ा जाएगा। धरना तब तक जारी रहेगा जब तक शासन द्वारा सड़क के लिए ठोस कार्रवाई नहीं की जाती।