अल्मोड़ा – अल्मोड़ा में महिलाओं द्वारा आयोजित रामलीला मंचन का समापन समारोह भव्यता के साथ संपन्न हुआ। यह आयोजन श्री सांस्कृतिक एवं सामाजिक सेवा समिति के तत्वावधान में किया गया था, जिसमें रामलीला के माध्यम से महिलाओं ने धार्मिक एवं सांस्कृतिक प्रस्तुति देकर समाज में एक नई मिसाल कायम की।
समारोह का आयोजन पुरस्कार वितरण एवं सम्मान कार्यक्रम के रूप में हुआ, जिसमें महिला कलाकारों और सहयोगी सदस्यों को उनकी विशिष्ट भूमिका के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक मनोज तिवारी उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में पूर्व तहसीलदार सनवाल, पार्षद दीपक कुमार, पार्षद वैभव पांडे तथा पत्रकार कपिल मल्होत्रा शामिल रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता राजेंद्र तिवारी ने की तथा संचालन का उत्तरदायित्व हर्षिता तिवारी ने सफलतापूर्वक निभाया।
समारोह की शुरुआत अतिथियों के स्वागत और अभिनंदन से हुई, जिसके पश्चात महिला कलाकारों ने मंच पर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि किस प्रकार पारंपरिक रूप से पुरुषों द्वारा निभाए जाने वाले इन धार्मिक पात्रों को निभाना उनके लिए एक चुनौतीपूर्ण लेकिन गौरवपूर्ण अनुभव रहा।

मुख्य अतिथि विधायक मनोज तिवारी ने महिला प्रतिभागियों की सराहना करते हुए कहा,
“महिलाओं द्वारा रामलीला जैसे सांस्कृतिक आयोजन का सफल मंचन करना न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह समाज में लैंगिक समानता की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है। हम सभी को इन प्रयासों का सम्मान करना चाहिए।”
इसके बाद सभी महिला कलाकारों एवं सहयोगियों को पुरस्कार और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में प्रमुख रूप से राधा तिवारी, गीता मेहरा, राधा बिष्ट, गीता तिवारी, भावना मल्होत्रा, सपना नयाल, पुष्पा नेगी, सपना सांगा, आशा बिग, योगिता जोशी, ज्योति त्यागी, तारा तिवारी, पुष्पा पांडे, श्वेता पुनीत, शगुन त्यागी, हर्षित तिवारी, खुशी बिष्ट, रुद्रांशी बिष्ट, गर्वित तिवारी, पंकज भगत, अमितेश बिष्ट, भारती जोशी, गायत्री तिवारी, रिया तिवारी, रेखा भोनी, गुंजन चौहान, चेतन पांडे, योगेश कुमार आदि उपस्थित रहे।

इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि महिलाएं किसी भी मंच पर समान रूप से सशक्त और प्रभावशाली प्रस्तुति देने में सक्षम हैं। रामलीला जैसे पारंपरिक मंच पर उनकी भागीदारी ने स्थानीय संस्कृति को नई दिशा दी है।
श्री सांस्कृतिक एवं सामाजिक सेवा समिति ने भविष्य में भी ऐसे आयोजन नियमित रूप से करने का संकल्प लिया, ताकि महिलाओं को समाजिक-सांस्कृतिक मंच पर और अधिक प्रोत्साहन मिल सके।