अल्मोड़ा, — अल्मोड़ा के 111 अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री उत्तराखंड को एक संयुक्त ज्ञापन भेजकर नवीन कलेक्ट्रेट परिसर में अधिवक्ता चैंबर निर्माण कार्य शीघ्र शुरू करने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि उनकी पूर्व घोषणा के अनुसार 371 लाख रुपये की लागत से बनने वाले इस चैंबर के निर्माण को सुनिश्चित कराया जाए और जब तक यह कार्य पूरा नहीं होता, तब तक नवीन कलेक्ट्रेट भवन के प्रथम तल के मध्य भाग (लांबी) में बैठने की अस्थायी व्यवस्था की जाए।
ज्ञापन में अधिवक्ताओं ने उल्लेख किया कि दिनांक 30 नवंबर 2023 को मुख्यमंत्री द्वारा जिला प्रभारी मंत्री धन सिंह रावत की उपस्थिति में वर्चुअल माध्यम से चैंबर निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया था। इसके बावजूद डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ, जिससे अधिवक्ताओं को रोजमर्रा के कार्यों में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
अधिवक्ताओं ने यह सवाल उठाया है कि जब सरकार को निर्माण कार्य शुरू नहीं करना था तो मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा और शिलान्यास क्यों किया गया? उन्होंने इसे अधिवक्ताओं के साथ “छलावा” बताते हुए सरकार से जवाब मांगा है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के बाद शासन स्तर पर इस मद में 371 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई थी, फिर भी कार्य आरंभ नहीं हुआ।
बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष कविंद्र पंत, महिला उपाध्यक्ष भावना जोशी, उपसचिव प्रेम आर्य, कोषाध्यक्ष रोहित बिष्ट, पूर्व अध्यक्ष शेखर लखचौरा और रमेश सिंह नेगी सहित दर्जनों वरिष्ठ व युवा अधिवक्ताओं ने मांग की है कि खाली भूखंड (मंदिर के बगल) में शीघ्र निर्माण कार्य आरंभ कराया जाए। उन्होंने यह भी मांग की कि जब तक चैंबर बनकर तैयार नहीं होता, तब तक अधिवक्ताओं के लिए कार्य संचालन हेतु अस्थायी व्यवस्था की जाए।
इस मुद्दे पर 8 मई को भी अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी अल्मोड़ा को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
ज्ञापन पर 100 से अधिक अधिवक्ताओं के हस्ताक्षर हैं, जिनमें वरिष्ठ, कनिष्ठ, महिला व युवा अधिवक्ता शामिल हैं। यदि सरकार द्वारा शीघ्र कार्यवाही नहीं की गई तो अधिवक्ता वर्ग भविष्य में व्यापक आंदोलन की चेतावनी भी दे सकता है।