अल्मोड़ा – भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) जिला इकाई, अल्मोड़ा ने प्रदेश में लगातार बिगड़ते साम्प्रदायिक सौहार्द और सामाजिक तनाव को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए महामहिम राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी अल्मोड़ा के माध्यम से प्रेषित किया। ज्ञापन में पार्टी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि सरकारी संरक्षण में नफरत और असहिष्णुता की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे प्रदेश की गंगा-जमुनी तहज़ीब को खतरा उत्पन्न हो गया है।
ज्ञापन में विशेष रूप से पहलगाम की घटना के बाद उत्तराखण्ड में कश्मीरी छात्रों और आम नागरिकों के विरुद्ध हुई हिंसात्मक घटनाओं की निंदा की गई तथा दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। इसके साथ ही देहरादून के दून अस्पताल परिसर में स्थित दो सौ साल पुरानी मजार को रातों-रात ध्वस्त किए जाने की घटना की भी निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग उठाई गई।
नैनीताल में हाल में घटित बलात्कार की घटना की निंदा करते हुए पार्टी ने दोषियों को शीघ्र सजा दिलवाने की मांग की, लेकिन इस घटना को बहाना बनाकर मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाए जाने और अराजक तत्वों द्वारा थानों में घुसकर पुलिस पर हमला किए जाने को लेकर सरकार की निष्क्रियता पर सवाल खड़े किए।
भाकपा (माकपा) ने चकराता (देहरादून) में मसीही समाज को निशाना बनाए जाने की भी कड़ी आलोचना की और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की। नैनीताल में अमन और भाईचारे की अपील करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता शैला नेगी को दी जा रही धमकियों को गंभीर बताते हुए उनके सुरक्षा की मांग की गई है।
सोशल मीडिया पर लगातार नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों, जैसे कि भूपेश जोशी के विरुद्ध एफआईआर होने के बावजूद गिरफ्तारी न किए जाने पर भी पार्टी ने प्रशासन की आलोचना की। साथ ही प्रदेश में नाबालिग बच्चियों के साथ बढ़ते यौन अपराधों पर भी कठोर कार्रवाई की मांग की गई है। हल्द्वानी की हालिया घटना पर भी दोषियों को कठोर सजा दिलाने की बात कही गई।
भाकपा (माकपा) ने राज्य सरकार से अपील की है कि वह कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाए और प्रदेश में शांति, सौहार्द एवं भाईचारे की परंपरा को सुरक्षित रखे।