अल्मोडा़। होम्योपैथी, जो अब देश-विदेश में तेजी से लोकप्रिय हो रही है, ने अनेक गंभीर बीमारियों का चमत्कारी इलाज देने में अपना प्रभावी योगदान दिया है। कैंसर, एचआईवी एड्स, अर्थराइटिस, त्वचा रोग समेत कई अन्य बीमारियों में होम्योपैथिक दवाएं रामबाण साबित हो रही हैं। इस संबंध में डॉ. कंचन उप्रेती ने बताया कि उन्होंने स्विट्ज़रलैंड के ज्यूरिख शहर में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में होम्योपैथी के विषय पर अपने अनुभव साझा किए। इस सम्मेलन में विभिन्न देशों के होम्योपैथी विशेषज्ञ उपस्थित थे, और डॉ. उप्रेती की प्रस्तुति को विशेष रूप से सराहा गया, जो चिकित्सा के नए दृष्टिकोणों पर आधारित थी।
डॉ. कंचन उप्रेती वर्तमान में एक होम्योपैथिक कंसल्टेंट, शोधकर्ता और अंतर्राष्ट्रीय वक्ता के रूप में कार्य कर रही हैं। वे दुनियाभर में ऑनलाइन कंसल्टेशन प्रदान करती हैं और यूट्यूब पर पॉडकास्ट्स में गेस्ट के रूप में भी शामिल होती हैं। उनका काम न केवल होम्योपैथी के उपचार में, बल्कि लोगों को इसके लाभ और विशेषताओं के बारे में जागरूक करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
डॉ. कंचन उप्रेती का जन्म उत्तराखंड के अल्मोडा जिले के ग्राम कुजेली में हुआ था। उनके पिता महेश चंद्र उप्रेती एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। डॉ. उप्रेती ने अपनी शिक्षा नेहरू होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली से प्राप्त की, जहां उन्होंने बीएएचएमएस कोर्स में गोल्ड मेडल हासिल किया। पिछले पांच वर्षों से, वे समाज सेवा के कार्यों में भी सक्रिय रूप से लगी हुई हैं। उन्होंने कई स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया है, जिसमें होम्योपैथी के लाभ और इसके इलाज की विधियों के बारे में लोगों को जानकारी दी जाती है।
स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख सम्मेलन में, डॉ. कंचन उप्रेती ने अपनी होम्योपैथिक विशेषता का परिचय दिया, साथ ही उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, पर्यटन स्थल और धार्मिक महत्व को भी वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया। इस सम्मेलन ने उन्हें वैश्विक पहचान दिलाई और उन्होंने अपनी विशेषज्ञता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साझा किया। इसके परिणामस्वरूप, डॉ. उप्रेती को विदेशों में भी कई महत्वपूर्ण मंचों पर बोलने का अवसर मिला है, जो उत्तराखंड के लिए गर्व की बात है।
डॉ. कंचन उप्रेती की मेहनत और समर्पण ने न केवल होम्योपैथी के क्षेत्र में उनकी पहचान बनाई है, बल्कि उन्होंने उत्तराखंड को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करके राज्य के लिए गर्व और सम्मान भी अर्जित किया है।
