कपिलेश्वर पम्पिंग योजना के तहत लमगड़ा क्षेत्र के दर्जनों गांवों और मुख्यालय को पेयजल आपूर्ति की समस्या लगातार बनी हुई है। योजना के बावजूद कई गांवों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है, और इन गांवों के लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। खासकर लमगड़ा बाजार, ठाट, पलना, तोली और गौलीमहर जैसे क्षेत्रों में लोग न सिर्फ पानी की कमी का सामना कर रहे हैं, बल्कि यह भी आरोप लगा रहे हैं कि विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से रिजार्ट और होटलों को पानी की पर्याप्त आपूर्ति की जा रही है, जबकि ग्रामीणों को महीनों तक पानी नहीं मिल पाता।
ग्रामीणों ने अब आंदोलन की चेतावनी दी है और एक सप्ताह के भीतर पानी की आपूर्ति नहीं होने पर धरना प्रदर्शन की बात कही है। इस संकट से स्थानीय आंगनबाड़ी, मध्याहन भोजन योजना और स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं। इसके अलावा, सरकार द्वारा संचालित खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों और पर्यटन व्यवसायों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
विभाग पर आरोप है कि वह पानी की आपूर्ति का उचित नियोजन और वितरण नहीं कर रहा है, जिसके कारण लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। 2016 से शुरू हुई यह योजना अब तक पूर्ण नहीं हो पाई है, और इसमें लगातार बदलाव किए जा रहे हैं।