मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी के निर्देशानुसार, निहिर हिमालयन संस्थान ने खुलगाड़ क्षेत्र के किसानों के लिए ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि (रीप) परियोजना के तहत एक नई पहल शुरू की है। इस पहल के अंतर्गत आयोजित एक संगोष्ठी में स्थानीय किसानों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
संगोष्ठी में किसानों ने अपनी समस्याओं और सुझावों को साझा किया, जबकि विशेषज्ञों ने उन्हें खेती के नए तरीकों और तकनीकों से अवगत कराया। इस अवसर पर सतत कृषि, पर्वतीय क्षेत्रों में खेती, और जंगलों के संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।
संगोष्ठी में प्रमुख क्रियाकलाप:
1. किसानों ने बताई अपनी समस्याएँ: किसानों ने खुलकर अपने अनुभव और कृषि संबंधित समस्याओं को साझा किया, साथ ही यह भी बताया कि वे अपनी खेती को कैसे बेहतर बना सकते हैं और अपनी आय कैसे बढ़ा सकते हैं।
2. नई तकनीकों का परिचय: किसानों को खेती में उपयोग की जाने वाली नई तकनीकों के बारे में बताया गया, जो उनकी उत्पादकता को बढ़ा सकती हैं।
3. सतत खेती पर जोर: किसानों को यह समझाया गया कि कैसे वे अपनी ज़मीन को बचाते हुए और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील रहते हुए खेती कर सकते हैं।
4. जंगलों का संरक्षण: किसानों को जंगलों के संरक्षण के महत्व के बारे में बताया गया और यह भी बताया गया कि खेती करते हुए वे जंगलों को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।
इस पहल से किसानों को नई उम्मीदें और मार्गदर्शन मिला, जो उनके कृषि कार्य को अधिक सशक्त और पर्यावरण के अनुकूल बना सकेगा।