गत दिवस नगर निगम अल्मोड़ा के सभागार में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य अल्मोड़ा नगर क्षेत्र में कुमाऊं की समृद्ध लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने पर विचार-विमर्श करना था। बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने इस दिशा में कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए और कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की।
जिलाधिकारी ने इस अवसर पर कहा कि अल्मोड़ा को सांस्कृतिक नगरी के रूप में स्थापित करने की यह पहल नगर की सांस्कृतिक धरोहर को सजीव बनाए रखने और उसे नई पहचान दिलाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने यह भी बताया कि 9 नवंबर 2024 से प्रारंभ होकर विभिन्न स्थानों पर ये सांस्कृतिक कार्यक्रम हर सप्ताह गुरुवार और शनिवार को आयोजित किए जाएंगे। इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय कलाकारों को अपनी कला का प्रदर्शन करने का एक महत्वपूर्ण मंच भी प्राप्त होगा।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी, उप जिलाधिकारी जयवर्धन शर्मा, प्रभारी निदेशक राजकीय संग्रहालय डॉ. चंद्र सिंह चौहान, व्यापार मंडल अध्यक्ष, सदस्यगण और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने इस पहल की सराहना की और इसे अल्मोड़ा की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण का एक महत्वपूर्ण कदम माना।
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि कार्यक्रमों में स्थानीय कला और संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले नृत्य, संगीत और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों को शामिल किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, युवा कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिससे उन्हें अपने हुनर को विकसित करने और पेश करने का अवसर मिल सके।
इस पहल का उद्देश्य स्थानीय समुदाय को सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी करने के लिए प्रेरित करना भी है। जिलाधिकारी ने कहा कि स्थानीय निवासियों को कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से शामिल करने से उनकी सांस्कृतिक पहचान को और अधिक मजबूत बनाया जा सकेगा।
इस बैठक में यह भी तय किया गया कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार करने के लिए सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों का उपयोग किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोग इन कार्यक्रमों का लाभ उठा सकें। इससे न केवल स्थानीय लोग, बल्कि दूर-दूर से आने वाले पर्यटक भी अल्मोड़ा की सांस्कृतिक विविधता का अनुभव कर सकेंगे।
अल्मोड़ा की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने और उसे नये स्वरूप में प्रस्तुत करने के लिए यह पहल अत्यंत महत्वपूर्ण है। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस योजना को सफल बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
इस प्रकार, अल्मोड़ा में कुमाऊं की लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के इस प्रयास से न केवल क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित किया जाएगा, बल्कि यह पर्यटन को भी एक नई दिशा देगा। बैठक के अंत में सभी ने इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए एकजुट होकर कार्य करने का संकल्प लिया।