परिचय
भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, हवालबाग, अल्मोड़ा में 14 सितम्बर 2024 को हिंदी दिवस के शुभारंभ के साथ हिंदी पखवाड़े का आयोजन किया गया। यह पखवाड़ा 14 से 30 सितम्बर 2024 तक चला। इस दौरान हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें कार्मिकों को हिंदी में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
कार्यक्रम का आयोजन
हिंदी दिवस के अवसर पर संस्थान के अल्मोड़ा और हवालबाग परिसर में माननीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, श्री शिवराज सिंह चौहान, सचिव, डेयर एवं महानिदेशक, डॉ. हिमांशु पाठक, और निदेशक, डॉ. लक्ष्मी कांत द्वारा हिंदी भाषा के महत्व पर जोर देते हुए सन्देश पढ़े गए। इन संदेशों में सभी कार्मिकों को हिंदी भाषा में अधिकतम कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया।
प्रतियोगिताओं का आयोजन
हिंदी पखवाड़े के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इनमें प्रमुख थीं:
1. हिंदी टंकण: इस प्रतियोगिता में कार्मिकों ने अपनी टंकण कौशल का प्रदर्शन किया।
2. नोटिंग-ड्राफ्टिंग एवं पत्र लेखन: इसमें कार्मिकों ने नोट्स और आधिकारिक पत्रों को हिंदी में लिखने की कला को प्रदर्शित किया।
3. निबंध लेखन: इस प्रतियोगिता में विभिन्न विषयों पर निबंध लिखे गए, जिसमें कार्मिकों की लेखनी और विचारशीलता को दर्शाया गया।
4. आशुभाषण एवं स्वरचित काव्य पाठ: इस अवसर पर कार्मिकों ने अपने-अपने विचारों को काव्य रूप में प्रस्तुत किया।
इन प्रतियोगिताओं में संस्थान के सभी कार्मिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे हिंदी भाषा के प्रति उनकी रुचि और समर्पण का पता चला।
कार्यशाला का आयोजन
30 सितम्बर 2024 को सांस्कृतिक परिधि और तकनीकी शब्दावली विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला की मुख्य अतिथि डा. दीपा गुप्ता, प्रवक्ता (हिन्दी), एडम्स गर्ल्स इंटर कालेज अल्मोड़ा रहीं। कार्यशाला में प्रतिभागियों ने तकनीकी शब्दावली के हिंदीकरण के महत्व पर चर्चा की और इसे अपने कार्य में कैसे शामिल किया जा सकता है, इस पर विचार-विमर्श किया।
पुरस्कार वितरण कार्यक्रम
अक्टूबर 4, 2024 को पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें निदेशक डॉ. लक्ष्मी कांत ने अध्यक्षता की। कार्यक्रम की शुरुआत परिषद् गीत से हुई। निदेशक ने अपने उदबोधन में सभी का स्वागत करते हुए हिंदी में कार्य करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि संस्थान हमेशा हिंदी की प्रगति के लिए प्रयासरत है।
डॉ. लक्ष्मी कांत ने यह भी बताया कि पिछले वर्ष संसदीय राजभाषा की दूसरी उप समिति के निरीक्षण में संस्थान ने सभी मानकों पर सफलता प्राप्त की, जो कि हिंदी के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
पुरस्कार प्राप्त करने वाले कार्मिक
पुरस्कार वितरण समारोह में विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया। पुरस्कार प्राप्त करने वालों में प्रमुख थे: चारु चंद्र जोशी, मनोज भट्ट, आनंद सिंह, सुन्दर राम, नंदन सिंह रजवार, मनोज कुमार, वरुण सुप्याल, डॉ. राहुल देव, इं. दिनेश चंद्र मिश्रा, नारायण राम, केशव नौटियाल, देवेंद्र कार्की, अजीत बिष्ट, शीतल कुमार शर्मा, भगवान बल्लभ, हरीश चंद्र पांडे, प्रियंका खाती, रेनू सनवालइन कार्मिकों ने अपनी उत्कृष्टता और मेहनत के लिए पुरस्कार प्राप्त किए।
समारोह में उपस्थित लोग
कार्यक्रम में फसल सुधार प्रभाग के प्रभागाध्यक्ष डॉ. निर्मल कुमार हेडाऊ, फसल सुरक्षा प्रभाग के प्रभागाध्यक्ष डा. कृष्ण कान्त मिश्रा, फसल उत्पादन के प्रभागाध्यक्ष डा. बी.एम. पाण्डे, और सामाजिक विज्ञान की अनुभागाध्यक्ष डॉ. कुशाग्रा जोशी सहित अन्य कई वैज्ञानिक, अधिकारी, तकनीकी, प्रशासनिक और सहायक वर्ग के कर्मचारी उपस्थित थे।
सफल संचालन और धन्यवाद
कार्यशाला का सफल संचालन भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा की मुख्य तकनीकी अधिकारी एवं प्रभारी राजभाषा अधिकारी रेनू सनवाल द्वारा किया गया। धन्यवाद प्रस्ताव वैज्ञानिक डॉ. प्रियंका खाती ने दिया, जिन्होंने सभी का आभार व्यक्त किया और हिंदी पखवाड़े की सफलता की कामना की।
निष्कर्ष
भाकृअनुप-विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में आयोजित हिंदी पखवाड़ा और पुरस्कार वितरण समारोह हिंदी भाषा के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह कार्यक्रम न केवल हिंदी को बढ़ावा देने का अवसर था, बल्कि सभी कार्मिकों के लिए एकजुटता और समर्पण का प्रतीक भी बना। संस्थान की यह पहल निश्चित रूप से हिंदी भाषा को प्रगति की नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।