अल्मोड़ा एक बयान में अल्मोड़ा कांंग्रेस के जिला प्रवक्ता राजीव कर्नाटक ने कहा कि अल्मोड़ा जल संस्थान नगर की जनता को सुचारू पेयजल आपूर्ति करने में लगातार विफल साबित हो रहा है।आज भी जल संस्थान के द्वारा नगर के ढूंगाधारा,मकीड़ी आदि जगहों में जहां पर प्रातः 5 बजे से 7 बजे तक पानी आने का समय है वहां पानी नहीं दिया गया।श्री कर्नाटक ने बताया कि उनके द्वारा इसकी सूचना सर्वप्रथम लाईनमैन को उसके बाद जे०ई० तथा संस्थान के एक्शन को दी गयी।जिसपर तीनों का एक ही जवाब था कि कोसी से पानी लिफ्ट ना होने के कारण आज सुबह 5 बजे से 7 बजे तक जहां पानी आता था वहां अब पानी नहीं आयेगा।अन्य जगहों पर पानी दिया जाएगा।हांलाकि उनके द्वारा आश्वासन दिया गया कि यदि सम्भव होगा तो शाम तक इन इलाकों में पेयजल दिया जाएगा।श्री कर्नाटक ने कहा कि इस तरह से जल संस्थान के अधिकारियों का पेयजल वितरण का नियम समझ से परे है।उन्होंने कहा कि आखिर क्यों प्रदेश सरकार और अल्मोड़ा के माननीय अल्मोड़ा की पेयजल समस्या पर मौन धारण किये हुए हैं।अल्मोड़ा जल संस्थान के द्वारा ना तो नियमित रूप से पानी जनता को दिया जा रहा है और ना ही इसका समान वितरण हैं।जो पानी विभाग लोगों को दे भी रहा है तो वो पानी मटमैला है।श्री कर्नाटक ने कहा कि राज्य सरकार और स्थानीय माननीयों को इसका संज्ञान लेना चाहिए।उन्होंने कहा कि आखिर पेयजल समस्या के इतने बड़े गंभीर मुद्दे पर प्रदेश सरकार और स्थानीय माननीय क्यों मौन हैं ये समझ से परे हैं।उन्होंने कहा कि जब जल संस्थान लोगों को पेयजल सुचारू रूप से उपलब्ध ही नहीं करा पा रहा तो उसे जनता को  पानी का बिल भेजने का भी कोई हक नहीं।उन्होंने कहा कि करोड़ो रूपये का इंटकवेल बनने के बाद भी अगर अल्मोड़ा की जनता को पेयजल नियमित रूप से नहीं मिलता है तो ऐसे में करोड़ो की लागत से बने इस इंटकवेल का क्या फायदा?श्री कर्नाटक ने कहा कि स्थानीय माननीयों को इस विषय पर संज्ञान लेकर जल संस्थान के अधिकारियों को निर्देशित करना चाहिए क्योंकि पानी की यह किल्लत अब हर दूसरे दिन की हो गयी है।उन्होंने कहा कि जनता अपना रोना किसके सामने जाकर रोएगी जब जनप्रतिनिधि ही अपना उदासीन रवैया रखेंगे।श्री कर्नाटक ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि अब यहां कोई भी सुनवाई होना सम्भव है इसलिए वे भारत के महामहिम राष्ट्रपति को इस आशय से पत्र प्रेषित करेंगे।जिसमें करोड़ो के इंटकवैल बनने के पश्चात् भी पेयजल समस्या, अधिकारियों के उदासीन रवैये और अल्मोड़ा नगर की चली आ रही पेयजल किल्लत से उन्हें अवगत करायेंगें।