अल्मोड़ा-यहां ग्राम सभा लिगुडता के अनुसूचित जाति बहुली ग्रामीणों के लिए वर्ष 2002 में एक प्राईमरी स्कूल की स्थापना हुई।चिमचुआ गांव व पतलचौरा गांव के अनुसूचित जाति के ग्रामीणों के लिए यह प्राईमरी स्कूल खोला गया।तब से लेकर आज तक कोई भी जनप्रतिनिधि और ना ही कोई अधिकारी ने इस स्कूल की सुध ली। जिससे आज यह स्कूल आभावग्रस्त पडा है।रीठागाडी दगड़ियों संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रताप सिंह नेगी ने बताया कि आज से पहले 25 साल पहले मंगलता के समाजिक कार्यकर्ता स्वगीर्य दलीप सिंह नेगी ने तत्कालीन सरकार को अपने स्तर अवगत कराके चिमचुआ प्राईमरी स्कूल की स्थापना करायी।सन् 2002 में यह प्राईमरी स्कूल बना श।उसके बाद सरकार आयी और गयी लेकिन इस प्राइमरी स्कूल की ओर किसी ने भी नही देखा। नेगी का कहना है कि सरकार एक तरफ बोलती है हम शिक्षा व स्वास्थ पर बहुत ख़र्च कर रहे हैं लेकिन इस स्कूल की हालत देखकर लगता है कितना खर्च किया है।इस प्राइमरी स्कूल में बच्चों के लिए खेलकूद या अन्य सुविधाएं होती तो बच्चे प्राइवेट स्कूल में नहीं जाते।सरकारी स्कूलों की हालत को देखते हुए गरीब परिवार के ग्रामीणों को अपने बच्चों को खा न खाकर प्राइवेट स्कूल में भेजना पड़ता है।क्षेत्र के लोगों ने इस स्कूल में सभी सुविधाऐ उपलब्ध कराये जाने की मांग की है।इस दौरान रीठागाडी दगड़ियों संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रताप सिंह नेगी,किशन राम,बहादुर राम,तिल राम,जोगा राम, नारायण दत्त,उम्मेद राम,मोहन राम आदि लोग मौजूद रहे।