आज़ादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में वनस्पति विज्ञान में 35वें विज्ञान दिवस का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉक्टर धनी आर्य ने अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर एमएससी के छात्र-छात्राओं को इस दिवस की उपयोगिता बताई। इस अवसर पर 45 छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया। अपने वक्तव्य में प्रभारी विभाग अध्यक्ष डॉक्टर धनी आर्य ने प्रसिद्ध वैज्ञानिक सर सी. वी.रमन की खोज रमन प्रभाव पर विस्तार से बात रखी। उन्होंने बताया कि रमन प्रभाव की खोज आज के ही दिन 1928 में की गई थी। इस खोज के सम्मान में आज के दिन को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। शिक्षिका डॉ मंजुलता उपाध्याय ने विज्ञान दिवस के अवसर पर चर्चा करते हुए कहा कि यह दिन 1987 से हर वर्ष 28 फरवरी को मनाया जाता है।
प्रतिभागी के तौर पर छात्रा ममता पांडे द्वारा अपनी कविता का पाठ किया और विज्ञान विज्ञान विज्ञान की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। नेहा पांडे ने सी.वी. रमन के जीवनवृत्त पर प्रकाश डाला।उन्होंने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि हम इस विज्ञान के युग में विभिन्न तकनीकी आविष्कारों का लाभ उठा रहे हैं। कृतिका रानी ने कहा कि नवीन पीढ़ी को विज्ञान के प्रति आकर्षित होना चाहिए। वैज्ञानिक दृष्टिकोण होना चाहिए। मनीष ने विज्ञान दिवस पर बात रखी।
शिक्षक डॉ रविंद्र कुमार ने सभी का आभार जताया। इस अवसर पर प्रमोद भट्ट, रमेश, सुनील एवं विश्वविद्यालय मीडिया प्रभारी डॉ ललित चंद्र जोशी योगी ने सहयोग दिया