अल्मोड़ा- उत्तराखंड राज्य परिवहन निगम द्वारा संचालित यातायात वाहन समय से गन्तव्य को जाएगी या नहीं, कोई भरोसा नहीं । हमेशा अल्मोडा़ से देहरादून जाने वाली बसों को लेकर संशय की स्थिति बनी रहती है। निगम कर्मी कब आपको बस को गंतव्य तक ले जाने से मना कर दें या जायें ही नहीं। इन कारणों के चलते घर से गन्तव्य को निकले नागरिकों को भारी फजीहत झेलनी पड़ती है। रोडवेज की बेलगाम बस सेवा से
नौकरी पेशा, मजदूर, स्कूल कॉलेजेस में पढ़ने वाले बच्चों, स्टेशन पहुंचे परिजनों के साथ धोखा हो रहा है, कई कई बार घंटों बसों में बैठे यात्रियों को इंतजार के बाद उतर कर वापस अपने घरों को जाना पड़ता है या दूसरे वाहनों से गन्तव्य को जाना पड़ता है। इस तरह की व्यवस्था सरासर ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी है। आज प्रातः काल भी यही सब हुआ। 6 बजे अल्मोड़ा से देहरादून को जाने वाली बस संख्या यूके 07 पीए 3119 बहुत देर बाद स्टेशन में पहुंची और गाड़ी में हल्द्वानी, हरिद्वार, रामनगर, देहरादून सहित अनेक स्थानों की सवारियां बैठ गई। आधे घंटे तक इंतजार करने के बाद भी जब गाड़ी रवाना नहीं हुई तो परेशान यात्रियों में से कुछ यात्रियों ने स्टेशन में बैठे बस के ड्राइवर कंडक्टर से विलम्ब का कारण पूछा तो यात्रियों को बताया की वह बिल निकालने वाली मशीन ठीक कर रहे हैं और फिर गंतव्य के लिए चल पड़ेंगे, लेकिन वाहन खड़ा ही रहा। जब इंतजार करते करते एक घंटा बीत गया और 7:00 बज गए, तब स्टेशन में बैठे चालक परिचालक ने यात्रियों से कहा कि कावड़ियों के चक्कर में जाम लग रहा है और कोई भरोसा नहीं है कि हम कहां तक जाएं जहां से जाम लगेगा हम वहां से आगे नहीं जाएंगे हरिद्वार देहरादून के सारे यात्री घबराकर उतर गए। 7:15 पर यह वाहन आगे बढ़ गया। बाद में जानकारी मिली की यह बस देर रात अल्मोडा़ पहुंची चालक परिचालक सो नहीं पाए थे, लेकिन नींद पूरी और आराम किए बगैर बस में बैठे यात्रियों को उतरने को मजबूर कर, फिर चल पड़ना जहां यात्रियों के साथ धोखा है वहीं दुर्घटना को दावत देने वाला भी है। सड़क परिवहन निगम की इस तरह की अव्यवस्था निगम के उच्च स्तरीय अधिकारियों की विभागीय व्यवस्था में घोर लापरवाही व ग्राहक यात्रियों के साथ धोखाधड़ी को प्रदर्शित करता है।