गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान एवं सह-आयोजक उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यू-कॉस्ट), देहरादून के सहयोग से हवालबाग विकासखण्ड के ग्राम सभा ज्योली में “पानी की गुणवत्ता और स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव’” विषय पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन आज दिनांक 23 दिसम्बर, 2022 को किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ संस्थान के वैज्ञानिक डा0 आशीष पाण्डेय द्वारा किया गया। उन्होनें संस्थान के कार्यों तथा इस कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्थान कई वर्षों से विद्यालयों तथा दूरस्थ गॉवों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा हैं। कार्यक्रम को आगे बढाते हुए ज्योली ग्रामसभा के ग्राम प्रधान श्री देव सिंह भोजक जी द्वारा संस्थान का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। उन्होंने कहा कि संस्थान की कई योजनाओं के सहयोग से ग्रामवासी लाभान्वित हो रहे हैं तथा भविष्य में भी इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम ग्रामवासियों को जागरूक करने में सहायक होंगे।
संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं जैव विविधता संरक्षण एवं प्रबंधन केन्द्र के केन्द्र प्रमुख डा0 आई0 डी0 भट्ट के निर्देशानुसार संस्थान के वैज्ञानिक डा0 सतीश आर्या जी द्वारा पेयजल की गुणवत्ता तथा दूषित जल के हानिकारक प्रभावों के बारे में ग्रामवासियों को अवगत कराया गया। उन्होनें कहा कि कई प्रकार के हानिकारक तत्वों जीवाणु तथा आर्सेनिक, नाईट्रेट, क्लोराइड की अधिकता हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, अतः जल स्रोतों को प्रदूषण मुक्त रखना अत्यधिक आवश्यक है।
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते संस्थान की शोधार्थी हिमानी तिवारी द्वारा उत्तराखण्ड तथा अल्मोड़ा में पेयजल की समस्याओं कारण तथा समाधानों के विषय पर ग्रामवासियों को अवगत कराया गया। उन्होनें कहा कि कोसी नदी में मिलने वाले 1820 गधेरों की सख्या घटकर केवल 118 रह गई है। राज्य में स्रोतों से निकलने वाली नदियाँ तथा स्रोत मुख्य जल स्रोत है। अतः इनका संरक्षण आवश्यक है। डा0 एन0 के0 विश्वास, स्वास्थ्य सलाहकार द्वारा दूषित पेयजल से होने वाली विभिन्न समस्याओं तथा बचाव के बारे में चर्चा की गई। अन्त में डा0 आशीष पाण्डे जी द्वारा सभी प्रतिभागियों तथा अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कायक्रम में 60 से अधिक ग्रामवासी उपस्थित रहे।