अल्मोड़ा कोरोना महामारी के समय हर कोई व्यापारी टैक्स की मार झेल रहा है। इसी तरह कोरोना टैक्स लगने से नाराज शराब व्यवसायी भी अपना रोना सरकार के आगे ले आए हैं। समस्त अनुज्ञापी ने देशी/विदेशी मदिरा जनपद अल्मोड़ा की दुकानें दिनांक-28/02/2020 व 19/03/2020 को नवीनीकरण/लॉटरी के माध्यम से आवंटित की गयी थी हमारे द्वारा जिसकी लाईसेंस फीस व नवीनीकरण/रिन्यूअल फीस जमा कर दी गई है, और प्रथम प्रतिभूति जमा कर दी गई है। जिसके संबंध में अनुज्ञापियों ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन दिया जिसमें कहा गया है कि

  1. दुकानें अप्रैल माह 2020 में खोलनी थी लेकिन 22 मार्च 2020 से लगातार कोविड-19 वासरस महामारी के चलते लॉकडाउन होने के कारण दुकानों को दिनांक 4 मई 2020 को आबकारी विभाग द्वारा खोलने की अनुमति दी गई।
  2. कोविड-19 वायरस महामारी के डर के कारण जिले की सीमा को सील होना तथा जनता की आवाजाही बिल्कुल बंद हो जाने के कारण अथवा कम होने के कारण शराब की दुकानों पर बिक्री नहीं आ पा रही है।
  3. दुकानों के आवंटित करते समय दुकानों का समय प्रातः 10 बजे से रात्री 10 बजे तक का था लेकिन अब उसका समय प्रातः 7 बजे से सांय 4 बजे तक का कर दिया गया है लेकिन इतना कम समय होने के कारण भी मदिरा बिक्री पर विपरीत प्रभाव पड गया है।
  4. दुकान आवंटित करते समय कोई भी अन्य टैक्स लगाने का प्रावधान नहीं बताया गया पंरतु उसके उपरांत अचानक से कोविड-19 वायरस महामारी टैक्स से लगाये जाने से हम अनुज्ञापियों पर लगाये जाने से भी बिक्री प्रभावित हो गई है अनुज्ञापियों का कहना है कि कोटा सिस्टम होने के कारण हमें इससे नुकसान हो रहा है। उक्त टैक्स अदा कर पाने में असमर्थ है।
  5. 22 मार्च 2020 से लगातार लॉकडाउन होने के कारण जिले में लोगों का आना जाना बंद होने के कारण जिले सभी लोगों का व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित है लोग बेरोजगार हैं जिस कारण लोगों के पास धन का संकट आ गया है। और न तो टूरिस्ट आएगा और न ही शादी-व्याह, और न मंगल कार्य हो पाएंगे। अनुज्ञापियों का कहना हैजिस वक्त हमारे द्वारा दुकानें नवीनीकरण व लॉटरी डाली गयी थी। उस वक्त देश में इस प्रकार की कोई महामारी नहीं थी, और न ऐसी कोई स्थिति बनी थी और इस कारण दुकानों में बिक्री पूर्ण रूप से 50 प्रतिशत कम हो चुकी है।
    इस लिए दुकानों को सुचारू रूप से चलाने हेतु कोटा प्रणाली समाप्त करते हुए राजस्व हित में बिक्री के आधार पर अधिभार लिया जाए।
    अनुज्ञापियों का कहना है कि दुकानों को निर्धारित राजस्व में चला पाना सम्भव नहीं है। उक्त कारणों को देखते हुए दुकानों का कोटा प्रणाली पंजाब/उत्तर प्रदेश की तरह समाप्त किया जाए। अन्यथा इस स्थिति में हमें अपनी दुकानें दिनांक 15/05/2020 से अनिश्चित कालीन के लिए समस्त जिले की दुकानें बंद करने के लिए सब अनुज्ञापियों को विवश होना पडेगा। इस सभी बिंदुओं को दृष्टिगत रखते हुए दुकानों का कोटा समाप्त करते हुए उत्तरप्रदेश की तरह यहाँ भी लागू किया जाए।