अल्मोड़ा। देश में स्वतन्त्रता की 75वीं वर्षगॉठ के अवसर पर आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत स्वामी विवेकानन्द जी के अल्मोड़ा आगमन की स्मृति में पल्टन बाजार से खजान्ची मुहल्ले तक के मार्ग को विवेकानन्द मार्ग के रूप में घोषित किये जाने के आयुक्त कुमाऊ मण्डल नैनीताल द्वारा स्वीकृति दी गयी है। इस मार्ग का लोकार्पण  रघुनाथ मन्दिर के पास किया गया जहां पर स्वामी विवेकानंद द्वारा लाला बद्री शाह ठुलघरिया के बाजार स्थित घर में निवास किया गया था। कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी ने कहा कि सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा के प्रति राजनीति से लेकर धार्मिक व दार्शनिक क्षेत्र के महान लोगों का विशेष लगाव रहा है विश्वभर में ख्याति प्राप्त संत विवेकानन्द भी इसमें शुमार रहे है। उन्होंने कहा स्वामी विवेकानन्द का अल्मोड़ा से घनिष्ठ सम्बन्ध रहा है। अपने जीवन काल में स्वामी जी तीन बार अल्मोड़ा आये। उन्होंने कहा कि यहॉ आकर स्वामी जी ने यह इच्छा व्यक्त की थी कि यहॉ पर ध्यान केन्द्र बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा आकर स्वामी जी ने कई जगह प्रवास किया जिनमें स्याहीदेवी, कसारदेवी, सिमतोला प्रमुख है। उन्होंने कहा कि यही से उन्होंने संसार को यह सन्देश दिया कि भारतीय संस्कृति हमारी सनातन संस्कृति है। उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने 11 मई, 1897 को जिस रास्ते से शहर में प्रवेश किया था उस मार्ग का नाम आज विवेकानन्द मार्ग के रूप में घोषित किया जा रहा है।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन बेलूर मठ के उपाध्यक्ष सुहितानन्द ने कहा कि स्वामी जी 100 वर्ष पूर्व इस मार्ग से अल्मोड़ा आये थे। उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने जब यहॉ समाधि ली तो उनको जो आत्मज्ञान प्राप्त हुआ उस अनुभव के आधार पर ही उन्होंने शिकागो, इग्लैण्ड सहित अन्य जगह पर भाषण दिये थे। उन्होंने कहा कि स्वामी जी के भाषणों से वैज्ञानिक टेस्ला व आइन्सटीन भी प्रभावित हुए थे।

कार्यक्रम में स्वामी ध्रवेशानन्द ने कहा कि स्वामी जी की अल्मोड़ा 1897 में की गई दूसरी यात्रा सबसे अधिक चर्चित रही। शिकागो धर्म संसद में सनातन धर्म का झंडा गाड़ने के बाद हुए उनके प्रवास पर यहॉ भव्य स्वागत किया गया। मई महीने में यहॉ पहुॅचने पर लोधिया से लेकर खजांची मोहल्ले तक फूलों की वर्षा की गई। उन्होंने कहा कि स्वामी जी तीसरी बार अल्मोड़ा 1898 में आए। जब उन्होंने भगनी निवेदिता को दीक्षा भी दी थी।