पूर्व उपाध्यक्ष एन.आर.एच.एम. बिट्टू कर्नाटक ने एक ज्ञापन प्रदेश के मुख्यमंत्री जी को प्रेषित कर उन्हें अवगत कराया कि समस्त  फ्रंटलाइन वर्कर्स जैसे पर्यावरण मित्रों, हैल्थ वर्कर्स द्वारा कोरोना संक्रमण महामारी में  संक्रमितों के साथ रहकर उनका उपचार, देखरेख, साफ-सफाई आदि कार्य बिना किसी भेदभाव किया जा रहा है । इसी प्रकार विद्युत विभाग,जल संस्थान, पेयजल निगम,डेयरी विभाग,गैस एजेंसी एवं कोरोना कार्य में लगे हुये अन्य कर्मचारी , पत्रकार बन्धुओं द्वारा भी फ्रंटलाइन वर्कर्स की भांति कोरोना महामारी में कार्य किया जा रहा है।

          उन्होंने कहा कि उपरोक्त सभी वर्कर्स  कोरोना महामारी में नागरिकों को भरपूर सहयोग देकर उन्हें संक्रमण से मुक्त करने, संक्रमण को फैलने से रोकने का पूर्ण प्रयास कर रहे हैं। समाज के प्रति इनके द्वारा किए जा रहे  कार्यों /योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।

 कर्नाटक ने ज्ञापन के माध्यम से सरकार के सम्मुख मांग रखी कि उपरोक्त वर्कर्स के सराहनीय कार्यों/योगदान को देखते हुए उनके हितों की रक्षा के लिए निम्न बिंदुओं पर उचित आदेश पारित किये जांय–

1. समस्त  फ्रंटलाइन वर्कर्स जैसे पर्यावरण मित्रों, हैल्थ वर्कर्स का 50.00(पचास लाख) का बीमा किया जाय ।

2.विद्युत विभाग,जल संस्थान, पेयजल निगम,डेयरी विभाग,गैस एजेंसी एवं कोरोना कार्य में लगे हुये अन्य कर्मचारी , पत्रकार बन्धुओं को फ्रंटलाइन वर्कर्स घोषित कर इन सभी का बीमा कराने की तत्काल व्यवस्था होनी चाहिए।

3.उपरोक्त सभी वर्कर्स का प्राथमिकता आधार पर परिवार सहित टीकाकरण किया जाय।

4.वर्कर्स दिन-रात गम्भीर कोरोना संक्रमितों के बीच रहकर कार्य कर रहे हैं ,इनके जीवन को सुरक्षित किये जाने के लिए इन्हें पर्याप्त संसाधन मास्क, ग्लब्स,पीपीई किट, बाॅडी बैग्स, सैनिटाइजर आदि उपलब्ध कराये जाने चाहिए।

5.रात्रि ड्यूटी में लगाये गये वर्कर्स की भोजन व्यवस्था की जानी चाहिए ।

6.कोरोना कार्य  में लगाये गये समस्त आउटसोर्सिंग, संविदा पर कार्यरत  पर्यावरण मित्रों, हेल्थ वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर्स को सम्मानजनक मानदेय/वेतन दिया जाय तथा इनके द्वारा जोखिम भरे कार्य को देखते हुए नियमित नियुक्ति देकर इन्हें सम्मानित किया जाय।

         कर्नाटक ने मुख्यमंत्री जी से कहा कि वर्कर्स के हित में तत्काल उपरोक्त बिन्दुओं पर निर्णय लेकर एक आदर्श प्रस्तुत करें जिससे वर्कर्स द्वारा और अधिक समर्पित भावना से नागरिकों के जीवन की रक्षा की जा सके ।