भा0कृ0अनु0सं0-विवेकानन्द पवर्तीय कृषि अनुसन्धान संस्थान, अल्मोड़ा का दूनागिरी स्वायत सहकारिता नरसिंह बारी, आॅफिससर् काॅलोनी, के.जी.एन.फनीर्चर के पास,  अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड के साथ वी0एल0 स्याही हल (लौह हल) के उत्पादन के लिए समझौता
 
दूनागिरी स्वायत सहकारिता नरसिंह बारी, आॅफिससर् काॅलोनी, के.जी.एन.फनीर्चर के पास, अल्मोड़ा से वी0एल0 स्याही हल के उत्पादन के लिए भा0कृ0अनु0सं0–विवेकानन्द पवर्तीय कृषि अनुसन्धान संस्थान, अल्मोड़ा-263601 द्वारा लिखित समझौता किया गया है। पवर्तीय क्षेत्र के किसानों द्वारा कृषि कायोर् के लिए अभी तक लकड़ी से बने हल का ही प्रयोग किया जाता रहा है लकड़ी के हल बनाने की प्रक्रिया में अब तक असंख्य वृक्ष काटे गये हैं। वैश्विक ताप-वृद्धि तथा जलवायु परिवतर्न के इस दौर में, जब पृथ्वी पर मानव जीवन के अनुकूल परिस्थितियां धीरे-धीरे खत्म होती जा रही हैं, हल के निमार्ण के लिये बांज, उतीश जैसे बहुपयोगी वृक्षों का कटान अत्यन्त चिन्ता का विषय है। इसी तथ्य को ध्यान में रखकर भा0कृ0अनु0सं0-विवेकानन्द पवर्तीय कृषि अनुसन्धान संस्थान, अल्मोड़ा के कृषि वैज्ञानिकों ने एक ऐसे हल का निमार्ण किया है जिसमें सिफर् लोहे का ही प्रयोग किया गया है संस्थान के वैज्ञानिकों ने इस हल को वी0एल0 स्याही हल नाम दिया है इस हल के सभी भाग लोहे के बने होने के कारण इसकी मरम्मत का कायर् भी बहुत ही कम समय में किया जा सकता है। इस हल के और भी कई फायदे है जैसे कि इस हल की मुठिया की बनावट इस प्रकार की है कि इसका प्रयोग खेत में पाटा लगाने के काम में भी लिया जा सकता है तथा वजन इतना है कि इसे पवर्तीय क्षेत्रो में एक स्थान से दूसरे स्थान को या एक खेत से दूसरे खेत में असानी से ले जाया जा सकता है। इस हल के निमार्ण के साथ ही पवर्तीय क्षेत्र की खेती में लकड़ी से बने हल पर निभर्रता के समाप्ति का दौर शुरू हो गया है। आने वाले समय में जब वैश्विक ताप-वृद्धि तथा जलवायु परिवतर्न के नकारात्मक प्रभावों से पृथ्वी पर जीवन को बचाने की लड़ाई में वृक्ष अपनी निणार्यक भूमिका निभायेंगेय तब संस्थान की इस खोज से बचाये गये बांज, उतीश के वृक्षों की भी अहम भूमिका रहेगी। निःसंदेह संस्थान की यह खोज पयार्वरण, पेयजल तथा जैव विविधता के संरक्षण में एक मील का पत्थर साबित होगी। वी0एल0 स्याही हल के उत्पादन तथा विक्रय के लिए उक्त कम्पनी के साथ 23ण्02ण्2022 को हुए समझौते में भा0कृ0अनु0सं0-वि0प0कृ0 अनु0 संस्थान, के निदेशक डाॅ. लक्ष्मी कांत, डाॅ. श्याम नाथ, वैज्ञानिक तथा कम्पनी के सचिव, श्री गंगा दत्त ने हस्ताक्षर किये। उल्लेखनीय है कि अभी तक उक्त फमर् के अलावा मैससर् हिमालयन हाई टैक नसर्रीज, 85 सुभाषनगर, पोस्ट आफिस- भोटिया पडा़व हल्द्वानी, जिला- नैनीताल-263139 एवं नवसृजन बहुउद्देशीय स्वायत्त सहकारिता, शीतलाखेत, हवालबाग, अल्मोड़ा-263678 के साथ भी वी.एल. स्याही हल के निमार्ण एवं विपणन हेतु समझौता किया जा चुका है तथा यह हजारों की संख्या में देश के विभिन्न भागों में पहुँच चुका है।