पूर्व उपाध्यक्ष ,एन.आर.एच.एम.बिट्टू कर्नाटक ने जिलाधिकारी,अल्मोडा के माध्यम से एक ज्ञापन महामहिम राज्यपाल को प्रेषित कर उनके संज्ञान में लाया गया कि उत्तराखण्ड में मैदान से पर्वतीय जनपदों के गांव गांव तक ड्रग्स/नशा पूरी तरह फैल चुका है । ड्रग्स मुक्त राज्य के संकल्प के बाद भी लचीले व सरल कानून व्यवस्था के कारण नशे की तस्करी और इसका व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है । इस कार्य में लिप्त अपराधिक तत्व बच्चों से लेकर युवाओं ,कालेजों के छात्र-छात्राओं आदि को नशा बेचकर उन्हें नशे का शिकार बना रहे हैं और चंद रूपयों के लिये राज्य के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं । नशे के दुष्परिणाम स्वरूप युवा, छात्र-छात्राओं और बच्चे मानसिक रूप से अस्वस्थ्य होकर कई बीमारियों से ग्रसित होकर पागलपन/मृत्यु के कगार पर पहुंच चके हैं ,युवाओं/बच्चों की सोचने समझने की शक्ति क्षीर्ण हो रही है साथ ही सड़कों  पर होने वाली ज्यादातर दुर्घटनायें भी इसी का परिणाम हैं ।    

  कर्नाटक ने नशे के प्रकरण के सम्बन्ध मुख्यमंत्री, मंत्रीगणों,समस्त विधायकों, विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया है कि आगामी विधान सभा के वर्षा कालीन सत्र में ड्रग्स/मादक पदार्थो के खिलाफ एक सख्त कानून बनाये जाने के लिये इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से विधानसभा के पटल पर रख कर इसे पारित कराया जाय ताकि विधेयक पारित होकर उत्तराखण्ड राज्य में ड्रग्स/मादक पदार्थो के खिलाफ एक कठोर नया कानून बनाया जा सके। नये कानून के अन्तर्गत इसको बेचने / धंधा करने वाले और युवा पीढ़ी को अपना शिकार बनाने वाले लोगों को आजीवन कारावास व मृत्यु दण्ड जैसी सख्त सजा का प्राविधान किया जाय चाहे ड्रग्स की मात्रा अधिक हो या न्यूनतम।  उन्होने कहा कि ड्रग्स की मात्रा के अनुसार सजा का नियम है । फलस्वरूप ड्रग्स जैसे जहर को समाज में फैलाने वाले व्यक्ति निश्चित की गयी ड्रग्स की मात्रा के अनुसार प्रचलित कानून से जल्दी छूट जाते हैं और उनका हौसला और अधिक बढ़ जाता है ।

कर्नाटक ने कहा कि उत्तराखण्ड की छवि इस ड्रग्स/मादक पदार्थ की संलिप्तता के कारण धूमिल होती जा रही है । ड्रग्स/मादक पदार्थो को रोकने के लिये सख्त कानून बनाया जाना इस पर्वतीय राज्य के लिये अनिवार्य है ताकि यहां की पीढ़ी को नशे की लत/पागलपन/मृत्यु के निकट ले जाये जाने से रोका जा सके और बच्चों की नयी पीढ़ी की पौध का अस्तित्व बना रहे । उन्होने जोर देते हुये बताया कि आज पूरे विश्व की नजर टोक्यो ओलंपिक पर है जहां हमारा पड़ोसी मुल्क चीन सबसे ज्यादा स्वर्ण पदक लेकर अंक तालिका में सर्वोच्च स्थान पर है और लगभग 150 करोड़ की आबादी का हमारा देश एक स्वर्ण पदक के लिये तरस रहा है । यदि हमारे युवाओं की रगों में ड्रग्स रूपी जहर इसी प्रकार घोला जायेगा तो उनसे यह उम्मीद करना नाइंसाफी है ।                                               

           पूर्व उपाध्यक्ष ने सरकार और विधानसभा से सम्बन्धित सभी सम्मानित जनों से अनुरोध किया कि ड्रग्स/मादक पदार्थो को रखने, बेचने,व्यवसाय करने तथा तस्करी करने वालों के विरूद्ध सख्त कानून जिसमें लम्बी सजा,आजीवन कारावास और मृत्यु दण्ड जैसे प्राविधान हों को बनाया जाय । जिसमें ड्रग्स/मादक पदार्थ की छोटी से बडी मात्रा में एक ही सजा का प्राविधान हो ताकि लचीले कानून का फायदा उठाकर ये सफेदपोश बच न सकें अन्यथा यहां की जनता/युवा पीढी आप सम्मानितजनों को कभी माफ नहीं करेगी ।

               उन्होने चेतावनी देते हुये कहा कि यदि ड्रग्स रोकने हेतु कोई विधेयक नहीं लाया जाता है/सख्त कानून नही बनाया जाता तो यहां के युवाओं/छात्र-छात्राओं/नयी पीढ़ी की पौध को बचाने के लिये हमें मजबूरन ग्रामीण स्तर से मैदानी / पर्वतीय जनपदों तक के युवाओं के साथ मिलकर एक वृहद आन्दोलन करने को बाध्य होना पडे़गा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी आप समस्त सम्मानित जनों की होगी ।