सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कूर्मांचल एवं एन बी छात्रावास में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। नेशनल मेडिशनल प्लांट बोर्ड ने इसमें सहयोग दिया।

विश्व पर्यावरण दिवस पर सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कूर्मांचल एवम एन बी छात्रावास में आयोजित हुई पर्यावरण गोष्ठी और वृक्षारोपण 

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र सिंह भंडारी, परिसर निदेशक प्रो जगत सिंह बिष्ट, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो जया उप्रेती, कुलसचिव डॉ बिपिन चंद्र जोशी, क्लीन कैंपस ग्रीन कैम्पस के संयोजक डॉ नवीन भट्ट ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

कूर्मांचल छात्रावास के छात्रावास अधीक्षक डॉ देवेंद्र धामी और एन बी छात्रावास के अधीक्षक डॉ नवीन भट्ट के निर्देशन में वृक्षारोपण की शुरुवात की और अतिथियों ने छात्रावास के आस-पास वृक्षारोपण किया।. इस अवसर पर सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. बिपिन चंद्र जोशी ने  मेडिशनल प्लांट्स को लगाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति जी ने मीत पीपल अभियान शुरू किया है। यह पूरे राज्य में फैल गया है। इस अभियान से सभी जुड़ रहे हैं। इस अभियान को हम बहुत बड़े स्तर पर के जाने के प्रयास करेंगे। उन्होंने नेशनल मेडिशनल प्लांट बोर्ड नई दिल्ली(स्पॉन्सर्ड बाई नेशनल मेडिशनल प्लांट बोर्ड) की रूपरेखा बताई।

उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के तहत हम घरों में हम मेडिशनल प्लांट लगाने के लिए जागरूक कर रहे हैं। हम 20 मेडिशनल प्लांट को अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ में लगाने के लिए एक प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे हैं। ये पौधे हमारे जीवन से जुड़े हुए हैं।

अधिष्ठाता छत्र कल्याण प्रोफेसर जया उप्रेती ने कहा कि पेड़ों को लगाना है और उन्हें बचाना है। हमें स्नातकोत्तर के विद्यार्थी को आवश्यक रूप से पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

 परिसर के निदेशक प्रोफेसर जगत सिंह बिष्ट ने कहा कि पर्यावरण एक संवेदनशील विषय है। हम इस समय बहुत विकराल विभीषिका से गुजर रहे हैं। जिससे हमें सचेत रहने की जरूरत है। हमें बच्चों को भी अपने पर्यावरण से जोड़ना होगा। उनकी रुचि को बढ़ाना होगा। जिस युग में हम हैं, वहां तक आने में बहुत समय लगा है।

हमें प्राकृतिक संसाधनों का सही से प्रयोग करना होगा।नगरीय-महानगरीय संस्कृति से हटकर हम पर्यावरण के बीच रहें।  पर्यावरण को लेकर उन्होंने कहा कि हमें  पर्यावरण को समझना है, उसका संवर्धन करना है। 

विकास के दौर में हमें प्रकृति की चिंता करनी चाहिए, जो हम नहीं कर पा रहे हैं। हमें पेड़ लगाना ही नहीं, बल्कि उसे बचाना भी है। पर्यावरण पर चिंतन किया जाना आवश्यक है। हमें प्रत्येक वर्ष वनारोपण करना होगा।

 इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र सिंह भंडारी ने कहा कि हमें पर्यावरण को बचाने के लिए पूर्ण मनोयोग से कार्य करना होगा। हमें इस पृथ्वी को हरा-भरा बनाने के लिए जनमानस के सहयोग से आगे आना होगा।

 उन्होंने कहा कि हम पर्यावरण के लिए सचेत रहने की आवश्यकता है। हम आयुर्वेद, योग आदि परंपरागत ज्ञान को अपनाते हुए उनको प्रोत्साहित करना होगा। प्रकृति के साथ संतुलन बनाने की आज जरूरत है। अन्यथा हमको बहुत बड़ी क्षति भविष्य में उठानी पड़ेगी।

प्रकृति को बचाते हुए हमें जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय ने कोविड के समय जनमानस को जागरुक करने में और पर्यावरण कर संरक्षण के लिए बेहतर कार्य किया है। योग विज्ञान, पत्रकारिता एवं जनसंचार, मनोविज्ञान, राष्ट्रीय सेवा योजना, कुमाउनी भाषा, शिक्षा  आदि विभागों ने बहुत सराहनीय योगदान दिया है। हमारे शिक्षक, छात्र आदि बेहतर कार्य कर रहे हैं, यह हमारे विश्वविद्यालय के लिए गौरव और सफलता की बात है।

उन्होंने कहा कि पर्यावरण में हो रहे असंतुलन पर ग्लोबल स्तर पर चिंतन किया जा रहा है। इस महामारी के  समय यह चिंता और गहरी हुई है।

 अब हम सभी को पर्यावरण के लिए कार्य करने का समय आया है। प्रकृति से हमने लिया है, अब उसे देने का समय आया है। हम अपने आस-पास किचेन गार्डन विकसित करें और इस धरती माता के वैभव को स्थापित करने का काम करें।  जलवायु परिवर्तन पर बात रखते हुए उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन हो रहा है। हमें जनमानस की सहभागिता से पर्यावरण के संतुलन बनाने की जरूरत है। हमें प्रकृति के साथ हो रहे अनाचार को रोकना होगा। उन्होंने कहा कि जब हम पृथ्वी को हरा-भरा करेंगे तो हमें ऑक्सीजन प्राप्त होगी, जल मिलेगा, हवा मिलेगी। इसलिए सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय ने क्लीन कैंपस ग्रीन कैम्पस, मीत पीपल जैसे अभियानों को जनमानस के सहयोग से शुरू किया है। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि आइये पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन के लिए शपथ लें।

 आभार जताते हुए कार्यक्रम के संयोजक डॉ नवीन भट्ट ने कहा कि हम सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में वृक्षारोपण करते रहेंगे और पृथ्वी को हरा-भरा करने के लिए सहयोग करेंगे। माननीय कुलपति जी के निर्देशन में क्लीन कैंपस ग्रीन कैंपस अभियानों को जान मानस के बीच ले जाकर सभी को इस मुहिम से जोड़ेंगे। इस अवसर पर कूर्मांचल छात्रावास के अधीक्षक डॉ देवेंद्र धामी ने कूर्मांचल छात्रावास में वृक्षारोपण हेतु आये अतिथियों का आभार प्रकट किया।