देहरादून— प्रदेश में चुनाव का बिगुल बच चुका है अब सभी राजनीतिक पार्टियां दमखम दिखाने में जुटी हुई है। एक बार फिर दलबदल का जिन्न आने लगा सामने लगा है।अब तक सत्ता का सुख भोग रहे ​कुछ नेता फिर से अपने पुराने दल में वापस जाने की तैयारी कर में लगे है। ​जी हां पहले काग्रेस से भाजपा में सात्त पर आसीन यशपाल आर्य ने फिर वापस काग्रेस को दामन थाम लिया, अब अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले हरक सिंह रावत को लेकर एक बार फिर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस नेताओं से बढ़ी नजदीकियां और लगातार हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाओं के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा फैसला लेते हुए हरक सिंह रावत को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया है। यही नहीं भाजपा संगठन ने भी बड़ा निर्णय लेते हुए हरक सिंह रावत को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है।
हरीश रावत की कांग्रेस नेताओं से बढ़ी नजदीकियां और लगातार हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाओं के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा फैसला लेते हुए हरक सिंह रावत को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया है। यही नहीं भाजपा संगठन ने भी बड़ा निर्णय लेते हुए हरक सिंह रावत को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। हरक सिह रावत हमेशा से ही पार्टियों को अपने दबाव में रखते रहे हैं हालांकि इससे पहले भी अपनी मांगों को लेकर भाजपा संगठन पर कई मर्तबा दबाव बना चुके हैं लेकिन इस बार भाजपा संगठन पर हरक सिंह रावत का दबाव नहीं चला और भाजपा संगठन ने हरक सिंह रावत को बाहर का रास्ता दिखा दिया। ।और अब देखने वाली बात यह होगी कि कांग्रेस में हरक रावत को कितनी तबज्जु दी जाती है, और ​उन पद दांव खेलती है तो जनता अपना क्या निर्णय देगी।