प्रदेश में जहां एक तरफ प्राइवेट स्कूल अपने विद्यार्थियों के लिए घर बैठे बैठे कोरोनाकाल आल में ऑनलाइन शिक्षा मुहैया करा रहा है जिससे उनकी पढ़ाई में कोई बाधा न पहुंचे, वहीं दूसरी तरफ सरकारी प्राथमिक विद्यालयों की हालत बद से बदतर होते जा रही है। कई ऐसे विद्यालय हैं जहां छात्र संख्या घटकर इकाई के अंक तक सीमित हो चुकी है कारण विद्यालयों में शिक्षकों के पद विगत 3 वर्षो से रिक्त होना और सरकारी शिक्षा से मोहभंग होना है। सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर कर,अभिभावकों को जागरूक कर व समस्त संसाधन मुहैया कराकर स्कूलों को बचाने की चुनौती लेने के बजाय लगातार स्कूल बंद किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि माह नवंबर 2020 में उत्तराखंड डायट डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के लगभग 72 दिन चले दिन-रात शिक्षा निदेशालय देहरादून में धरने के बाद सरकार ने प्राथमिक शिक्षक भर्ती हेतु समस्त जनपदों में रिक्त पदों हेतु विज्ञापन जारी किया तथा संघ की मांग पर भर्ती प्रक्रिया को समय पर संपन्न कराने हेतु एक कैलेंडर भी जारी किया गया।. जिसके अनुसार फरवरी माह में बैकलॉग की भर्ती का परिणाम जारी करने तथा नई भर्ती में प्राप्त आवेदनों की डाटा एंट्री का काम अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह तक संपन्न किया जाना सुनिश्चित किया गया था। जिससे मई के प्रथम सप्ताह में प्राप्त आवेदनों की सूची शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाये। डाइट डीएलएड संघ के प्रदेश अध्यक्ष पवन मुस्यूनी ने बताया कि प्रदेश के सभी जनपदों में डाइट डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार लगातार अपने जनपद के जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक के कार्यालय में जल्द डेटा एंट्री करने हेतु दबाव बना रहे हैं।  किंतु इसी क्रम में जहां एक तरफ बागेश्वर पिथौरागढ़ उधम सिंह नगर जैसे जनपदों में डाटा एंट्री का काम लगभग पूर्ण हो चुका है वहीं दूसरी तरफ जनपद अल्मोड़ा समेत अन्य कुछ जनपदों में डाटा एंट्री का काम अत्यंत धीमी गति से चल रहा है। संबंधित अधिकारियों से पूछने पर बताया जाता है की ऊपर से आदेश आने पर ही डाटा एंट्री के काम में तेजी लायी जाएगी प्रशिक्षित बेरोजगार समझ नहीं पा रहे हैं कि शिक्षा मंत्री और विभाग द्वारा जब एक कैलेंडर जारी कर दिया गया है तो अब ऊपर से कैसा आदेश आना बाकी है जिसके पश्चात ही कार्य में गति आयेगी और वह समय पर पूर्ण होगा।