अल्मोड़ा। किसान वैज्ञानिक पत्रकार संवाद कार्यक्रम के तहत आज विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा पर्वतीय क्षेत्र में जंगली जानवरों से खेती को बचाने के लिए एक अनूठी और तकनीकी पहल की जानकारी किसानों को दी गई। यह तकनीकी पहल विवेकानंद कृषि अनुसंधान संस्थान ने आईओटी एक कंपनी के साथ मिलकर की है जिसके तहत पर्वतीय क्षेत्र में बंदरों, चोरों के आतंक से निजात दिलाने के लिए एक विशेष प्रकार की गन तैयार की है जिसमें कार्बेट डालकर और दो बूंद पानी डालकर 15 सेकंड के बाद एक धमाका होता है आवाज को सुनकर बंदर भाग जाते हैं जिस समय किसानों को लगे कि बंदरों का झुंड नुकसान पहुंचाने के लिए आ रहा है उस समय इस प्रकार का फायर करें तो बंदर उस एरिया में नहीं आते हैं और दूसरा एक विशेष प्रकार का आवाज निकालने वाला बॉक्स बनाया गया है जिसमें से अलग-अलग प्रकार की आवाजें निकलती है और यह आवाजों को सुनकर बंदर और सूअर उस स्थान को छोड़कर भाग जाते हैं। देखने वाली बात यह है कि यह बॉक्स बिजली और सौर ऊर्जा दोनों से संचालित होता है और इंटरनेट के जरिए अपने घर से ही अपने एंड्रॉयड मोबाइल से इसको ऑन ऑफ कर सकते हैं। इस बॉक्स की कीमत इस समय 25 से 30 हज़ार है। यह बॉक्स लगभग 6 एकड़ कृषि भूमि को कवर करता है किसानों को सामूहिक रूप में इस बॉक्स को खरीद कर अपने खेत में डंडे के सहारे लगा देना है और अपने घर से ही अपने मोबाइल से संचालित कर सकते हैं। संस्थान का कहना है कि इस बॉक्स की कीमत एक आम किसान के लिए वैसे तो बहुत ज्यादा है परंतु सामूहिक रूप में किसान इसको खरीद सकते हैं जल्दी ही संस्थान इस बारे में उत्तराखंड शासन से बात करके किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी के तहत इन यंत्रों को उपलब्ध कराने का प्रयास करेगा।