कथा व्यास मनोज कृष्ण जोशी ने कुमाऊँनी में किया रासलीला और बाल लीलाओं का भावपूर्ण वर्णन
संवाददाता, अल्मोड़ा।
मनान पथरिया स्थित प्राचीन रतकोट मंदिर परिसर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा का पाँचवाँ दिन भावपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर कथा व्यास मनोज कृष्ण जोशी ने विशुद्ध कुमाऊँनी भाषा में कथा वाचन करते हुए भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं, रासलीला एवं हरि नाम के महत्व का विस्तार से वर्णन किया।
कथा के दौरान व्यासपीठ से पूतना वध, यशोदा संग बाल कृष्ण की शरारतें, माखन चोरी, कालिया नाग मर्दन, गो प्रेम जैसे प्रसंगों ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि कलियुग में केवल हरि नाम का स्मरण ही मोक्ष का साधन है। श्रीमद्भागवत कथा को उन्होंने ज्ञान, वैराग्य और हरि प्राप्ति का मार्ग बताया।
रासलीला प्रसंग में उन्होंने भगवान कृष्ण और गोपियों के प्रेम की दिव्यता को सरस भावों के साथ प्रस्तुत किया। इसके साथ ही उन्होंने कंस द्वारा मथुरा बुलावे एवं बलराम संग यात्रा के वर्णन को भी रोचक शैली में सुनाया। कथा के दौरान भजनों का गायन हुआ, जिससे वातावरण भक्तिमय हो उठा।
इस कथा महोत्सव के मुख्य यजमान श्री राजन पांडे हैं। मंदिर कमेटी अध्यक्ष श्री आशुतोष पांडे ने बताया कि यज्ञ की पूर्णाहुति 23 जुलाई 2025 को सम्पन्न होगी। आयोजन को सफल बनाने में श्री जीवन उप्रेती, मोहन उप्रेती, रणजीत सिंह अधिकारी समेत कई श्रद्धालु सेवाकार्य में लगे हुए हैं।
श्रद्धालु बड़ी संख्या में प्रतिदिन मंदिर पहुंचकर कथा का रसपान कर रहे हैं और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर हो रहे हैं। मंदिर परिसर में विशेष सजावट और व्यवस्था की गई है।