अल्मोड़ा।
कुमाऊं की सबसे प्राचीन एवं प्रतिष्ठित श्री नंदा देवी रामलीला का मंचन इस वर्ष भी पारंपरिक भव्यता और श्रद्धा के साथ किया जाएगा। रामलीला मंचन 2025 के सफल संचालन हेतु आज त्रिपुरा सुंदरी मंदिर परिसर स्थित तालीम कक्ष में कमेटी की एक महत्वपूर्ण बैठक आहुत की गई।
बैठक की अध्यक्षता कमेटी अध्यक्ष कुलदीप सिंह मेर ने की, जबकि संचालन सचिव अर्जुन सिंह बिष्ट (चीमा) ने किया। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि विगत वर्ष की कार्यकारिणी को ही पुनः इस वर्ष के आयोजन हेतु दायित्व सौंपा जाएगा।
रामलीला की तालीम 20 जुलाई से प्रतिदिन सांय 7 बजे से प्रारंभ होगी। कमेटी ने सभी इच्छुक कलाकारों एवं प्रतिभागियों से अनुरोध किया है कि वे समय पर तालीम में उपस्थित होकर मंचन को भव्यता प्रदान करें।
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श्रद्धांजलि अर्पित की गई
बैठक के पश्चात रामलीला कमेटी के उपाध्यक्ष स्व. संतोष मिश्रा तथा निर्देशक स्व. मोहन जोशी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया गया। कमेटी के समस्त पदाधिकारियों और सदस्यों द्वारा 2 मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं की शांति हेतु प्रार्थना की गई।
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उपस्थित पदाधिकारी
इस अवसर पर रामलीला कमेटी के अनेक पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से —
अतुल वर्मा, महेंद्र सिंह बिष्ट, अमरनाथ सिंह नेगी, अनिल सनवाल, राजेश पालनी, प्रकाश जोशी, चंद्र मोहन परगाई, जगदीश बिष्ट, दीपक वर्मा, दिनेश साह, पुनीत बगढ़वाल, शशि मोहन पांडे, मानवेन्द्र साह, नरेन्द्र वर्मा, लोकेश तिवारी, नमन बिष्ट, नवल बिष्ट, हितेश वर्मा, गौरव कनवाल, पंकज परगाई, द्रोण नेगी, संदेश नेगी, हिमांशु परगाई, संचित वर्मा आदि मौजूद रहे।
सचिव अर्जुन सिंह बिष्ट (पार्षद)
श्री नंदा देवी रामलीला कमेटी, अल्मोड़ा ने कहा कि
“श्री नंदा देवी रामलीला केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि हमारी आस्था, परंपरा और लोकसंस्कृति की अमूल्य धरोहर है। यह मंचन अल्मोड़ा की पहचान है और हमें गर्व है कि हम इसकी सेवा में अपना योगदान दे पा रहे हैं।
हर वर्ष की भांति इस बार भी रामलीला को और अधिक अनुशासित, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और जनसहभागिता से पूर्ण बनाने का प्रयास किया जाएगा।
मैं सभी नगरवासियों, विशेषकर युवाओं से निवेदन करता हूं कि वे आगे आकर इस सांस्कृतिक पर्व का हिस्सा बनें। रामलीला केवल मंच पर अभिनय नहीं, यह आत्मा से जुड़ने और समाज को मर्यादा, नैतिकता एवं संस्कार सिखाने का माध्यम है।”