सीएमएस ने डॉक्टर भेजने से किया इंकार, डीएम व सीएमओ से समाधान की मांग
अल्मोड़ा।
बेस मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा में गायनिक (स्त्री एवं प्रसूति रोग) विभाग में चिकित्सकों की भारी कमी के चलते मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में विभाग में केवल एकमात्र डॉक्टर डॉ. उषा रावत ही कार्यरत हैं, जबकि अन्य दो चिकित्साएं अवकाश पर या अन्यत्र हैं। ऐसे में डॉ. रावत पर भारी कार्यभार पड़ रहा है।
वहीं दूसरी ओर जिला अस्पताल अल्मोड़ा में तीन गायनी डॉक्टर तैनात होने के बावजूद वे मरीजों को उपचार देने की बजाय बेस अस्पताल को रेफर कर रहे हैं। गंभीर स्थिति यह है कि बेस से रेफर मरीजों को हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी अस्पताल भेजा जा रहा है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को मानसिक, आर्थिक और शारीरिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों ने जिला अधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) से आग्रह किया है कि कम से कम एक गायनी डॉक्टर को पार्ट टाइम के रूप में बेस मेडिकल कॉलेज में तैनात किया जाए ताकि मरीजों को राहत मिल सके।
हालांकि, इस संबंध में जब स्थानीय लोगों ने सीएमएस जिला अस्पताल से बात की गई तो उन्होंने डॉक्टर भेजने से साफ इनकार कर दिया। उनका कहना है कि वे अपनी ओर से डॉक्टर भेजने में असमर्थ हैं।
इस रवैये से नाराज स्थानीय लोगों ने कहा कि रेफर सिस्टम को तत्काल रोका जाए और जिला प्रशासन को इसमें हस्तक्षेप कर त्वरित समाधान निकालना चाहिए। अगर जिला अस्पताल में पर्याप्त स्टाफ मौजूद है तो एक डॉक्टर को अस्थायी रूप से बेस मेडिकल कॉलेज भेजा जा सकता है।
जनहित को देखते हुए जिला प्रशासन को इसमें गंभीरता दिखानी चाहिए, जिससे गर्भवती महिलाओं और अन्य स्त्री रोग से पीड़ित मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके और उन्हें रेफर की पीड़ा से मुक्ति मिल सके।
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