अल्मोड़ा – उत्तराखंड की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर मानी जाने वाली मां नंदा राजजात यात्रा को लेकर इस वर्ष तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं। इस पावन यात्रा को सफल और भव्य बनाने के लिए प्रशासन ने सक्रियता दिखाते हुए आवश्यक कदम उठाने प्रारंभ कर दिए हैं। इसी क्रम में अल्मोड़ा के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) दिवेश शासनी ने नंदा देवी मंदिर समिति के सदस्यों के साथ एक अहम बैठक की, जिसमें यात्रा से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं और संभावित चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में नंदा देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष मनोज वर्मा ने यात्रा की पूरी रूपरेखा सीडीओ और अन्य उपस्थित अधिकारियों के समक्ष रखी। उन्होंने बताया कि यात्रा किस प्रकार से संचालित की जाती है, इसमें किन-किन स्थानों से होकर यात्रा गुजरेगी और इसमें सम्मिलित होने वाले श्रद्धालुओं के लिए क्या-क्या व्यवस्थाएं आवश्यक होंगी। वर्मा ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति और परंपराओं को भी जीवित रखती है।

सीडीओ दिवेश शासनी ने यात्रा की तैयारियों की बारीकी से जानकारी लेते हुए कहा कि प्रशासन का लक्ष्य इस बार यात्रा को पहले से अधिक भव्य और सुव्यवस्थित बनाना है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को यात्रा मार्ग का निरीक्षण कर एक विस्तृत रोड मैप तैयार करने के निर्देश दिए, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि आगे चलकर एक और बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें अब तक की प्रगति की समीक्षा की जाएगी और अगली रणनीति तय की जाएगी।
इस महत्वपूर्ण बैठक में नंदा देवी मंदिर समिति के व्यवस्थापक अनूप साह, पार्षद अमित साह (मोनू), पार्षद अर्जुन बिष्ट, पत्रकार कपिल मल्होत्रा, पर्यटन विभाग के अधिकारी, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी तथा अन्य संबंधित विभागों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। सभी ने यात्रा को सफल बनाने हेतु अपने सुझाव दिए और सहयोग का आश्वासन दिया।
इस बैठक से यह स्पष्ट हो गया है कि प्रशासन और स्थानीय समितियां इस यात्रा को लेकर गंभीर हैं और इसकी तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। मां नंदा की यह राजजात यात्रा न केवल श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, बल्कि यह उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान भी है। प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों से यह उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष की यात्रा ऐतिहासिक रूप से यादगार और व्यवस्थित होगी।